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बढ़ई के औजारों के नाम

बढ़ई के औजारों के नाम

Carpentry Tools In Hindi : कारपेन्ट्री का कार्य करने वाले को कारपेन्टर या बढ़ई कहा जाता है। अभियांत्रिकी क्षेत्र (Engineering Field) में कारपेन्ट्री व्यवसाय का विशेष महत्त्व है। यह कारखानों एवं व्यक्तिगत जीवन के लिए मुख्य आधार है। इस व्यवसाय की सहायता से जिन वस्तुओं को तैयार किया जाता है, वह सामान्यतया सभी कार्यों में प्रयोग की जाती है। इस व्यवसाय के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न कार्य क्षेत्रों के कारण यह व्यवसाय विभिन्न व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाता है, अतः देश के औद्योगिक विकास में कारपेन्ट्री व्यवसाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस व्यवसाय द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात (Export) किया जाता है, जिससे देश के औद्योगिक विकास (Industrial Development) में वृद्धि होती है।

कारपेंटर (बढ़ई) भवनों के लिये दरवाजे, खिड़कियाँ, रोशनदान, अलमारियाँ आदि बनाता है तथा घर को सुंदर बनाने के लिए फर्नीचर, साज समान आदि तथा दुकानों, होटलों आदि का फर्नीचर तथा रूप सज्जा का कार्य तथा इन्डस्ट्रीज के लिये सांचों आदि का कार्य भी वही करता है। इस तरह कारपेंटर का देश के विकास में बड़ा महत्त्वपूर्ण योगदान होता है.

कारपेंटरी के औजार

Carpentry Tools In Hindi : कारपेंटरी के कार्य के लिये कई प्रकार के औजारों का प्रयोग किया जाता है जिनका विवरण निम्न प्रकार से है।

1. काटने वाले औजार

A.आरियां (Saws) : आरी, बढ़ई (Carpenter) का महत्त्वपूर्ण औजार है। लकड़ी को काटने में जिन औजारों का उपयोग किया जाता है, उन्हें चीरने वाला औजार या आरी कहते हैं। अलग-अलग कामों में उपयोग करने के लिए अलग-अलग तरह की आरियां होती हैं। इसके निम्नलिखित प्रकार है .

  • हस्त आरी (Hand Saw)
  • क्रॉस-कट आरी (Cross-Cut Saw)
  • रिप आरी (Rip Saw)
  • टेनन आरी (Tenon Saw)
  • डवटेल आरी (Dovetail Saw)
  • पैड आरी या की-होल आरी (Pad Saw or Key-hole Saw)
  • कम्पास आरी (Compass Saw)
  • बो आरी (Bow Saw)
  • हैक आरी (Hack Saw)
  • कॉपिग आरी (Coping Saw)
  • फ्रेट आरी या जिग आरी (Fret Saw or Zig Saw)
  • पोर्टेबल कृताकार आरी (Portable Circular Saw)

2.निशान लगाने वाले तथा मापने वाले औजार

मार्किंग पंच (MARKING PUNCH) : किसी जॉब पर निश्चित माप को स्थाई करने के लिए मार्किग पंच (Marking Punch) का उपयोग किया जाता है। कार्य के अनुसार पंच निम्नलिखित प्रकार के होते हैं.

1. केन्द्र पंच (Centre Punch)
2. प्रिक पंच (Prick Punch)
3. डॉट पंच (Dot Punch)
4. खोखला पंच (Hollow Punch)
5. पिन पंच (Pin Punch)
6. बेल सेन्टर पंच (Bell Centre Punch)
7. वेड पंच (Wad Punch)
8. ठोस पंच (Solid Punch)
9. अक्षर एवं संख्या पंच (Letter and Number Punch)

