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साइटोकाइनिन हार्मोन के कार्य

साइटोकाइनिन हार्मोन के कार्य

साइटोकाइनिन के अंतर्गत (1) काइनिन (ii) केलाइन, (iii) जिस्टिन (iv) फ्लोकोजिन आदि पदार्थ आते हैं जो कि प्रोटीन निर्माण में सहायक होते हैं।

साइटोकाइनिन के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं

(1) प्रोटीन के उत्पादन (संश्लेषण) में सहायता करना।
(2) कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि करना।
(3) अंकुरण के समय उत्प्रेरक उत्पन्न करना।
(4) पाश्र्व कलिकाओं की वृद्धि करना।
(5) मूल की वृद्धि को रोकना।
(6) पत्तियों की वृद्धि को रोकना।
(7) तने की लंबाई में वृद्धि करना।
(8) जड़ों एवं तनों में विभज्योतक (Meristems) के निर्माण को प्रेरित करना।
(9) क्लोरोफिल (Chlorophyll) को काफ़ी समय तक नष्ट होने से रोकना।

इससे संबंधित और प्रश्न उत्तर

साइटोकिनिन का मुख्य कार्य क्या है?

साइटोकाइनिन के चार कार्य निम्नांकित हैं-
(i) बीज अंकुरण को प्रेरित करना।
(ii) इसका मुख्य कार्य कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि करना है।
(iii) ये पत्तियों की वृद्धि को रोकते हैं तथा तने की लम्बाई में वृद्धि करते हैं।
(iv) ये प्रोटीन निर्माण में सहायक होते हैं।

साइटोकिनिन का उत्पादन कहां होता है?

साइटोकिनिन जड़ों में संश्लेषित होते हैं और आमतौर पर एडेनिन से प्राप्त होते हैं। वे जाइलम (वुडी ऊतक) में ऊपर की ओर बढ़ते हैं और पत्तियों और फलों में चले जाते हैं, जहां सामान्य वृद्धि और कोशिका विभेदन के लिए उनकी आवश्यकता होती है।

साइटोकिनिन की खोज कब हुई?

साइटोकाइनिन की खोज सर्वप्रथम निकोटियाना टोबेकम (तंबाकू) के कैलस ऊतक संवर्धन के समय मिलर, स्कूग और स्ट्रॉन्ग (1955) द्वारा की गयी थी।

साइटोकिनिन कितने होते हैं?

साइटोकिनिन दो प्रकार के होते हैं: एडेनिन-प्रकार के साइटोकिनिन, जो किनेटिन , ज़ेटिन , और 6-बेंजाइलामिनोप्यूरिन द्वारा दर्शाए जाते हैं , और फेनिलयूरिया-प्रकार के साइटोकिनिन जैसे डिपेनिलयूरिया और थिडियाज़ुरोन ( टीडीजेड ) । अधिकांश एडेनिन-प्रकार के साइटोकिनिन जड़ों में संश्लेषित होते हैं।  कैम्बियम और अन्य सक्रिय रूप से विभाजित होने वाले ऊतक भी साइटोकिनिन को संश्लेषित करते हैं। पौधों में कोई फेनिलयूरिया साइटोकिनिन नहीं पाया गया है।  साइटोकिनिन स्थानीय और लंबी दूरी के सिग्नलिंग में भाग लेते हैं, जिसमें प्यूरीन और न्यूक्लियोसाइड के समान परिवहन तंत्र होता है। आमतौर पर, साइटोकिनिन को जाइलम में ले जाया जाता है.

साइटोकिन्स और हार्मोन में क्या अंतर है?

साइटोकिन्स और हार्मोन के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि साइटोकिन्स छोटे प्रोटीन होते हैं जबकि हार्मोन प्रोटीन, स्टेरॉयड, अमीनो एसिड डेरिवेटिव, फैटी एसिड डेरिवेटिव आदि हो सकते हैं । साइटोकिन्स और हार्मोन हमारे शरीर में पाए जाने वाले रसायन हैं, जो रासायनिक संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हैं।

साइटोकिनिन का मतलब क्या होता है?

ये कोशिका विभाजन को उद्दीपित करते हैं। ये जीर्णता को रोकते हैं और पर्णहरित को नष्ट नहीं होने देते हैं, कोशिका में पोषक गति को बढ़ाते हैं और वृद्धि और परिवर्धन को नियंत्रित करते हैं।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन कहाँ से निकलता है?

ऑक्सीटॉसिन एक हैप्पी हॉर्मोन है. इस हॉर्मोन का उत्पादन ब्रेन में मौजूद हाइपोथैलेमस द्वारा होता है और दिमाग का पोस्टीरियर पिट्यूटरी लोब इस हार्मोन को रिलीज़ करता है. ये एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है. महिला और पुरुष दोनों में ही ये हार्मोन बनता है.

ऑक्सिन का क्या कार्य है?

कार्य-1-पौधे में शीर्ष प्रमुखता होना तथा पार्श्वीय कक्षीय कलिकाओं की वृद्धि रुक जाना। 2-पत्तियों का विलगन रोकता है। 3-फसलों को गिरने से बचाता है।

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