भारत के प्रमुख बांधो के नाम और उनके बारे में जानकारी
भारत के प्रमुख बांधो के नाम और उनके बारे में जानकारी
सभी कॉम्पीटिशन आदि एग्जाम के समान्य ज्ञान के सेक्शन के अन्दर प्रमुख बांधो और एवं नदी परियोजनाएँ से संबंधित प्रश्न जरुर पूछे जाते है क्योकि प्रमुख बांधो के नाम एवं नदी परियोजनाएँ से संबंधित प्रश्न उत्तर समान्य ज्ञान का एक इम्पोर्टेन्ट पार्ट है और प्रमुख बांधो और एवं नदी परियोजनाएँ से रिलेटेड बहुत ज्यादा प्रश्न बनते है जैसेः सरदार सरोवर बांध किस नदी पर है और भारत का सबसे बड़ा बांध कौन सा है ऐसे बहुत से प्रश्न बनते है यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको प्रमुख बांधो और एवं नदी परियोजनाएँ से संबंधित प्रश्न उत्तर से सबंधित जानकारी होनी चाहिए यंहा हमनेप्रमुख बांधो और एवं नदी परियोजनाएँ से संबंधित जानकारी दे रहे है इनमे से प्रश्न अक्सर एग्जाम में पूछे जाते है |
भारत के प्रमुख बांधो के नाम एवं नदी परियोजनाएँ
बांध का नाम | किस नदी पर बना हुआ है | किस राज्य में स्थित है |
सरदार सरोवर बांध | नर्मदा नदी | वडोदरा,गुजरात |
टेहरी बांध | भागीरथी नदी | प्रतापनगर, उत्तराखंड |
लखवार बांध | यमुना नदी | देहरादून, उत्तराखंड |
इडुक्की (एब)/इडुक्की आर्च बांध | पेरियार नदी | तोडुपुलै, केरल |
भाखडा बांध | सतलुज नदी | बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश |
पकाल दुल बांध | मरुसूदर नदी | किश्तवाड़, जम्मू कश्मीर |
सरदार सरोवर गुजरात बांध | नर्मदा नदी | राजपीपल, गुजरात |
श्रीसैलम बांध | कृष्णा नदी | नन्दीकोटकुर, आंध्र प्रदेश |
रंजीत सागर बांध | रवि नदी | पठानकोट, पंजाब |
बगलिहार बांध | चेनाब नदी | रामबाण, जम्मू कश्मीर |
चेमेराई बांध | रवि नदी | भटियात, हिमाचल प्रदेश |
चेरुठोणी बांध | चेरुठोणी नदी | तोडुपुलै, केरला |
पांग बांध | बीस नदी | गोपीपुर, हिमाचल प्रदेश |
जमरनी बांध | गोला नदी | नैनीताल, उत्तराखंड |
सुबनसिरी लोअर बांध | सुबनसिरी नदी | सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश |
रामगंगा बांध | रामगंगा नदी | लैंसडौन, उत्तराखंड |
नागार्जुन सागर बांध | कृष्णा नदी | गुरुजला, आंध्र प्रदेश |
कक्की (एब) बांध | कक्की नदी | रानी, केरल |
नगी बांध | नगी नदी | जमुई, बिहार |
सलाल (रॉकफिल एंड कंक्रीट) बांध | चेनाब नदी | गुलाब गढ़, जम्मू कश्मीर |
लख्या बांध | लख्या होल नदी | मुदिगेरे, कर्नाटक |
शोलयर बांध | शोलयर नदी | पोलाची, तमिलनाडु |
कोयना बांध | कोयना नदी | पतन, महाराष्ट्र |
इदमलयर (एब) बांध | इदमलयर नदी | देवीकोलम, केरल |
सुपा बांध | काली नदी | सुपा, कर्नाटक |
कर्जन बांध | कर्जन नदी | राजपीपला, गुजरात |
भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ
1. टिहरी बाँध परियोजना (Tehri Dam Project) – भागीरथी नदी, उत्तराखण्ड
2. गंगासागर परियोजना (Ganga Sagar project) – चम्बल नदी, मध्य प्रदेश
3. जवाहर सागर परियोजना (Jawahar Sagar Project) – चम्बल नदी, राजस्थान
4. इडुक्की परियोजना (Idukki Dam) – पेरियार नदी, केरल
5. उकाई परियोजना (Ukai Project) – ताप्ती नदी, गुुजरात
6. काकड़ापारा परियोजना (Kakrapar project) – ताप्ती नदी , गुुजरात
7. कोलडैम परियोजना (Koldam project) – सतलुज नदी, हिमाचल प्रदेश
8. जायकवाड़ी परियोजना (Jayakwadi project ) – गोदावरी नदी, महाराष्ट्र
9. तिलैया परियोजना (Tilaiya Project) – बराकर नदी, झारखंड