मार्किंग पंच के लिए सावधानियां

मार्किंग पंच के लिए सावधानियां निम्न प्रकार हैं
1. पंच का प्वॉइन्ट तेज धार वाला तथा नुकीला होना चाहिए।
2. पंच के अनुसार हैमर का प्रयोग करना चाहिए।
3. पंच के हैड पर मशरूम (Mushroom) आने पर उसे ग्राइण्ड कर देना चाहिए।
4. पच का प्रयोग कठोर धातुओं पर नहीं करना चाहिए।
5. खोखले (Hollow) पंच का प्रयोग मोटे जॉब्स पर नहीं करना चाहिए।
6. पंच द्वारा पंचिंग चिन्ह की दूरी 3 मिमी से 5 मिमी के मध्य होनी चाहिए।
7. कार्य से पूर्व पंच के कोण को जांच (Check) लेना चाहिए।

3.ठोकने वाले औजार

कारपेन्ट्री में चीजलों (Chisels) से काम करने के दौरान प्रहार करने, लकडी या लोहे की कीलें ठोकने या जोड़ों को ठोकने के लिए चोट करने वाले औजार काम आते हैं। इनमें से कुछ औजार ऐसे भी होते हैं, जो चोट करने के साथ काटने का काम भी करते हैं.हथौडे/हैमर (Hammer) भिन्न-भिन्न पदार्थ के बनाए जाते हैं। फिटिंग शॉप में तथा मशीन शॉप में प्रयोग किए जाने वाले हथौड़े कास्ट स्टील व ड्रॉप फोर्ज कार्बन स्टील के बनते हैं। शीट मेटल वर्क में प्रयोग होने वाले हथौड़े रबर (Rubber), नायलॉन (Nylon), कठोर लकड़ी । (Hard Wood). प्लास्टिक (Plastic) आदि के बनाए जाते हैं।

हथौड़े के प्रकार

1, हैण्ड हैमर (Hand Hammer)
2. स्लेज हैमर (Sledge Hammer)
3. पावर हैमर (Power Hammer)
4. सॉफ्ट हैमर (Soft Hammer)
5. क्लॉ हेमर (Claw Hammer)

विशेष प्रयोजन के लिए प्रयुक्त हथौड़ा

इंजीनियरिंग एवं स्टील के हथौडों का प्रयोग सभी प्रकार के कार्यों में किया जाता है। कार्य के दौरान जॉब क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए विशेष प्रयोजन वाले हथौड़ों का प्रयोग किया जाता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं.

  • तांबे का हथौड़ा (Copper Hammers)
  • प्लास्टिक का हथौड़ा (Plastic Hammers)
  • सीसे का हथौड़ा (Lead Hammers)
  • लकड़ी और रबर के मैलेट (Wooden and Rubber Mallets)
  • रॉहाइड मैलेट (Rawhide Mallet)

4.पकड़ने वाले औजार

हाथ के औजारों से गढ़ने के लिए लकड़ी को स्थिर रखना जरूरी होता है। धारक औजार द्वारा काम में ली जा रही लकड़ी को कसकर पकड़े रखना होता है, जिससे उस पर आसानी से कोई भी काम किया जा सके। बढ़ईगिरी के लिए सबसे पहले मेज या बैंच की जरूरत पड़ती है, जिस पर कार्यखण्ड (Job) को पकड़ने के लिए एक वाइस (Vice) लगी होती है.

वाइस के प्रकार

  • बैंच वाइस
  • हैण्ड वाइस
  • मशीन वाइस
  • लैग वाइस
  • पाइप वाइस
  • पीन वाइस
  • टूल मेकर्स वाइस

क्लैम्प

यह एक प्रकार का वाइसनुमा क्लैम्प है। इसमें पैरेलल Jaw होते हैं जिसमें एक Jaw में आर-पार चूड़ियां कटी होती हैं, जबकि दूसरा वाला ब्लाइंड होल होता है। दूसरे Jaw  के दोनों छिद्रों में आर-पार चूड़ी कटी होती हैं। इन चूड़ी वाले छिद्रों में दो स्क्रू एक-दूसरे की विपरीत दिशा में फिट । होते हैं। एक स्क्रू के हैड को स्प्रिंग द्वारा एक ही जगह स्थिर कर लिया जाता है। स्थिर वाले स्क्रू रॉड को दक्षिणावर्त (Clockwise) घुमाने पर और दूसरे । रॉड को भी दक्षिणावर्त घुमाएं तो दोनों जॉ (Jaw) आपस में मिलते हैं अर्थात् । इनके बीच जॉब को क्लैम्प किया जाता है। इसी प्रकार दोनों को विपरीत दिशा में घुमाने से ये खुलते हैं। फिनिश्ड पार्ट्स को पकड़ने में तथा उन पर मार्किंग, ड्रिलिंग, फाइलिंग इत्यादि ऑपरेशन करने में इसका प्रयोग किया जाता है।

