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जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

हेल्लो दोस्तों आज कि हमारी इस पोस्ट में हम आपको जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जिसका आपको ज्ञान होना अति आवश्यक है इसकी सहायता से आप किसी भी एग्जाम या टेस्ट कि तैयारी में बेहतर प्रदर्शन कर सकते है इसके साथ साथ आपको यह भी पता होना चाहिए की , विज्ञान  की वह शाखा जिसके अंदर सजीव का अध्ययन किया जाता है जैसे जीव जंतु पेड़ पौधे वनस्पतियां  सूक्ष्म जीव आदि उसे जीव विज्ञान कहते हैं 

सजीवों के लक्षण

  • सजीवों में वास्तविक जीवित पदार्थ होता है  इसमें सभी जैविक क्रियाएं भी होती है
  • जीवधारी एक या एक से अधिक  कोशिकाओं से बने होते हैं
  • जीवो की वृद्धि एवं विकास के लिए भोजन  जरूरी है
  • जीवन श्वसन क्रिया में वायुमंडल से ऑक्सीजन लेकर कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन वसा  का ऑक्सीकरणकरते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं
  • सभी जीवो का एक निश्चित जीवन चक्र होता है
  • जीव धारियों प्रकृति आयतन और बाहर बढ़ना उनकी  वृद्धि करना कहलाता है
  • सभी जीव अपने जैसे जीव पैदा करते हैं सभी  सजीवों में प्रजनन होता है
  • सभी जीव मंडल में होने वाले परिवर्तन को महसूस करते हैं इसका अर्थ यह है कि उनमें संवेदनशीलता होती है
  • सभी जीव अपने आप को वातावरण के अनुसार डाल सकते हैं
  • सभी जीव विभिन्न क्रिया से हानिकारक पदार्थों को अपने शरीर में से निकालते हैं

जीव विज्ञान की शाखा निम्नलिखित

  • आकारिकी(Morphology):- बाह्य रचना व आकृति का अध्ययन
  • जैवरसायनिकी (Biochemistry):- जीव  शरीर के  रसायनों का
  • कोशिका विज्ञान(cytology):- कोशिका एवं कोशिका  अंगो का अध्ययन
  • शारीरिकी (Anatomy):-  जीवो के शरीर की आंतरिक संरचना का अध्ययन
  • औतिकी (Histology):- ऊतकों का अध्ययन
  • शरीर क्रिया विज्ञान(Physiology):- विभिन्न अंगो  तथा अंग तंत्र के कार्यों का अध्ययन
  • भ्रूणिकी (Embryology):- जीव के परिवर्धन तथा वृद्धि का अध्ययन
  • सृजननिकी (Eugenic):-  अनुवांशिकी के नियमों द्वारा मानव जाति के सुधार का अध्ययन
  • अनुवांशिकी (Genetics):- जीवो में अनुवांशिकी लक्षणों की वंशागति तथा विभिन्नताओं का अध्ययन
  • यूफेनिक्स (Euphenics):- इस चिकित्सा इंजीनियरिंग भी कहते हैं
  • पारिस्थितिकी (Ecology):- जीवो के उनके वातावरण से संबंध का अध्ययन
  • सौपरिवेशिकी (Euthenics):- मानव की वर्तमान पीढ़ी का अच्छे  पोषण द्वारा सुधार
  • उद्विकास (Evolution) :- जीवन के उद्गम तथा उसके विकास का अध्ययन
  • प्राणी भूगोल(zoogeography) :-प्राणियों के  पृथ्वी पर वितरण का अध्ययन
  • जीवाश्मिकी(Palaeontology):-जीव धारियों के जीवाश्मो तथा विभिन्न कालो का अध्ययन
  • परजीवी विज्ञान(Parasitology):- दूसरों जीवो के अंदर या बाहर परजीवियों का अध्ययन
  • वर्गिकी(Taxonomy):- जीवों के वर्गीकरण का अध्ययन
  • एथोलोजी (Ethology):-प्राणियों के व्यवहार का अध्ययन
  • केंद्रक विज्ञान(Karyology):-  केंद्रक का अध्ययन
  • हिम जीव विज्ञान(Cryobiology):- कम तापमान पर जीवो को सुरक्षित रखने का अध्ययन
  • सूक्ष्म जैविकी(Microbiology):- सूक्ष्म जीवों का अध्ययन
  • प्रतिरक्षा विज्ञान(Immunology):-प्राणियों की रोगों के प्रति रोधकता का अध्ययन
  • हिपेटोलोजी (Hepatology):- यकृत का अध्ययन
  • अस्थि विज्ञान(Osteology):- अस्थियों का अध्ययन
  • स्त्री रोग विज्ञान(Gynecology):- मादा जनन तंत्र तथा उससे संबंधित रोगों का अध्ययन
  • सरीसृप  विज्ञान (Herpetology):-सरीसर्पो का अध्ययन
  • आयुर्विज्ञान(Gerontology):- प्राणियों के ऊपर आयु के प्रभाव का अध्ययन
  • मत्स्य विज्ञान(Ichthyology):-  मछलियों का अध्ययन
  • सब्जियों की कृषि(Olericulture):- सब्जियों का अध्ययन
  • पिडोलोजी (Pedology):-  मृदा का अध्ययन
  • रेडिएशन बायोलोजी(Radiation Biology):-  विभिन्न  विकिरणों के  जीवो पर प्रभाव का अध्ययन
  • बायोटेक्नोलॉजी(Biotechnology):-  सजीवों या उनसे प्राप्त पदार्थों का औद्योगिक क्रियाओं में प्रयोग
  • पादप रोग विज्ञान(Plant pathology):-  पौधे में रोगों के लक्षण रोगकारक जीव तथा रोगों के नियंत्रण का अध्ययन

