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खाद्य श्रृंखला कितने प्रकार की होती है

खाद्य श्रृंखला कितने प्रकार की होती है

खाद्य श्रृंखला व्यक्तियों के बीच का संबंध है जो एक रैखिक श्रृंखला का निर्माण करती है। एक पारितंत्र की खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर तक प्रवाहित होती है।

खाद्य श्रृंखला प्रमुख रूप से दो प्रकार की होती है

1. स्थलीय खाद्य श्रृंखला-स्थलीय आवास के आधार पर बनने वाली खाद्य श्रृंखला स्थलीय खाद्य श्रृंखला कहलाती | है; जैसे- घास – कीट – मेंढक → साँप – पक्षी।
2. जलीय खाद्य श्रृंखला-जब कोई खाद्य श्रृंखला किसी जल स्रोत; जैसे तालाब, झील, समुद्र, नदी आदि में विद्यमान हो तो उसे जलीय खाद्य श्रृंखला कहते हैं; जैसे- जलीय पौधा → प्रोटोजोआ → छोटी मछली → बड़ी मछली।

खाद्य जाल का महत्व क्या है?

इस आहार स्रोत के अभाव में जीव की समष्टि नष्ट हो जाएगी। इस प्रकार खाद्य जाल पारितंत्र के भीतर जैविक समुदाय के स्थायित्व को सुनिश्चित करता है। उष्णकटिबंधीय जलवायु में हमें आमतौर से सम्मिश्र खाद्य श्रृंखलाएं ही देखने को मिलती हैं। शीतोष्ण जलवायु में आहार श्रृंखलाएं बहुत सरल प्रकार की होती हैं।

खाद्य जाल कितने प्रकार की होती है?

सामान्यत: दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएं पाई जाती है। चराई खाद्य श्रृंखला पौधें (उत्पादक) से आरम्भ होकर मांसाहारी (तृतीयक उपभोक्ता) तक जाती है, जिसमें शाकाहारी मध्यम स्तर पर है।

खाद्य श्रृंखला में सबसे ज्यादा संख्या किसकी होती है?

स्थिर पारितन्त्र में खाद्य श्रृंखला में उत्पादकों की संख्या सर्वाधिक होती है , क्योंकि उत्पादक पर प्राथमिक उपभोक्ता आश्रित होते है तथा इन पर क्रमशः द्वितीयक एवं सर्वोच्च उपभोक्ता आश्रित होते है। तथा इन पर क्रमशः द्वितीयक एवं सर्वोच्च उपभोक्ता आश्रित होते है।

खाद्य श्रृंखला कैसे बनाते हैं?

प्राथमिक उत्पाद (हरे पौधे), प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता एवं अपघटनकर्ता (कवक एवं जीवाणु) आपस में मिलकर खाद्य श्रृंखला (Food Chain) का निर्माण करते है क्योंकि वे आपस में एक-दूसरे का भक्षण करते है और भक्षक या भोज्य के रूप में सम्बन्धित रहते है।

खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है?

खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा प्रवाह-  (i) पौधे सौर ऊर्जा को ग्रहण करते हैं तथा उसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं। पौधे उन तक आने वाली सौर ऊर्जा का केवल 1% भाग ही उपयोग में ला पाते हैं। <br> (ii) शाकाहारी जीव पौधे तथा उनके उत्पादों को खाते हैं तथा ऊर्जा प्रथम उपभोक्ताओं तक स्थानांतरित हो जाती है।

खाद्य श्रृंखला में मनुष्य क्या है?

मनुष्य को तब प्राथमिक उपभोक्ता माना जा सकता है जब वे पौधों और उनके उत्पादों पर भोजन करते हैं। जब वे प्राथमिक उपभोक्ता जानवरों को खाते हैं, तो उन्हें द्वितीयक उपभोक्ता भी माना जा सकता है। इसलिए, मनुष्य एक विशेष प्रकार की खाद्य श्रृंखला के दूसरे और साथ ही तीसरे पोषी स्तर पर हो सकता है।

आहार श्रृंखला क्या है

किसी भी प्राकृतिक समुदाय में पाया जाने वाला जीवधारियों का क्रम जिसके माध्यम से ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है। पौधों से शुरू होने वाले इस क्रम में प्रत्येक जीव अपने से पहले जीव पर भोजन या ऊर्जा के लिए निर्भर होता है। एक जीव से दूसरे जीव में आहार ऊर्जा के स्थानान्तरण की श्रृंखला।

खाद्य जाल से आप क्या समझते हैं?