5.सतह को समतल करने वाले औजार

चपटी व गोलाई वाली सतह पर खुरचने के लिए उपयोग आने वाले औजार, खुरचने के औजार (Scraping Tools) कहलाते हैं जबकि वे औजार जो काष्ठ सामग्री व फर्नीचर को चिकना बनाने और घिसकर साफ करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, वे सफाई करने वाले औजार (Finishing Tools) कहलाते हैं.

लकडी की सतह की सफाई, समतलन या माप को कम करने के लिए। समतलन औजारों की आवश्यकता पड़ती है। ये निम्न प्रकार के होते हैं –
1.रन्दा (Plane)
2. आरा छीलक (Spoke Shave)
3. छीलक छुरे (Draw Knife)

6.सुराख बनाने वाले औजार

ड्रिल

वर्कशॉप में प्रतिदिन छिद्र करने की आवश्यकता रहती है, अतः इन छिद्रों को बनाने के लिए जिस कटिंग टूल का प्रयोग किया जाता है उसे ड्रिल (Drill) अथवा बरमा कहते हैं। ड्रिल के द्वारा किसी भी धातु में गोल छिद्र किए जा सकते हैं। यह हाई कार्बन स्टील, हाई स्पीड स्टील के बने होते हैं।

ड्रिल के प्रकार

ड्रिल निम्न प्रकार के होते हैं
1. फ्लैट ड्रिल (Flat Drill)
2. स्ट्रेट फ्लूटेड ड्रिल (Straight Fluted Drill)
3. ट्विस्ट फ्लूटेड ड्रिल (Twist Fluted Drill)
4. टेपर गैंक कोर ड्रिल (Taper Shank Core Drill)
5. सेन्टर ड्रिल (Centre Drill)
6. ऑयल होल ड्रिल (Oil Hole Drill)

7.अन्य अतिरिक्त औजार

ऊपर दिये गये औजारों के अतिरिक्त कारपेंटरी के काम में प्रयोग होने वाले अन्य औजारों में से कुछ का वर्णन नीचे दिया गया है।
1. स्क्रू ड्राइवर (Screw Driver) : इसको पेचकस भी कहते हैं। तथा इसका प्रयोग पेच कसने के लिये किया जाता है। यह अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
2. सा-सेटर (Saw Setter) : इसका प्रयोग आरी के दाँत सही तथा तेज करने के लिये किया जाता है।
3. फाइल (File) : इसका प्रयोग लकड़ी के तल को समतल तथा चिकना बनाने के लिये किया जाता है तथा आरी के दाँत तेज करने में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसको रेती भी कहते
4. पिन्सर (Pincer) : इसका प्रयोग आमतौर पर लकड़ी में से कील निकालने के लिये किया जाता है। 5. आयल स्टोन (Oil Stone) : इसको पत्थरी भी कहते हैं तथा इसका प्रयोग चिजल, रंदे की कटिंग प्लेट तथा अन्य औजारों को तेज करने के लिये किया जाता है। इस काम के लिये कारबोरन्डम स्टोन का प्रयोग भी किया जाता है।
6. व्हील ब्रेस (Wheel Brace) : रैचेट ब्रेस की तरह इसका प्रयोग भी लकड़ी में सुराख बनाने के लिये किया जाता है।

इस पोस्ट में आपको बढ़ई के औजार के नाम कारपेंटर टूल्स in hindi कारपेंटर टूल्स name औजार के नाम in hindi औजार के नाम in english बढ़ई उपकरण नाम छवियों से संबधित पूरी जानकारी दी गयी है .अगर इसके बारे में कोई भी सवाल या सुझाव होतो नीचे कमेंट करके पूछे .

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