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LCD LED TFT 3D मॉनिटर क्या है

LCD LED TFT 3D मॉनिटर क्या है

कम्प्यूटर पर हम जो भी डेटा टाइप करते हैं, या उसे जो भी निर्देशन देते हैं वह सब कुछ मॉनीटर पर ही दिखाई देता है। जैसे ही कम्प्यूटर ऑन होता है तो पहला डिस्प्ले मॉनीटर पर आता है और इसी से हम समझते हैं कि कम्प्यूटर ऑन हो गया है और पोस्ट की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। चाहे डेटा एंट्री को या किसी सॉफ्टवेयर का क्रियान्वयन, या फिर नेट सर्किंग सभी मॉनीटर पर ही डिस्प्ले होता है। यह कम्प्यूटर की प्रमुख आउटपुट यूनिट है.मॉनिटर कई पारकर के होते है जिसके बारे में आपको नीचे बताया गया है .

LCD मॉनिटर

लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले मॉनिटर को फ्लैट पैनल भी कहा जाता है ये कांच की पतली परत होती है जिनके बीच में लिक्विड क्रिस्टल मैटेरियल भरा होता है। जब इलेक्ट्रिक करंट बहता है तो लिक्विड क्रिस्टल मैटेरियल के अणु अपनी व्यवस्था बदल देते हैं या तो ये लाइट को जाने देते हैं या उसे ब्लॉक कर देते हैं और इसी के आधार पर इमेज बनती है। फ्लैट पैनल, लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले तकनीक पर आधारित होते हैं। ये आकार में छोटे होते हैं और एक सामान्य CRT (कैथोड रे ट्यूब) मॉनीटर से छोटे होते हैं

इसमें एक फ्लैट स्क्रीन होती है जो बहुत ही कम मात्रा में बिजली का प्रयोग करती है। इस तकनीक में पोल राइजिंग फिल्टरों को प्रयोग किया जाता है। यह फिल्टर दो अलग-अलग तरह की प्रकाश किरणें पैदा करते हैं। इन किरणों को ऐसी दिशा में एलाइन करते हैं जिससे यह एक निश्चित कोण पर दूसरे पोल राइजिंग फिल्टर के जरिए परिवर्तित होकर पास हो जाएं। इसी प्रक्रिया से हमें स्क्रीन पर डिस्प्ले दिखाई देने लगता है।कलर LCD तकनीक में एक फिल्टर और ज्यादा प्रयोग किया जाता है। इस फिल्टर में तीन सेल होते हैं जो लाल, हरे और नीले रंग को पैदा करते हैं।

जब प्रकाश किरणें इन तीनों सेलों से होकर निकलती हैं तो हमें स्क्रीन पर रंगीन डिस्प्ले दिखाई देने लगता है। इस समय दो तरह के LCD डिस्प्ले प्रयोग किए जाते हैं।एक को DFB और दूसरे DVI कहा जाता है। दोनों में डीवीआई डिस्प्ले श्रेष्ठ है। इसका पूरा नाम है डिजिटल विजुअल इंटरफेस.

एल.ई.डी. (LED) मॉनिटर

यह एक तरीके का फ्लैट पैनल डिस्प्ले होता है। LED तकनीक का प्रयोग टीवी के अलावा नोटबुक, मोबाइल फोन, डीवीडी प्लेयर, वीडियो गेम और पी.डी.ए. आदि में किया जाता है। वास्तव में LED टेक्नोलॉजी को LED और CRT तकनीक से कई गुना बेहतर माना जाता है। LED बैकलिट डिस्प्ले कम ऊर्जा खपत तो करती ही है, साथ में इसकी लाइफ भी अधिक होती है। LED डिस्प्ले कोल्ड- कैथोड तकनीक पर काम करती है।

LED मॉनिटर के फायदे

आज के समय में जिस LED (OLED, MOLED) तकनीक वाले डिस्प्ले पैनलों को कम्प्यूटर और लैपटॉप्स में प्रयोग किया जा रहा है उनके फायदे ये हैं.

