Samanya Gyan

आनुवांशिक रोगों को आसानी से याद कीजिये ट्रिक कि सहायता से

आनुवांशिक रोगों को आसानी से याद कीजिये ट्रिक कि सहायता से

नमस्कार दोस्तो , आप यह जानते हैं की किसी भी कम्पटीशन एग्जाम या टेस्ट के लिए शोर्ट ट्रिक्स को याद करना कितना जरूरी है  इसी लिए आज हम आपके लिए कुछ उसी प्रकार  कि ट्रिक्स लेके आये है जो आपको सभी तरह के एग्जाम और कम्पटीशन आदि कि तैयारी में सहायक सिद्ध होंगी आप जानते है कि शोर्ट ट्रिक कि सहायता से आप केवल अपना समय हि नही बचाते बल्कि आप उस प्रश्न  को हमेशा के लिए अपने दिमाग में याद रख लेते हो अगर किसी समय पर भूल जाने पर भी केवल एक बार देखने मात्र से वह दुबारा याद आ जाता है

आज कि हमारी इस पोस्ट में हम आपको जो GK Trick बताने जा रहे है उसके माध्यम से आप उन रोगों  ( Decease ) के नाम आसानी से याद रख पाऐंगे जो आनुवांशिक ( Genetic ) होते है

  ट्रिकी वर्ड              शब्द 

 –                                हीमोफीलिया
क्ली –                             क्लीनेफेल्टर
 –                               पटाऊ सिंड्रोम
डा –                              डाउन्स सिंड्रोम
ट –                                  टर्नर सिंड्रोम
वही क्लीप वही डाट
तो दोस्तों आप इस तरह इसको याद करके आनुवांशिक रोगों को आसानी से याद कर पाएंगे

हिमोफिलिया से संबंधित जानकारी :-

अधिरक्तस्त्राव Hemophilia
हीमोफीलिया एक आनुवांशिक विकार है जिसमे इससे प्रभावित व्यक्ति का रक्त अपनी थक्का (blood clot) ज़माने की क्षमता खो देता है। इसे ब्लीडर रोग, शाही रोग, क्रिसमस रोग (Bleeder’s disease, royal disease, Christmas disease) भी कहा जाता है। हीमोफिलिया की गंभीरता हर व्यक्ति में बदलती रहती है। इससे प्रभावित व्यक्ति को आसानी से लगी खरोंच से भी असामान्य रूप से लंबी अवधि तक खून बहता रहता है।

हीमोफिलिया के दो मुख्य प्रकार होते हैं – हीमोफिलिया A, और हीमोफिलिया B ।
हीमोफिलिया A  को क्लासिक हीमोफिलिया (classic hemophilia) भी कहा जाता है। 80% हीमोफिलिया से प्रभावित व्यक्ति इसी प्रकार के हीमोफिलिया A से ही ग्रसित होते हैं।
हीमोफिलिया B या  क्रिसमस रोग (Christmas disease) प्रभावित व्यक्तियों में से 20 प्रतिशत में इस प्रकार का हीमोफिलिया पाया जाता है।

दोनों प्रकार के हीमोफिलिया जीन म्यूटेशन के वजह से होते है, हीमोफिलिया ए की वजह से हैं F8 जीन में उत्परिवर्तन द्वारा और हीमोफिलिया बी F9 जीन के उत्परिवर्तन द्वारा होता है। ये दोनों ही जीन X गुणसूत्र पर पाए जाते हैं। चूँकि दोनों जीन ही X गुणसूत्र पर पाए जाते है इसलिए महिलाये इस रोग की वाहक होती हैं और पुरुष ही इस रोग से प्रभावित होते है।

हीमोफिलिया का एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार भी पाया जाता है जिसे अधिग्रहीत हीमोफिलिया (acquired hemophilia) भी कहते हैं। यह हीमोफिलिया आनुवांशिक नहीं होता है बल्कि यह शारीर में बाद में हुए म्यूटेशन के कारण होता है। इस प्रकार में शरीर एक स्व-प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करके अपने ही रक्त का थक्का ज़माने वाले कारक – 8 (blood coagulation factor VIII) को ख़त्म करने लगता है, यह कारक सामान्य रूप से रक्त का थक्का ज़माने में मदद करता है।