10. तुलबुल परियोजना (Tulbul Project) – झेलम नदी, जम्मू और कश्मीर
11. दुर्गापुर बैराज परियोजना (Durgapur Barrage Project) – दामोदर नदी, पश्चिम बंगाल
12. दुलहस्ती परियोजना (Dul Hasti Project ) – चिनाब नदी, जम्मू और कश्मीर
13. नागपुर शक्ति गृह परियोजना (Nagpur Power Station Project) – कोराडी नदी, महाराष्ट्र
14. नागार्जुनसागर परियोजना (Nagarjuna Sagar Project) – कृष्णा नदी, आन्ध्र प्रदेश
15. नाथपा झाकरी परियोजना (Nathpa Jhakri project) – सतलुज नदी, हिमाचल प्रदेश
16. पंचेत बांध (Panchet Dam) – दामोदर नदी, झारखंड
17. पोचम्पाद परियोजना (Pochampad project) – महानदी, कर्नाटक
18. फरक्का परियोजना (Farakka project) – गंगा नदी, पश्चिम बंगाल
19. बाणसागर परियोजना (Bansagar project) – सोन नदी, मध्य प्रदेश
20. भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra Nangal Project) – सतलुज नदी, हिमाचल प्रदेश
21. भीमा परियोजना (Bhima Project) – पवना नदी, तेलंगाना
22. माताटीला परियोजना (Matatila project ) – बेतवा नदी, उत्तर प्रदेश
23. रंजीत सागर बांध परियोजना (Ranjit Sagar Dam Project ) – रावी नदी, जम्मू और कश्मीर
24. राणा प्रताप सागर परियोजना (Rana Pratap Sagar Project ) – चम्बल नदी, राजस्थान
25. सतलज परियोजना (Sutlej Project) – चिनाब नदी, जम्मू और कश्मीर
26. सरदार सरोवर परियोजना (Sardar Sarovar Project) – नर्मदा नदी, गुुजरात
27. हिडकल परियोजना (Hidkal project) – घाटप्रभा परियोजना, कर्नाटक
28. हिराकुड बाँध परियोजना (Hirakud Dam Project) – महानदी, ओडीशा
29. हारंगी परियोजना (Harangi Reservoir) – हारंगी नदी, कर्नाटक
30. भाद्रा बाँध परियोजना (Bhadra Dam) – भाद्रा नदी, कर्नाटक
भारत के प्रमुख व लम्बे बांध के नाम की जानकारी
भारत नदियों से भरा हुआ देश है. इस देश के लगभग हर क्षेत्र में अलग – अलग तरह की छोटी- बड़ी नदियाँ पायी जाती है. इन नदियों पर राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से बांध बना कर जनहित में कई रूप से इस्तेमाल किया जाता है. नीचे कुछ प्रमुख बांधों के नाम के साथ उनके कुछ विवरण दिए जा रहे हैं.
- निज़ाम सागर बांध : ये बांध भारत के तेंलागना राज्य में मंजीरा नदी के ऊपर बनाया गया है. ये ‘अर्थेन’ क़िस्म का बांध है. ये हैदराबाद के निज़ामाबाद ज़िले में है और 21, 694 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस बांध के निर्माण का मुख्य उद्देश्य सिंचाई और जल विद्युत् उत्पादन है. हैदराबाद के तात्कालिक शासक मीर उस्मान अली खान द्वारा सन 1923 में इस बांध की नींव पड़ी और सन 1931 में इस बांध का निर्माण पूरा हुआ.
- सोमासिला बांध : ये भी एक ‘अर्थेन’ क़िस्म का बांध है. इसका निर्माण आँध्रप्रदेश के पेन्नार नदी पर हुआ है. ये आँध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के अत्मकुर नामक स्थान पर है. ये सन 1981 में बनना शुरू हुआ और सन 1989 में ये पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया.
- श्रीसैलम बांध : ये भी अर्थेन तरह का बांध है. ये आँध्रप्रदेश के कुमुल ज़िले में कृष्णा नदी के ऊपर स्थित है. इस बांध को बनाने का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत् उत्पादन है. इसका निर्माण सन 1960 में शुरू हुआ और 21 साल के बाद सन 1981 में बन कर ये पूरी तरह तैयार हो गया.