इस प्रकार खाद्य जाल किसी पारितंत्र में एक-दूसरे से संयोजित खाद्य शृंखलाओं का एक नेटवर्क है। एक जंतु विभिन्न खाद्य शृंखलाओं का सदस्य हो सकता है। उदाहरण के लिये एक पौधा एक ही समय में अनेक शाकभक्षियों का भोजन हो सकता है, जैसे घास पर खरगोश अथवा टिड्डा या बकरी अथवा सभी निर्भर रहते हैं।

खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल में क्या अंतर है?

खाद्य श्रृंखला खाद्य जाल
1. खाद्य श्रृंखला जीवो वह श्रृंखला है जिसमें एक समुदाय के एक जीव से दूसरे जीव में खाद्य ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। 1. यह बहुत सी खाद्य श्रृंखला का एक जाल है जो एक प्रकार के परितंत्र में पाया जाता है।
2. खाद्य श्रृंखला में जीवो की संख्या सीमित होती है। 2. खाद्य जाल में जीवों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक तथा असीमित हो सकती है।
3. एक खाद्य स्तर का जीव दूसरे खाद्य स्तर के जीव से जुड़ता है। 3. एक जीव का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में एक से अधिक खाद्य श्रृंखला जीवो द्वारा किया जा सकता है।
4. इसमें उत्पादक, विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ता तथा अपघटक सम्मिलित होते हैं। 4. इसमें विभिन्न जीव समुदाय के उपभोक्ता तथा अपघटक सम्मिलित होते हैं।
5. यह एक सरल प्रक्रिया है। 5. यह एक जटिल प्रक्रिया है।

 

खाद्य श्रृंखला के तीन महत्व क्या हैं?

1 यह उन जीवों की सूची दिखाता है जो किसको खाते हैं ।
2 पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखता है।
3 ऊर्जा एक उष्णकटिबंधीय से दूसरे उष्णकटिबंधीय में स्थानांतरित की जाती है।

खाद्य श्रृंखला कहाँ से शुरू होती है?

प्रकाश संश्लेषण

एक खाद्य श्रृंखला प्राथमिक ऊर्जा स्रोत से शुरू होती है, आमतौर पर सूरज या उबलते-गर्म गहरे समुद्र में।

खाद्य श्रृंखला के क्या फायदे हैं?

खाद्य श्रृंखला महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे पारिस्थितिक तंत्र में जटिल संबंधों को दर्शाती हैं । यह देखा गया है कि खाद्य श्रृंखलाओं में, प्रत्येक जीव एक पारिस्थितिकी तंत्र में एक विशिष्ट स्थान भरता है। खाद्य श्रृंखलाएं बताती हैं कि कैसे प्रत्येक जीव जीवित रहने के लिए किसी और पर निर्भर करता है।

आहार श्रृंखला क्या है 

आहार श्रृंखला-किसी पारिस्थितिक तंत्र में एक जीव द्वारा दूसरे जीव को खाने की क्रमबद्ध प्रक्रिया आहार श्रृंखला कहलाती है

आहार श्रृंखला में पौधे क्या कहलाते हैं?

इस प्रक्रिया को प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) कहते हैं। पेड़-पौधे, जो सूर्य प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अलग भोजन उत्पन्न करते हैं, आहार श्रृंखला का आधार कहलाते हैं।

आहार श्रृंखला के जाल को क्या कहते हैं?

अतः एक सीधी आहार शृंखला के बजाय जीवों के मध्य आहार संबंध शाखान्वित होते हैं तथा शाखान्वित शृंखलाओं का एक जाल बनाते हैं जिससे ‘आहार जाल’ कहते हैं।

आहार जाल का निर्माण कैसे होता है

हर खाद्य श्रृंखला में प्राथमिक उत्पादक, प्राथमिक उपभोक्ता, द्वितीयक उपभोक्ता, तृतीयक उपभोक्ता एवं उच्च उपभोक्ता में सीधा एवं सरल संबंध होता है। लेकिन जब कई प्रकार के जन्तु एक ही प्रकार के भोज्य पदार्थ खाते हैं या एक ही प्रकार की जाति कही प्रकार के भोज्य जन्तुओं का भक्षण करते हैं तो आहार श्रृंखला जटिल हो जाती है। इसी प्रकार की जटिल खाद्य श्रृंखला को ही आहार जाल कहते हैं।

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