HTET Level 3 PGT Hindi Question Paper Download PDF
HTET Level 3 PGT Hindi Question Paper Download PDF
HTET पीडीएफ हिंदी में मुफ्त डाउनलोड : HTET Level 3 PGT Hindi परीक्षा की तैयारी करते समय आपको इसकी सभी भागों के अलग-अलग नोट्स रखनी चाहिए ताकि आप जिस भी विषय में कमजोर हो उसकी तैयारी ज्यादा अच्छे से कर पाए तो आज के इस पोस्ट में हम HTET Level 3 PGT Hindi परीक्षा से संबंधित HTET के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1 नोट्स के रूप में दे रहे हैं जिसे आप पीडीएफ के रूप में डाउनलोड भी कर सकते हैं पीडीएफ डाउनलोड करने अपने कंप्यूटर Ctrl+P दबाएँ .फोन में अपना स्क्रीन सॉर्ट ले .
• विकास के सभी पक्षों का मूल्यांकन करना।
• केवल छात्र के ज्ञान का मूल्यांकन करना।
• केवल छात्र की समझ का मूल्यांकन करना।
• प्रोक्सिमोडिस्टल (अन्दर से बाहर की ओर)
• सामान्य से विशिष्ट
• शिरोपादीय
• विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होना
• मैत्री संबंधों में भारी कमी होना
• विशिष्ट रुचियों में विस्तार होना।
• वस्तुनिष्ठता
• वैधता
• व्यक्तिनिष्ठता
• अभिधारणा
• अभिवृत्ति
• अभिप्रेरणा
• गलतियों के बिना लिखने से
• सही सूचना (संकेत) सुनने से
• गणितीय गणनाएँ करने से
• सुरक्षात्मकता
• अस्वीकरण
• पश्चगमन
• शैक्षिक लब्धि (A.Q.) होती है।
• सांवेगिक लब्धि (E.Q.) होती है।
• आध्यात्मिक लब्धि (S.Q.) होती है।
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को विभिन्न कक्षा-कक्षों में पूरा करना।
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को विशिष्ट विद्यालयों में पूरा करना।
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को घर पर अनुदेशन देकर पूरा करना।
• तादात्मीकरण
• प्रजातन्त्रीय अनुशासन
• अति-संरक्षण
• बाह्य प्रेरणा
• गणितीय प्रेरणा
• आन्तरिक तथा बाह्य प्रेरणा
• प्रजातांत्रिक उपागम
• संग्रहित उपागम
• आदर्श उपागम
• बालक के सामाजिक विकास में
• बालक के शारीरिक विकास में
• बालक के सांस्कृतिक विकास में
• संवेग स्थायी होता है।
• प्रत्येक संवेग से एक भावना जुड़ी होती है।
• संवेग बाह्य उद्दीपनों से जाग्रत होता है।
• शैशवावस्था के दौरान
• किशोरावस्था के दौरान
• वयस्कावस्था के दौरान
• गलती निकालना
• आलोचना करना
• नकारात्मक व्यवहार करना
• पाठ्यवस्तु को रोचक बनाने में सहायता मिलती है।
• पाठ्यवस्तु को सरल तरीके से समझाने में सहायता मिलती है।
• इससे समय की बचत होती है।
• स्वयं उन पर आचरण करे।
• महान व्यक्तियों की कहानियाँ सुनाये।
• देवी-देवताओं की बातें करे।
• विकासात्मक व्यवहार
• गलत व्यवहार
• सभी विकल्प सही हैं।
• अनुज्ञात्मक
• प्रजातान्त्रिक
• नियंत्रात्मक
• ज्ञान वस्तुनिष्ठ, सार्वभौमिक और पूर्ण है।
• अध्यापक आधिकारिक ज्ञान छात्रों को स्थानान्तरित करता है।
• छात्र ‘सही’ उत्तर को तलाशते हैं।
• मूर्त क्रियात्मक अवधि
• पूर्व-क्रियात्मक अवधि
• इन्द्रिय गति अवधि
• उपयुक्त सुविधा और सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
• उन्हें चिह्नित (लेबल) कर देना चाहिए।
• व्यक्तिपरकता अनिवार्य करना चाहिए।
• यह अन्वेषण, अवलोकन महत्त्व पर बल देता है। और खोज के
• यह अध्यापक द्वारा अधिगमकर्ता को ज्ञान स्थानान्तरण पर बल देता है।
• यह अनुभवजन्य-अधिगम, समस्या-समाधान, सम्प्रत्यय-मानचित्र तथा सृजनशील-लेखन जैसी विधियों का प्रयोग करता है।
• मौलिकता
• विशुद्धता
• नवीनता
• अभ्यास का नियम
• आत्मीकरण का नियम
• मनोवृत्ति का नियम
• माता-पिता का
• संगी-साथियों का
• चलचित्रों का