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Measuring Instrument in Hindi For ITI Fitter Turner

Measuring instrument in Hindi For ITI Fitter Turner

स्टील रूल के द्वारा हम छोटी-से-छोटी 1/64″ या 1/2 मिमी तक की माप ले सकते हैं। इससे छोटी माप को हम केवल अनुमान द्वारा बता सकते हैं। यदि वास्तव में देखा जाए तो स्टील रूल के द्वारा ली गई कोई भी माप बहुत परिशुद्धता (accuracy) से नहीं ली जा सकती।.आज के मशीनरी युग में परिशुद्धता का होना अति आवश्यक है।

इसके लिए सूक्ष्ममापी यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है जो मीट्रिक प्रणाली में 0.1 मि. मी. से 0.01 मि. मी. तक तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.01 इन्च से 0.001 इन्च तक की परिशुद्धता में कार्यखण्ड को माप सकते हैं। जैसे वर्नियर कैलीपर, माइक्रोमीटर, डायल परीक्षण सूचक, वर्नियर माइक्रोमीटर, डायल कैलीपर, गीयर टूथ वर्नियर कैलीपर, वर्नियर गहराई गेज, वर्नियर चान्दा तथा स्क्रू ब्रैड माइक्रोमीटर आदि.

Measuring instrument in Hindi For ITI Fitter Turner

वर्नियर कैलीपर

वर्नियर कैलीपर का आविष्कार फ्रांस के एक वैज्ञानिक पैरी वर्नियर्स ने किया था। उसी के नाम पर इस कैलीपर का नाम वर्नियर कैलीपर पड़ा। वर्नियर कैलीपर बाजार में विभिन्न परिशुद्धताओं (accuracy) में उपलब्ध है; जैसे-0.1 मिमी, 0.05 मिमी तथा 0.02 मिमी मीटरी प्रणाली में तथा 0.001 ब्रिटिश प्रणाली में। वर्नियर कैलीपर के द्वारा बाहरी, आन्तरिक तथा गहराई तीनों प्रकार की मापे ले सकते हैं। ये 6″, 7″,1′ तथा 2′ तक की लम्बाइयों में बाजार में उपलब्ध हैं।

वर्नियर कैलीपर्स के भाग

1.स्थिर जबड़ा
2.स्थिर आंतरिक माप निब
3.वर्नियर आंतरिक माप निब
4.चल जबड़ा
5.वर्नियर स्लाइड
6. धरन
7.गहराई छड़
8.थम्ब लीवर
9.वर्नियर स्केल

वर्नियर कैलीपर के प्रकार

आजकल वर्नियर कैलीपर को और भी अधिक उपयोगी बनाने के लिए उसकी बनावट में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। बाजार में निम्न वर्नियर  कैलीपर उपलब्ध हैं।

  • वर्नियर कैलीपर टाइप-I
  • वर्नियर कैलीपर टाइप-II
  • मैग्नीफाइड वर्नियर कैलीपर
  • डायल कैलीपर
  • डिजिटल वर्नियर कैलीपर
  • वर्नियर गियर टूथ कैलीपर

वर्नियर बेवेल प्रोट्रैक्टर

कॉम्बीनेशन सेट के प्रोट्रैक्टर हैड (protractor head) के द्वारा किसी कोण को कम-से-कम 1° की माप में मापा जा सकता है। किसी कोण को और अधिक परिशुद्धता से मापने के लिए वर्नियर बेवेल प्रोट्रैक्टर का प्रयोग किया जाता है। वर्नियर बेवेल प्रोट्रैक्टर के द्वारा हम किसी कोण को एक डिग्री के बारहवें भाग की परिशुद्धता में माप सकते हैं।

वर्नियर बेवेल प्रोट्रेवटर के भाग

1. स्टॉक  : स्टॉक धातु की पतली पटटी होती है।यह मापे जाने वाली जॉब की सतहों के संपर्क में रहती है ।

2. चकती : चकती एक ऐसा भाग है जो वृताकार होता है इसके किनारे पर डिग्री व उपभाग अंकित होते है।

3. डायल : वर्नियर स्केल के संपर्क में डायल रहता है। माप लेने के बाद डायल को चकती के साथ लॉक कर देते है। 36° तक डायल को घुमाया जाता है।

4. ब्लेड :  जॉब की सतहों के संपर्क में ब्लेड रहता है। ब्लेड के बीच एक आयताकार खांचा कटा होता है। जिसके सहयोग से ब्लेड को आगे-पीछे सरकाया (Slide) जाता है। आवश्यकतानुसार इसे क्लैम्पिंग स्कू के द्वारा इसे डायल के साथ फिक्स किया जाता है।

5. लॉकिंग स्क्रू : वर्नियर बेवल प्रोटेक्टर पर दो नर्लिग किए हुए थम्ब स्क्रूज लगाए हुए होते है। यह डायल को चकती के साथ लॉक करने के लिए व ब्लेड को डायल के साथ लॉक करने के लिए प्रयोग किए जाते है।

6. वर्नियर स्केल:  वर्नियर प्रायः डायल के साथ संपर्क में होता है। माप लेते समय मुख्य पैमाने व वर्नियर पैमाने दोनों पैमाने की सहायता से माप चैक किया जाता है।

7. मुख्य स्केल : इस सूक्ष्म मापी यन्त्र का यह एक आवश्यक स्केल है । जिस पर अंश (Degree) तथा मिनट के निशान अंकित होते हैं ।

सावधानियाँ

1. वर्नियर बेवल प्रोट्रैक्टर को कर्तन औजारों से हटाकर रखना चाहिए।
2. इसको प्रयोग करने से पूर्व साफ कर लेना चाहिए।
3. इसका प्रयोग खुरदरी सतह पर नहीं करना चाहिए।
4. इसकी सही रीडिंग के लिए मैग्नीफाइंग ग्लास का प्रयोग करना चाहिए।
5. कार्य समाप्ति के पश्चात् अच्छे से साफ करके रखना चाहिए।