- सिंगुर बांध : सिंगुर बांध भी भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित है. यह बांध अर्थेन और ग्रेविटी प्रकार से निर्मित है. ये तेलंगाना के मेदक जिले में मंजीरा नदी के ऊपर निर्मित है. इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, जल विद्युत् और पेयजल की पूर्ती है. इसका निर्माण सन 1979 में शुरू हुआ और दस वर्ष बाद सन 1989 में पूरी तरह बन कर तैयार हो गया.
- उकाई बांध : अर्थेन और मसूरी तरह का ये बांध 62, 255 वर्ग किमी में फैला हुआ है. ये सूरत और ताप्ति ज़िले के बॉर्डर पर ताप्ति नदी के ऊपर निर्मित है. इसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, जल विद्युत् उत्पादन और सिंचाई है. इसका निर्माण सन 1964 से सन 1972 के बीच हुआ.
- धरोही बांध : धरोई बांध गुजरात के पालनपुर ज़िले में साबरमती नदी के ऊपर निर्मित है. ये गुजरात के मेहसाना और साबरकांठा ज़िले के बीच स्थित है. इस बांध के निर्माण का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण आदि है. ये सन 1971 में बनना शुरू हुआ और सन 1978 तक बन के तैयार ही गया. लगभग नौ गाँव आंशिक रूप से और 28 गाँव पूर्ण रूप से इस बांध पर आश्रित हैं.
- सरद सरोवर बांध : ये एक तरह का ग्रेविटी बांध है. ये गुजरात के नवग्राम में नर्मदा नदी के ऊपर निर्मित है. इसका निर्माण सन 1987 में शुरू हुआ था. इस बांध का मुख्य उद्देश्य सिंचाई और जल विद्युत् उत्पादन है. नर्मदा नदी पर बने बाँधों में ये सबसे बड़ा बांध है.
- सुखी बांध : गुजरात के वड़ोदरा जिले में सुखी नदी पर स्थित यह बांध एक तरह का तटबंध बांध है. इसका निर्माण 1978 साल में शुरू हुआ और ये सन 1987 तक बन के तैयार हो गया. इस बांध का मुख्य उद्देश सिंचाई है और इसके प्रयोग से लगभग 77 हज़ार एकड़ ज़मीन की सिंचाई होती है. इस बांध की लम्बाई 4256 मीटर है.
- भाकर बांध : भाकर एक ग्रेविटी बांध है. यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में सतलुज नदी के ऊपर बना हुआ है. इस बांध का निर्माण सन 1948 में शुरू हुआ था, और सन 1963 में ये बन के तैयार हो गया. ये भारत का तीसरा सबसे बड़ा जल संग्रह है. इस बांध का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, जल विद्युत् उत्पादन और मछली पालन है. इस बांध से उत्पन्न जल विद्युत् हिमाचल के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली आदि कई जगहों पर होती है. इस बांध का जलाशय गोविन्द सागर के नाम से जाना जाता है. बहुत बड़े क्षेत्र में फैले होने की वजह से ये एक तरह का टूरिस्ट प्लेस बन गया है. कई लोग घूमने के ऐतबार से इस जगह पर आते हैं.
- किशो बांध : ये भी एक तरह का ग्रेविटी बांध है. ये हिमाचल प्रदेश में यमुना नदी से निकली टौंस नदी पर निर्मित है. इस बांध के निर्माण का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत् उत्पादन और पेय जल की पूर्ति करना होता है. इस बांध से प्राप्त जल विद्युत् एक 660 मेगावाट की पॉवर स्टेशन को चलाने के लिए उत्तम है. इस बांध के जल से लगभग 97, 076 हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई होती है.
- नाथपा बांध : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में सतलुज नदी के ऊपर ये बांध निर्मित है. ये एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है जिसका निर्माण सन 1993 में शुरू हुआ था और 2004 में पूरा हुआ. इस बांध का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत् उत्पादन है. इस बांध के जल संचय से 1500 मेगावाट बिजली की उत्पति होती है.
- कडाना बांध : ये बांध गुजरात के पंचमहल जिले में माही नदी के ऊपर निर्मित है. ये कुल 25520 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. ये 1979 से सन 1989 के बीच बना. इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, जल विद्युत् उत्पादन और आस पास के इलाकों की बाढ़ से रक्षा करना है.
