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राजस्थान की नदियों से संबंधित प्रश्न

राजस्थान की नदियों से संबंधित प्रश्न

Rajasthan Ki Nadiyon Ke Prashn –  प्रतियोगी परीक्षाओं में राजस्थान की नदियों के बारे में बार-बार पूछे जाते हैं उन्हीं को ध्यान में रखकर आज इस पोस्ट में राजस्थान की नदियों के बारे में ,राजस्थान की नदियों के उद्गम स्थल, राजस्थान की प्रमुख नदियाँ से संबंधित जानकारी दी गई .जिसके बारे में परीक्षाओं में अक्सर पूछा जाता .और राजस्थान में नौकरियां निकलती रहती है .यह जानकारी आपके सामान्य ज्ञान के लिए भी फायदेमंद .तो आप इन प्रश्नों को अच्छे से याद करे और अपनी परीक्षा की तैयारी को बहेतर बनाए .

●- चम्बल एंवम लूणी नदी के प्राचीन नाम क्रमशः चर्मण्वती एंवम लवणवती हैं।
●- घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
●- चम्बल नदी को राजस्थान की कामधेनु भी कहा जाता हैं।
●- माही नदी को आदिवासियों की गंगा,कांठल की गंगा,बांगड़ की गंगा और दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहा जाता हैं।
●- चम्बल एंवम माही को छोड़कर राजस्थान की अन्य कोई नदी बारहमासी नहीं हैं।
●- बीकानेर एंवम चुरू जिले में कोई नदी प्रवाहित नहीं होती हैं।
●- बाणगंगा नदी के किनारे प्राचीन बैराठ सभ्यता विकसित हुई थी।
●- चम्बल एंवम लूणी नदी के प्राचीन नाम क्रमशः चर्मण्वती एंवम लवणवती हैं।
●- चम्बल एंवम माही को छोड़कर राजस्थान की अन्य कोई नदी बारहमासी नहीं हैं।
●- बेडच नदी को प्राचीन कालमें आयड़ नदी के नाम से जाना जाता था।
●- बीकानेर एंवम चुरू जिले में कोई नदी प्रवाहित नहीं होती हैं।
●- माही,सोम एंवम जाखम के संगम स्थल पर माघ माह की पूर्णिमा को मेले का आयोजन किया जाता हैं जो आदिवासियों के कुम्भ के नाम से प्रसिद्ध हैं।

●- माही नदी डूंगरपुर एंवम बांसवाड़ा की सीमा बनाती हैं।
●- बींगोद के समीप बनास,मेनाल एंवम बेडच नदियों का संगम त्रिवेणी कहलाता हैं।
●- माही नदी को आदिवासियों की गंगा,कांठल की गंगा,बांगड़ की गंगा और दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा भी कहा जाता हैं।
●- कालीबंगा सभ्यता घग्घर नदी के किनारे विकसित हुई थी।
●- निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ सलेमाबाद रूपनगढ़ नदी के किनारे स्थित हैं।
●- काँकनी नदी को स्थानीय भाषा में मसुरदी नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
●- कालीबंगा सभ्यता घग्घर नदी के किनारे विकसित हुई थी।
●- लूणी नदी का जल बालोतरा तक मीठा एंवम बाद में खारा हैं।
●- गुजरात की मुख्य नदी साबरमती उदयपुर जिले से निकलती हैं।
●- पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली नदी बनास हैं।
●- घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
●- चम्बल नदी को राजस्थान की कामधेनु भी कहा जाता हैं।
●- माही,सोम एंवम जाखम के संगम स्थल पर माघ माह की पूर्णिमा को मेले का आयोजन किया जाता हैं जो आदिवासियों के कुम्भ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
●- माही नदी डूंगरपुर एंवम बांसवाड़ा की सीमा बनाती हैं।
●- भैंसरोडगढ के निकट चम्बल नदी चूलिया जलप्रपात का निर्माण करती हैं।
●- बींगोद के समीप बनास,मेनाल एंवम बेडच नदियों का संगम त्रिवेणी कहलाता हैं।