वर्नियर हाइट गेज

जॉब की मार्किंग करते समय आमतौर पर मार्किंग ब्लॉक का ही प्रयोग किया जाता है, परन्तु जब किसी मार्किंग को अधिक-से-अधिक शुद्धता में करना हो, तो हम वर्नियर हाइट गेज का ही प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसमें ऑफसैट स्क्राइबर को गेज की अल्पतम माप  के बराबर ही मूवमेन्ट (movement) प्रदान की जा सकती है, जबकि मार्किंग ब्लॉक में स्केल की सहायता से केवल तक सूक्ष्म माप  0.5 मिमी तक ही सूक्ष्मता प्रदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मार्किंग ब्लॉक का प्रयोग करते समय स्केल को सदैव सीधा लम्ब रूप में खड़ा करना अनिवार्य है, जबकि वर्नियर हाइट गेज में इसकी मेन स्केल, बेस पर लम्ब रूप में फिट रहती है। इसमें स्लाइडिंग जॉ  पर एक स्ट्रेट स्क्राइबर फिट होता है। इसी स्लाइडिंग जॉ पर ऑफसैट या स्ट्रेट स्क्राइबर लगाकर मार्किंग एवं ऊँचाई मापने का कार्य भी करते हैं

माइक्रोमीटर

यह नट व बोल्ट के सिद्धान्त पर आधारित एक मापक यन्त्र है। इसके द्वारा हम छोटी-से-छोटी 0.01 मिमी तथा 0.001″ तक की माप ले सकते हैं। माइक्रोमीटर द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम तथा अधिकतम माप को माइक्रोमीटर की रेंज (range) कहते हैं। बाजार में विभिन्न रेजों में माइक्रोमीटर उपलब्ध हैं; जैसे- 0-25 मिमी, 25-50 मिमी, 50-75 मिमी तथा 75-100 मिमी।

माइक्रोमीटर के मुख्य भाग

माइक्रोमीटर के मुख्य भाग निम्नलिखित हैं.

1.फ्रेम : फ्रेम को ड्रॉप फोर्ड इस्पात या आघातवर्धनीय ढलवाँ लोहे का बनाया जाता है।

2.बैरल/स्लीव : बैरलास्लीव फ्रेम पर लगा होता है। इस पर डॉटम रेखा और अंश (graduations) बने होते हैं। यह क्रोमियम स्टील का बना होता है।

3.थिम्बल : थिम्बल पर स्पिण्डल को लगाया जाता है। इसकी बैवेल्ड सतह पर अंश बने होते हैं।

4.स्पिण्डल : स्पिण्डल के एक सिरे पर मापक फलक व दूसरे सिरे पर चूड़ी काटकर नट को फिट जाता है। स्पिण्डल कठोर व ग्राइण्ड किया हुआ क्रोमियम स्टील का बना होता है।

5.एनविल : एनविल को फ्रेम के बाएँ सिरे पर बैरल की अक्ष रेखा पर फिट किया गया जाता है। नए एनविल कार्बाइड टिप व पुराने एनविल क्रोमियम स्टील के बने होते हैं।

6.स्पिण्डल लॉक नट : किसी कार्यखण्ड की माप मशीन पर लेते समय कभी-कभी स्पिण्डल कई बार घूम जाता है, जिससे पाठ्यांक में त्रुटि हो जाती है। इस त्रुटि को दूर करने व स्पिण्डल को लॉक करने के लिए लॉक नट का प्रयोग किया जाता है।

माइक्रोमीटर  के प्रकार

माइक्रोमीटर निम्न प्रकार के होते हैं।

  • आउटसाइड माइक्रोमीटर
  • इनसाइड माइक्रोमीटर
  • डैप्थ माइक्रोमीटर
  • स्क्रू थ्रैड माइक्रोमीटर
  • डिजिटल माइक्रोमीटर
  • ट्यूब माइक्रोमीटर
  • फ्लैंज माइक्रोमीटर
  • बॉल माइक्रोमीटर
  • स्टिक माइक्रोमीटर
  • की-वे डेप्थ माइक्रोमीटर

सावधानियां

1. माइक्रोमीटर का इस्तेमाल करने से पहले ही उसकी अल्पत माप तथा शून्य त्रुटि का पता कर लेना चाहिए.
2. इनसाइड माइक्रोमीटर को माप लेते समय बोर के समानांतर पकड़ना चाहिए टेढ़ा होने से माप अधिक मापी जाएगी.
3. घुमती अवस्था में जॉब को नहीं मापना चाहिए.
4. गहरी माप लेने के लिए इनसाइड माइक्रोमीटर को हैण्डिल में चूड़ियां भली-भांति कसकर इस्तेमाल करनी चाहिए.
5. मापक यंत्रों को कभी भी अन्य हस्त औजारों के साथ में नहीं रखना चाहिए.
6. इस्तेमाल करने के पश्चात माइक्रोमीटर को साफ करके हल्का तेल लगाकर इसके डिब्बे में रखने चाहिए.

इस पोस्ट में आपको वर्नियर कैलीपर वर्नियर कैलीपर के प्रकार वर्नियर बेवेल प्रोट्रैक्टर वर्नियर बेवेल प्रोट्रेवटर के भाग सावधानियाँ माइक्रोमीटर माइक्रोमीटर के मुख्य भाग माइक्रोमीटर के प्रकार से संबधित पूरी जानकारी दी गयी है . अगर इसके बारे में कोई भी सवाल या सुझाव होतो नीचे कमेंट करके पूछे .

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