हीमोफिलिया एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में हम शताब्दियों से जानते हैं, पर सर्वप्रथम 1803 में फिलाडेल्फिया के एक डॉक्टर   डा. जॉन ओटो,  ने सर्वप्रथम यह पता लगाया की यह बीमारी भी परिवारों में पाई जाती है परन्तु इनमे यह महिलाओं में नहीं होती है और इससे सिर्फ पुरुष ही प्रभावित रहतें है।

हीमोफीलिया शाही रोग के रूप में तब जाना गया जब उन्नीसवीं सदी में महारानी विक्टोरिया (1819-1901) के सबसे छोटे बेटे युवा लियोपोल्ड की मस्तिष्क हेमोरेज (brain hemorrhages ) से मृत्यु हो गयी । विक्टोरिया की दो बेटियां दोषपूर्ण F8 जीन की वाहक थीं जिन्होंने इस रोग को स्पेन, रूस और जर्मनी के शाही घरों में भी पहुँच दिया।

इस रोग के कारणों का सबसे पहले अर्जेंटीना के एक डाक्टर ने 1944 में हीमोफीलिया के अलग-अलग प्रकारों का पता लगाया जो की अलग-अलग रक्त का थक्का ज़माने वाले कारकों की कमी के कारण होता था। 1965 में फ्रीज़-ड्राइंग तकनीकी (freeze-drying process) की खोज हुई, जिसमे रक्त के प्रोटीन को रक्त के तरल भाग प्लाज्मा से अलग किया जा सकता था। इस तकनीकी ने रोगियों के बार-बार रक्त बदलने जी जरूरत को कम कर दिया, जिससे इसके रोगियों को काफी रहत मिली।

हीमोफिलिया A ज्यादा पाया जने वाला प्रकार है जो की 4000 पुरुषों में से एक में पाया जाता है।
हीमोफिलिया B 20000 पुरुषों में से एक में पाया जाता है।

महिलाओ में यह सामान्यतया नहीं पाया जाता है, परन्तु जो महिलाएं जो इसके F8 या F9 जीन की वाहक होती हैं, उनमे से 10% में मासिक-स्राव (menstrual periods) में ज्यादा रक्त स्राव की समस्याएं पाई जाती हैं।

हीमोफिलिया ए दोनों और हीमोफिलिया बी दुनिया भर में सभी नस्लीय और जातीय समूहों में समान रूप से पाए जाते हैं।
हीमोफिलिया के लिए कोई इलाज नहीं है। इसमें रक्त स्राव को नियंत्रित करके इसके खतरों को कम किया जा सकता है।
उन रोगियों में जिनमे इसका प्रभाव का पाया जाता है, उन्हें एक हारमोन डेस्मोप्रेसिन या DDAVP (desmopressin or DDAVP)का इंजेक्शन दिया जाता है, जो रोगी के शारीर में रक्त का थक्का ज़माने वाले कारकों के उत्पादन को बढ़ा देता है।
इस रोग में अब आधुनिक तकनीक या अनुवांशिक इंजीनियरिंग (genetically engineered) द्वारा तैयार किये गए रक्त का थक्का ज़माने वाले कारकों को भी अलग से दिया जाता है। आज हीमोफिलिया का उचित इलाज उपलब्ध होने से इसके रोगियों की जीवन प्रत्याशा बढ़ गयी है।

हीमोफिलिया को रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि या म्यूटेशन द्वारा लगातार होता रहता है। हीमोफिलिया को जीन थेरेपी द्वारा ठीक करने के भी प्रयास भी चल रहे है और इसमें कुछ हद तक वैज्ञानिकों की सफलता भी मिली है।

इस पोस्ट में आपको आनुवांशिक रोगों को आसानी से याद कीजिये ट्रिक कि सहायता से विज्ञान ट्रिक रोगों की ट्रिक मात्रक याद करने की ट्रिक साइंस ट्रिक्स इन हिंदी पीडीएफ साइंस ट्रिक इन हिंदी जनरल साइंस ट्रिक जो ट्रिक इन हिंदी science gk trick in hindi से संबंधित फ्री ऑनलाइन टेस्ट दिया गया है. यहां पर दिए गए महत्वपूर्ण Questions पहले परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं और आगे आने वाली परीक्षाओं में भी इनमें से काफी प्रश्न पूछे जा सकते हैं. तो इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें. अगर इनके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछो और अगर आपको यह टेस्ट फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button