●- चम्बल नदी राजस्थान एंवम मध्य प्रदेश की सीमाबनाती हैं।
●- अधिक वर्षा के कारण घग्घर नदी का प्रवाह पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता हैं।
●- निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ सलेमाबाद रूपनगढ़ नदी के किनारे स्थित हैं।
●- बाणगंगा नदी के किनारे प्राचीन बैराठ सभ्यता विकसित हुई थी।
●- पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली नदी बनास हैं।
●- माही नदी कर्क रेखा को दो बार पार करती हैं।
●- अधिक वर्षा के कारण घग्घर नदी का प्रवाह पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता हैं।
●- बेडच नदी को प्राचीन कालमें आयड़ नदी के नाम से जाना जाता था।
●- लूणी नदी का जल बालोतरा तक मीठा एंवम बाद में खारा हैं।
●- माही नदी कर्क रेखा को दो बार पार करती हैं।
●- काँकनी नदी को स्थानीय भाषा में मसुरदी नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
●- गुजरात की मुख्य नदी साबरमती उदयपुर जिले से निकलती हैं।
●- भैंसरोडगढ के निकट चम्बल नदी चूलिया जलप्रपात का निर्माण करती हैं।
●- चम्बल नदी राजस्थान एंवम मध्य प्रदेश की सीमाबनाती हैं।

राजस्थान में बहने वाली नदियों की जनपदवार स्थिति

जिला               नदियों के नाम

अजमेर               बनास, खारी, डाई, सरस्वती, साबरमती

अलवर               साबी, गौरी, सोटा, काली, रूपारेला

बांसवाड़ा            माही, चैनी, अन्नास

बाड़मेर               लूनी, सूंकड़ी

बीकानेर              —

भरतपुर              चम्बल, गम्भीरी, पार्वती, बराह (बरहा), बाणगंगा

बूंधी                    कुराला

भीलवाड़ा            बनास, बेड़च, कोठारी, मानसी, खारी मेनाली

बारां                    पार्वती, परवन, कुकू

चित्तौड़गढ़       बनास, बामणी, बेड़च, वागन, बागली, माही, जाखम, औराई, सीबना, गम्भीरी

चुरू                    —

डूंगरपुर              माही, सोम, सोनी

धौलपुर              चम्बल

दौसा                  बाणगंगा, मोरेल

गंगानगर           घग्घर

हनुमानगढ़        घग्घर

जयपुर               बाणगंगा, ढूँढ, बांडी, साबी, मोरेल, डाई, सोतामाशी, सखा

जोधपुर             लूनी, जोजरी, मीठड़ी (माठड़ी)

जालौर               सूकड़ी, लूनी, बाॅडी, जवाई

जैसलमेर          काकनी (काकनेन), चांथन (चांधण), लाठी, धोगड़ी, धऊआ

झुंझुनूं               कांटली

झालावाड़          कालीसिन्ध, छोटी काली सिन्ध, निवाज, पर्वती

कोटा                 चम्बल, पार्वती, कालीसिंध, परवन, निवाज (नवेज), आऊ

करौली              चम्बल, बनास, गम्भीरी

नागौर               लूनी

पाली                 बांड़ी, सकूड़ी, लीलड़ी जवाई

प्रतापगढ़           —

राजसमंद          बनास, चन्द्रभान, खारी

सीकर                मन्धा, कांटली (कान्तली), कावंत

सिरोही              सूकड़ी, पश्चिम बनास, खारी, किशनावती, भूला, पोसलिया, ओरा, सुखदा

सावई माधोपुर   बनास, चम्बल, मोरेल

टोंक                  बनास, बांडी, माशी

उदयपुर             सोम, जाखम, बनाम, साबरमती, बेडच, वाकला

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