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भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नज़र रखता है?

भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नज़र रखता है?

भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर नज़र रखता है क्योंकि हर एक बैंक को अपने पास जमा पूँजी की एक न्यूनतम नकद अपने पास बना कर रखनी पड़ती है। भारतीय रिज़र्व बैंक नज़र रखता है कि बैंक वास्तव में नकद शेष बनाए हुए हैं। इस तरह रिज़र्व बैंक इस पर भी नज़र रखता है कि बैंक केवल लाभ अर्जित करने वाली इकाइयों और व्यापारियों को ही तो ऋण मुहैया नहीं करा रहे बल्कि छोटे किसानों, छोटे उद्योगपतियों, छोटे कर्जदारों इत्यादि को भी ऋण प्रदान कर रहा हैं। प्रत्येक बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक को यह लिखित में बताना पड़ता है कि वे कितना और किनको ऋण दे रहे हैं और उसपर ब्याज कितना है।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति क्या है?

रिजर्व बैंक ने लोगों को ईएमआई पर और राहत न देते हुए ब्याज दरों को यथावत रखने का फैसला किया है। यानी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दरअसल जिस नीति के अनुसार किसी देश का मुद्रा प्राधिकारी मुद्रा की आपूर्ति का नियमन करता है उसे मौद्रिक नीति कहते हैं। भारत में यह काम भारतीय रिजर्व बैंक करती है.

भारतीय रिजर्व बैंक का कार्य क्या है?

“बैंक नोटों के निर्गम को नियन्त्रित करना, भारत में मौद्रिक स्थायित्व प्राप्त करने की दृष्टि से प्रारक्षित निधि रखना और सामान्यत: देश के हित में मुद्रा व ऋण प्रणाली परिचालित करना।” मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना। वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना।

रिजर्व बैंक से आप क्या समझते हैं?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत की सर्वोच्च मौद्रिक संस्था है. RBI की स्थापना 1935 में RBI अधिनियम 1934 द्वारा की गई थी. RBI; विदेशी रिज़र्व, बैंकों का बैंक, भारत सरकार के बैंकर और ऋण नियंत्रक के रूप में कार्य करता है.

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के उपकरण कौन-कौन से हैं?

केन्द्रीय बैंक/भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के उपकरणों को दो मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है
1. मात्रात्मक उपकरण
2. गुणात्मक उपकरण
मात्रात्मक उपकरण साख की कुल मात्रा को प्रभावित करते हैं अर्थात् ये साख की कुल मात्रा को बढ़ाते अथवा घटाते हैं जबकि गुणात्मक उपकरण साख की दिशा को प्रभावित करते हैं। यदि अर्थव्यवस्था में स्फीतिकारी दबाव है तो साख को संकुचित किया जाता है और यदि अर्थव्यवस्था में आर्थिक मंदी/अपस्फीतिकारी दबाव है तो साख का विस्तार किया जाता हैं मात्रात्मक उपायों द्वारा साख, को अनुत्पादक उद्देश्यों से कम करके उत्पादक उद्देश्यों के लिए बढ़ाया जाता है।

भारत में मौद्रिक नीति कौन बनाता है?

भारत की मौद्रिक नीति का क्रियान्वयन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति वर्ष में कितनी बार जारी की जाती है?

मौद्रिक नीति समिति की बैठकें हर साल 4 बार आयोजित की जाती हैं और प्रत्येक बैठक के बाद निर्णय प्रकाशित किए जाते हैं।

भारत में कितने पेमेंट बैंक है?

साथ ही यह भी निर्देश हैं कि इन बैंकों का परिचालन शुरुआत से ही पूर्णत: नेटवर्क व प्रौद्योगिकी साधित हो। भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 अगस्त 2015 को अपने एक आदेश के द्वारा 11 पेमेंट बैंक या भुगतान बैंक की स्वीकृत प्रदान कर दी।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का पुराना नाम क्या है?

बल्कि इसे शुरू से ही “भारतीय रिजर्व बैंक” के नाम से ही जाना जाता है। अगर हम बात करें “The Imperial Bank Of India” की तो यह “State Bank Of India” का पुराना नाम था। जिसे आजाद भारत में 30 अप्रैल सन 1955 में इम्पीरियल बैंक का नाम बदल कर भारतीय स्टेट बैंक या “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया” रख दिया गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति कौन करता है?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।

इस पोस्ट में भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नज़र रखता है? यह जरूरी क्यों है? Bharatiya Reserve Bank Anya Bankon Ki Gatividhiyon Par Kis Tarah Nazar Rakhta Hai  रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों पर किस प्रकार नियंत्रण रखता है आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को कैसे नियंत्रित कर रहा है? भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति क्या है? भारतीय रिजर्व बैंक का कार्य क्या है? भारतीय रिजर्व बैंक के संस्थापक कौन थे से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

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