जीव विज्ञान का इतिहास

  1. थियोफ्रेस्टस  (Theophrastus,372-287 BC ) ने हिस्टोरिया प्लांटेरम (Historia Plantarum)  पुस्तक लिखी तथा 500 पदों की सूची तैयार की.
  2. फादर  सोरेज (Father Suarez , 1548-1621)  विशिष्ट उत्पत्ति वाद प्रस्तुत किया.
  3. विलियम हार्वे(william Harvey,1570-1657)  ने जंतुओं में रक्त परिवहन की खोज की .
  4. रॉबर्ट हुक(Robert Hooke,1665)  ने कोशिका की खोज की तथा माइक्रोग्राफिया (Micrographia) पुस्तक लिखी
  5. आर कैमिरेरियस (R Camerarius,1694)  ने पौधों में लैंगिक जनन का वर्णन किया.
  6. जॉन रे (John Ray,1700) ने जाति (Species)शब्द प्रतिपादित किया तथा जाति की अवधारणा प्रस्तुत की.
  7. कैरोलस लीनियस(Carolus Linnaeus,1735) सिस्टेमा नेचुरी (systema naturae,1735) जेनेरा प्लांटेरम (Genera Plantarum,1737) तथा स्पीशीज प्लांटेरम (Species Plantarum,1735) पुस्तके लिखी और द्विनाम पद्धति (binomial system) का शुभारंभ किया.
  8. एडवर्ड जेनर (Edward Jenner,1796)  ने चेचक(Small Pox) का टीका बनाया
  9. लैमार्क(Lamarck,1809) ने  फिलॉस्फी जूलॉजिक (Philosophie Zoologique)  पुस्तक लिखी तथा उपार्जित लक्षणों की वंशागति का सिद्धांत दिया
  10. चार्ल्स डार्विन(Charles Darwin,1809-1882) प्राकृतिक वर्ण तथा योग्यतम की उत्तरजीविता का  सिद्धांत प्रस्तुत किया तथा ओरिजिन ऑफ स्पीशीज पुस्तक लिखी.
  11. ए पी डी  कन्ड़ोले (A P De Condolle,1813)  ने टेक्सोनोमी(Taxonomy) शब्द को परिभाषित किया.
  12. रॉबर्ट ब्राउन (Robert Brown , 1773-1858)  ने ब्राऊनियन गति तथा केंद्र की खोज की.
  13. डुजारडिन (Dujardin,1835) ने  सारकोड नाम दिया.
  14. पुरकिंजे(Purkinje,1840) ने सर्वप्रथम प्रोटोप्लाज्म नाम दिया था.
  15. स्लाइडेंन व  श्वान (Schleiden & schwann,1838-1839) ने कोशिका Theory प्रस्तुत किया.
  16. ह्यूगो डी व्रिज (Hugo de Vries,1840-1935) ने ओईनोथेरा लैमार्कियाना पर कार्य किया तथा उत्परिवर्तन वाद  प्रस्तुत किया |
  17. विरकोव (Virchiw, 1858) ने बताया कि नई कोशिकाएं पूर्व कोशिकाओ  से उत्पन्न होती है|
  18. लुई पाश्चर(Louis Pasteur,1861)   ने जर्म थ्योरी ऑफ डिजीज दी थी|
  19. ग्रेगर जॉन मेंडल ( Gregor Johann Mendel,1866) ने अनुवांशिकी के आधारिय नियम को प्रस्तुत किया |
  20. एर्न्स्ट हेकल (Ernst Haeckel,1834-1919) ने Recapitulation Theory  सिद्धांत दिया था
  21. हक्सले (Huxley , 1868) ने बताया कि जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार है |
  22. मिशर (Miescher,1869) ने केंद्रक में डीएनए की खोज की तथा न्यूक्लिन नाम दिया|