- दांतीवाडा बांध : ये एक अर्थेन किस्म का बांध है. ये गुजरात के बनासकांठा जिले में बनास नदी पर बना हुआ है. ये साल 1965 से इस्तेमाल में लाया जा रहा है. ये गुजरात के पालनपुर शहर के पास स्थित है. इस बांध का मुख्य उदेश्य सिंचाई है. लगभग 111 गाँव का विकास इस बांध के ऊपर निर्भर करता है.
- पंडोह बांध : ये एक तटीय बांध है. हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में मनाली के पास इसका निर्माण व्यास नदी के ऊपर हुआ है. इसका निर्माण सन 1967 से सन 1977 के बीच हुआ. इस बांध का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत् उत्पादन है. इस बांध से लगभग 990 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
- चमेरा बांध : ये एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है. हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले में रावी नदी पर इसका निर्माण विभिन्न उद्देश्यों से हुआ है. इस बांध को बनाने का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, जल विद्युत् उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण आदि है. ये सन 2001 से इस्तेमाल हो रहा है. ये लगभग 470 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इस बांध से 990 मेगावाट तक विद्युत् उर्जा उत्पन्न होती है.
- बगलिहार बांध : ये बांध जम्मू कश्मीर के दोडा जिले में चेनाब नदी पर बना हुआ है. ये एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है. इस बांध का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत उत्पादन है. इस बांध में संचित जल से लगभग 900 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न होती है. ये सन 2008 से इस्तेमाल हो रहा है.
- दमखर जलविद्युत बांध : ये एक कंक्रीट बांध है, जिसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य आस पास के क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति करना है. ये जम्मू कश्मीर के लेह जिले में इंडस के नदी ऊपर बना हुआ है. ये सन 2003 से इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इस बांध से 45 मेगावाट तक की बिजली आपूर्ति की जा रही है.
- उरी जल विद्युत बांध : ये बांध जम्मू कश्मीर और पकिस्तान बॉर्डर पर लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल के बहुत क़रीब में स्थित है. इससे 480 मेगा वाट तक की बिजली आपूर्ति की जा सकती है. ये जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले में स्थित है. ये झेलम नदी पर बना हुआ है. इसका निर्माण दो प्रोजेक्ट के तहत पूरा हुआ. पहले प्रोजेक्ट के तहत सन 1997 में पूरा हुआ और दूसरा 2007 में पूरा हुआ.
- मैथन बांध : ये बांध झारखण्ड के धनबाद जिले में बराकर नदी पर स्थित है. इस बांध का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत् उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, और सिंचाई है. ये आसनसोल के पास ही स्थित है. ये सन् 1958 से काम में लगाया जा रहा है. इस बांध में संचित जल से 60 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन है.
इन बांधों के अलावा जगह जगह पर कई अन्य बांध भी बनाये गये हैं. इनमे तेहरी, हरंगी, कदरा, चांडिल, मुला, तानसा, गिरना, वैतरण, गिरना, पंशेत, विल्सन आदि बांध प्रमुख हैं.
भारत का सबसे बड़ा बांध (India’s most biggest dam)
भारत का सबसे बड़ा बांध टिहरी बांध है. ये उत्तराखंड में भागीरथी नदी के ऊपर स्थित है. ये एक तटीय बांध है. इस बांध का निर्माण कई अलग अलग कारणों से हुआ है. इस बांध की ऊंचाई 260 मीटर और लम्बाई 575 मीटर है. इस बांध में संचित जल से विद्युत उत्पादन के साथ साथ बहुत बड़े पैमाने पर सिंचाई भी होती है. इस बांध के जलाशय का आयतन 2.6 घन किलोमीटर है.
टिहरी बांध से लाभ (Tehri dam benefits)
टिहरी बांध के कई लाभ है. इससे 2400 मेगा वाट तक की बिजली उत्पन्न की जाती है, जो एक बहुत बड़े क्षेत्र की बिजली आपूर्ति करता है. यहाँ पर संचित जल से दिल्ली में रहने वाले लगभग 40 लाख लोगों को पेय जल की प्राप्ति होती है. उत्तराखंड में लगभग 30 लाख लोगों के पेय जल की पूर्ती भी इसी बांध से होती है. उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार के समुद्र तल से नीचे स्थित शहरों में बाढ़ के खतरे को कम करता है. इस बांध से कई लोगों को रोज़गार की प्राप्ति होती है. उत्तराखंड के कुल बिजलीखपत का 12 प्रतिशत इसी बांध से मुहैया हो जाता है.
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