  • यह तकनीक किसी भी तरह के वातावरण में बहुत अच्छे परिणाम देती है चाहे उस वातावरण में उच्च अल्ट्रा वायलेट किरणों हों या फिर ज्यादा नमी हो या फिर ज्यादा गर्मी हो।
  • इसमें प्रयोग किया जाने वाला चिप सॉलिड स्टेट होता है जिसकी वजह से न तो वह टूटता है और न ही जलता है।
  • इस तकनीक के प्रयोग में लगातार होने वाली बढ़ोत्तरी से इसकी प्रोडक्शन लागत में भी लगातार कमी आती जा रही है। ॐ इस तकनीक वाले मॉनीटर बहुत ही कम गर्मी का उत्पादन करते हैं।
  • EMI या RFI की कोई सम्भावना नहीं होती है।
  • इस तकनीक वाले मॉनीटर बहुत कम विद्युत से चल जाते हैं। (5 – 30 mA at 3.6 or 2.2 Vdc)
  • इस तकनीक में अनेक रंगों के च्वाइस का विकल्प होता है।

टी.एफ.टी. (TFT) मॉनिटर

इसे थिन फिल्म ट्रांजिस्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह टेक्नोलॉजी LCD मॉनीटर या फिर अन्य डिस्प्ले डिवाइस जैसे कि मोबाइल आदि के साथ उपयोग में ली जाती है। TFT टेक्नोलॉजी का उपयोग आउटपुट के रूप में अधिक साफ पिक्चर प्राप्त करने के लिए किया जाता है। TFT टेक्नोलॉजी पिक्चर की क्वालिटी में बाधा दे सकती है। सामान्यतः यह टेक्नोलॉजी ब्राइटनेस या फिर पिक्चर कंट्रास्ट आदि को और बेहतर बनाने में काम आती है। इस टेक्नोलॉजी के उपयोग से तुलनात्मक रुप में उपयोग में आने वाली बिजली का व्यय कम होता है।

LCD और TFT दोनों ही आज के युग में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी हैं। LCD का अभिप्राय है- लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले और TFT का अभिप्राय है- थिन फिल्म ट्रांजिस्टर। दोनों ही एक तरह के मॉनीटर हैं जो डिस्प्ले करने का कार्य करते हैं। इन दोनों में अंतर यह है कि LCD सामान्यतः कम्प्यूटर में डिस्प्ले का कार्य करती है जबकि LED TV टेलीविजन टेक्नोलॉजी में काम आती है। मॉनीटरों की तुलना उनकी विशेषताओं के आधार पर की जाती है जो निम्नलिखित हैं

1. स्क्रीन का आकार (Screen Size)

TFT की तुलना यदि CRT मॉनीटर से करें तो दोनों के स्क्रीन साइज को अलग-अलग तरीके से नापा जाता है। TFT का स्क्रीन साइज उसकी स्क्रीन के डायग्नल के रूप में नापा जाता है। जब कि मॉनीटर का स्क्रीन साइज उसके रेजोल्यूशन (resolution) के अनुसार तय किया जाता है। अलग-अलग मॉनीटर अलग-अलग रेजोल्यूशन किट के आते हैं।

2. एस्पेक्ट रेशियो (Aspect Ratio)

TFT मॉनीटर इमेज के साइज का अनुपात उसके हाइट और विड्थ के अनुसार तय करता है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला अनुपात 4:3 है जो 17 और 19 इंच स्क्रीन के लिए उपयुक्त होता है। इसके साथ ही वाइड स्क्रीन मॉनीटर भी प्रचलन में आ रहे हैं। जो सामान्य बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।

3. रेजोल्यूशन (Resolution)

यदि TFT मॉनीटर की रेजोल्यूशन सबसे महत्त्वपूर्ण भाग होता है। रेजोल्यूशन का अभिप्राय है लंबाई और चौड़ाई के अनुसार स्क्रीन के कुल पिक्सल्स की गणना करना। जितनी अधिक स्क्रीन का रेजोल्यूशन होगा उतनी बेहतर स्क्रीन होगी।

3D मॉनीटर

यदि आज के समय में इस्तेमाल होने वाली आम 3D तकनीकों की बात करें तो इस समय Fogging, Gouraud shading और – Alpha blending तकनीक को प्रयोग किया जा रहा है।

एडवांस Three dimensional तकनीकों में Stencil Buffering, Z-Buffering, Environment-based Bump Mapping और Displacement Mapping, Texture Mapping Filtering Enhancement इत्यादि का इस्तेमाल हो रहा है।

3D मॉनिटर के फायदे
  • इसके द्वारा प्रजेन्टेशन के लिये बड़ी स्क्रीन उपलब्ध होती है।
  • कम्प्यूटर की स्क्रीन और प्रजेन्टेशन को टेप में रिकार्ड कर सकते
  • एनालॉग वीडियो को कैप्चर करके उसे एडीटिंग के लिये डिजिटल
  • फार्मेट में बदल सकते हैं।
  • टीवी प्रोग्राम्स को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर देख सकते हैं।

इस पोस्ट में आपको LCD LED TFT 3D मॉनिटर क्या है LCD मॉनिटर क्या है LED मॉनिटर क्या है TFT मॉनिटर क्या है 3D मॉनिटर क्या है lcd monitor in hindi led monitor in hindi से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में अभी भी आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें.

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