  23. कुहने (Kuhne,1878) ने सबसे पहले एंजाइम शब्द का प्रयोग किया
  24. डब्लू फ्लेमिंग (W Flemming,1879) ने क्रोमेटिन शब्द का प्रयोग किया तथा समसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों के  पृथक्करण का वर्णन किया|
  25. अड़वर्ड स्ट्रासबर्गर (Edward strasburger,1884)ने पौधों में निषेचन का वर्णन किया
  26. विजमैन (Weismann,1885)  theory of germplasm प्रस्तुत किया
  27. वाल्डेयर (Waldeyer,1888)   ने सर्वप्रथम गुणसूत्र शब्द का प्रयोग किया |
  28. अल्टमान (Altmann,1894) ने माइटोकॉन्ड्रिया  के लिए बायोब्लास्ट नाम दिया|
  29. सी बेंडा (C Benda,1897)ने माइटोकॉन्ड्रिया नाम दिया|
  30. नवशिचन (Nawaschin,1898) ने द्विनिषेचन तथा त्रिसंयोजन की खोज की
  31. ह्यूगो डी व्रीज ,कोरेंस एवं शरमाक(Hugo de vries,Correns and Tschermak,1900) ने मेंडल के नियम की पुर्नखोज की |
  32. कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner,1900) ने A,B और O रक्त समूह व Rh कारक की खोज की|
  33. सटन एवं बोवेरी (Sutton & Boveri, 1902) ने वंशागति का गुणसूत्रीय सिद्धांत प्रस्तुत किया है|
  34. फार्मर एवं मुरे  (Farmer & moore,1905) ने मियोसिस शब्द का प्रतिपादन किया|
  35. बेटसन एवं पुनेट (Bateson & Punnett,1906) ने वंशागति के विज्ञान को आनुवंशिकी कहा|
  36. जोहन्सन (Johannsen,1909) ने जीन, जीनोटाइप तथा फिनोटाइप शब्द का प्रतिपादन किया|
  37. मोर्गन (Morgan,1910) ने ड्रोसोफिला में लिंग  सहलग्न वंशागति की खोज की|
  38. रोबर्ट फ्यूलगेन (Robert Feulgen,1914) DNA के लिए एक अभिरंजक बनाया तथा स्पष्ट किया कि गुणसूत्रों में DNA होता है
  39. बेन्टिंग एवं बेस्ट (Banting & Best,1922) ने अग्नाशय से इंसुलिन को  अलग किया
  40. ए आई ओपेरीन (A I Oparin,1924) ने जीवो के रासायनिक उद्गम के बारे में बताया|
  41. हरमैंन जे मूलर (Hermann J Muller,1927)  ने ड्रोसोफिला एक्स किरणों  से उत्परिवर्तन प्रेरित किया|
  42. ग्राफिथ (Griffith,1928)  जीवाणुओं में रूपांतरण की खोज की
  43. एलेग्जेंडर फ्लेमिंग(Alexander Fleming,1929) ने पेनिसिलियम नोटेटम से पेंसिलिन की खोज की
  44. वान नेल (Van Neil,1931)  प्रकाश संश्लेषण में जल के अपघटन के समय प्रकाश का महत्व बताएं
  45. नोल  एवं रसका (Knoll & Ruska, 1932) ने  इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज की
  46. ए जी टेंसले (A G Tansley,1935) ने पारिस्थितिक तंत्र  नाम दिया

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