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UP TGT Sanskrit Question Paper with Answers pdf

UP TGT Sanskrit Question Paper with Answers pdf

यूपी टीजीटी संस्कृत प्रश्न पत्र पीडीएफ – जो उम्मीदवार UP TGT के एग्जाम की तैयारी कर रहा है ,उसे आज इस पोस्ट में UP TGT Sanskrit Question Paper दिया गया है .इस क्वेश्चन पेपर में जो प्रश्न दिए गए वह पहले भी UP TGT Sanskrit की परीक्षा आ चुके  है . इस Question Paper से उम्मीदवार को पता चल जाएगा की UP TGT Sanskrit के पेपर में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है .और इनसे उनकी तैयारी भी अच्छे से हो जाती है .इसलिए इस पोस्ट में UP TGT Sanskrit Previous Question Papers PDF UP TGT Sanskrit Mock Test यूपी टीजीटी संस्कृत से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है .इन्हें आप ध्यान से पढ़े

निम्नलिखित में से अव्ययीभाव समास है
(A) पञ्चनरम्
(B) पञ्चनदम्
(C) पञ्चाननम्
(D) पञ्चगवम्
Answer
पञ्चनरम्
‘राज्ञा + पूजितः = राजपूजितः’ इसमें कौन-सा समास है?
(A) द्विगु
(B) अव्ययीभाव
(C) तृतीया-तत्पुरुष
(D) बहुब्रीहि
Answer
तृतीया-तत्पुरुष
‘ज्ञानाय इदम् = ज्ञानार्थम्’ इसमें समास है
(A) सुप्सुपा
(B) तत्पुरुष
(C) एकशेष
(D) नित्यसमास
Answer
तत्पुरुष
‘पुनः + इह’ का शुद्ध सन्धि रूप है
(A) पुनराय
(B) पुनाह
(C) एकशेष
(D) पुनेह
Answer
एकशेष
‘अर्थो हि कन्या परकीय एव, किसके लिए कहा गया है
(A) शकुन्तला
(B) प्रियंवदा
(C) अनुसूया
(D) गौतमी
Answer
शकुन्तला
‘प्रजाभ्यः स्वास्ति’ में चतुर्थी विभक्ति का कारण है
(A) हितयोगे च
(B) रुच्यार्थानां प्रीयमाणः
(C) चतुर्थी सम्प्रदाने
(D) नमःस्वास्तिस्वाहा स्वघाऽलं बषट् योगाच्च।
Answer
नमःस्वास्तिस्वाहा स्वघाऽलं बषट् योगाच्च।
चौराद् विभेति में पंचमी विभक्ति किस कारण से है
(A) अपादाने पञ्चमी
(B) भीयार्थानां भयहेतु
(C) जुगुप्सा विराम प्रमादार्थानां उपसंख्यानम्
(D) आख्यातोपयोगे
Answer
भीयार्थानां भयहेतु
अनुक्त कर्म में विभक्ति होती है
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
Answer
द्वितीया
‘पादेन खञ्जः’ में तृतीय विभक्ति है
(A) येनांग विकारः सूत्र के कारण
(B) संहयुक्तेऽप्रधाने सूत्र के कारण
(C) साधकतम्करण सूत्र के कारण
(D) कर्तृकारणयोस्तृतीया सूत्र के कारण
Answer
येनांग विकारः सूत्र के कारण
‘बलियाचते वसुधाम्’ यहाँ बलि की कर्म संज्ञा विधायक सूत्र है
(A) अकथितं च
(B) दिवः कर्मः च
(C) तथायुक्तं चानिप्सितं
(D) अभिनिविश्च
Answer
अकथितं च
लुटलकार किस काल का बोधक है
(A) वर्तमान काल
(B) भूतकाल
(C) भविष्य काल
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer
भविष्य काल
संस्कृत में धातु रूप कहते हैं
(A) संज्ञा पद को
(B) कर्मपद को
(C) क्रिया पद को
(D) विशेषण पद को
Answer
क्रिया पद को
इनमें से कौन-सी धातु सकर्मक नहीं है
(A) पठ
(B) हन्
(C) अक्ष
(D) नृत्
Answer
नृत्
गच्छेत् किस लकार का रूप है
(A) लट् का
(B) लोट् का
(C) विधिलिङ्ग
(D) लङ्लकार का
Answer
विधिलिङ्ग
भू धातु लट्लकार प्रथम पुरुष का रूप है
(A) भवामि
(B) भवथ
(C) भवन्ति
(D) भवति
Answer
भवति
सखि शब्द का प्रथम बहुवचन का रूप है
(A) सखयः
(B) सख्यः
(C) संख्याः
(D) सखायः
Answer
सखायः
धूपति शब्द का षष्ठी एकवचन का रूप है
(A) धूपत्याः
(B) धूपत्युः
(C) धूपतेः
(D) धूपतयः
Answer
CC धूपतेः
विश्वा शब्द का सप्तमी एकवचन का रूप है
(A) विश्वयायाम्
(B) विश्वयि
(C) विश्वये
(D) विश्वयौ
Answer
विश्वयि
नदी शब्द का द्वितीया बहुवचन का रूप है
(A) नदीः
(B) नद्यः
(C) नदीन्
(D) नदीभिः
Answer
नदीः
गो शब्द का षष्ठी बहुवचन का रूप होगा-
(A) गोनाम्
(B) गोवाम्
(C) गवाम्
(D) गवानाम्
Answer
गवाम्
तत् शब्द का स्त्रीलिङ्ग षष्ठी बहुवचन का रूप बनता है.
(A) तेषाम
(B) तस्याम्
(C) तासाम्
(D) ताषाम्
Answer
गवाम्
सन्ध्याक्षर होता है-
(A) क ख ग घ
(B) अ आ इ ई
(C) ए ऐ ओ औ
(D) क प च छ
Answer
ए ऐ ओ औ
अष्टाध्यायी का दूसरा नाम है-
(A) वाक्यशासन
(B) शब्दानुशासन
(C) अर्थानुशासन
(D) अनुशासन
Answer
शब्दानुशासन
‘जागृ’ धातु लङ् प्रथम पुरुष बहुवचन में होगा-
(A) आजागरुः
(B) जागृत
(C) जागरूक
(D) जागृति
Answer
जागृत
‘जलमुच्’ शब्द का प्रथमा विभक्ति एकवचन का रूप होगा-
(A) जलमुचि
(B) जलमुक्
(C) जलमुचे
(D) जलमुचौ
Answer
जलमुक्

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