जनन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

जनन किसे कहते हैं

इस पोस्ट में हम आपको जनन के बारे में बता रहे है जनन के आधार पर हर एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते है.हमारी पीढ़ी को बनाये रखने के लिए जनन हमारे जीवन में आवश्यक है प्रत्येक जीव अपने समान ही नया जीव  संतति उत्पन्न करता है .इस क्रिया  को  जनन  कहते  है जनन के द्वारा पीढियों में निरन्तरता बन  रहती है तथा किसी जीव की मृत्यु  होने पर भी उसकी जाति का असितत्व बना सकता है।

कोई भी जीव या वनस्पति अपने ही समान किसी दूसरे जी या वनस्पति को जन्म देकर अपनी जाति की वृद्धि करते हैं जनन की इस प्रक्रिया को जन्म कहते हैं  जनन जीवो की विशेषता है जनन के द्वारा ही आगे आने वाली पीढ़ी का भविष्य निर्माण होता है निर्जीव में यह प्रक्रिया नहीं पाई जाती  है विषाणु (इसका अपवाद है) जनन के दो उद्देश्य होते हैं  पहला व्यक्ति विशेष का संरक्षण और दूसरा जाति की श्रृंखला को बनाए रखना. जनन को दो भागों में बांटा गया है वनस्पतियों में जनन और प्राणियों में जनन के बारे में नीचे विस्तारपूर्वक बताया गया है :-

वनस्पतियों में जनन

वनस्पतियों में जनन के प्रकार:  
1 कायिक जनन (Vegetative Reproduction)
2 अलैंगिक जनन(Asexual Reproduction)
3  लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)

1 कायिक जनन (Vegetative Reproduction)

वह जनन है जिसके अंतर्गत पौधे की संतति पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाने के लिये पौधे की जीवित शाखाओं को काट कर सीधा ज़मीन या पेड़ के किसी भी भाग मे रोपित करके नये पोधे का निर्माण किया जाता है .

2 अलैंगिक जनन(Asexual Reproduction)

अलैंगिक जनन में विशेष प्रकार की कोशिकाएँ, बिना किसी दूसरी इकाई से मिले ही, नए पौधों को उत्पन्न करती हैं। यह विखंडन विधि (fission) या बीजाणुनिर्माण विधि (sporulation) से होता है। पहली विधि से ही शैवाल, कवक और बीजाणुओं आदि का जनन एवं वर्धन होता है।.

3  लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)

अधिक विकसित पौधों में फल और बीज द्वारा लैंगिक जनन होता है। उनके फूलों में नर गैमीट और मादा गैमीट (Gamete) होते हैं, जिनके सायुज्य से युग्मक (Zygote) बनते हैं। ये बीज के अंदर भ्रूण में विकसित हो, अंकुर बनकर नए पौधों को जन्म देते हैं।.

प्राणियों में जनन

प्राणियों में जनन की विधि को दो भागों में बांटा गया है एक अलैंगिक और दूसरा लैंगिक | लैंगिक और अलैंगिक में भेद यह  है कि अलैंगिक विधि से जनन के लिए केवल एक ही जनक की आवश्यकता होती है और लैंगिक जनन विधि से जनन के लिए केवल एक ही जनक की आवश्यकता होती है
प्राणियों में जनन के प्रकार:
1 अलैंगिक जनन(Asexual Reproduction):
2 लैंगिक जनन (Sexual Reproduction):

1 अलैंगिक जनन(Asexual Reproduction)

यह वह जन्म की प्रक्रिया है जो एक जीव के दो टुकड़े होने पर होता है उदाहरण के लिए यह प्रक्रिया अमीबा में मिलती है  जब अमीबा दो भागों में टूट जाता है तो वह दो जीवो का रूप ले लेता है  यह जन्म प्रक्रिया कुछ अन्य जिलों में भी देखने को मिलती है जैसे स्पंज, सीलेंटरेटा (Coelenterata) और ब्राइओजोआ | अलैंगिक जनन  कुछ अन्य तरह से भी होता है जैसे यदि किसी जीव के शरीर का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो जाए या कट जाए तो उसका दोबारा से निर्माण हो जाना यह प्रक्रिया हाइड्रा और केंचुए में देखने को मिलती है  किसी अंग का दोबारा से निर्माण होना यह प्रक्रिया उच्च श्रेणी के जीवो में बहुत कम पाए जाते हैं मनुष्य में तो यह प्रक्रिया केवल घाव को भरने तक ही सीमित रह जाती है

2 लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)

प्राणियों में लैंगिक जनन की कई विधियाँ हैं, जिनमें प्रमुख विधियाँ हैं-

  • सामान्य लैंगिक जनन,
  • उभयलिंगी (Hermaphroditic) जनन,
  • असेचन जनन (Parthenogenesis) और
  • डिंभजनन (Paedogenesis)

1 सामान्य लैंगिक जनन
सामान्य लैंगिक जनन दो जंतुओं के मिलने से बनती है एक नर जंतु और दूसरा मादा  जंतु नलचंपू शुक्राणु दान करता और महादेव जंतु अंडाणु उत्पन्न करती है दोनों एक दूसरे के नजदीक आकर निषेचन करते हैं युग्मजों के खंडीकरण से भ्रूण बनता है और विकसित होकर शिशु रूप में जन्म लेता है।

2 उभयलिंगी (Hermaphroditic) जनन
कुछ प्राणियों में नर शुक्राणु और मादा अंडाणु दोनों  होते हैं एक ही प्राणी में उत्पन्न होते हैं यह उभय लिंगी प्राणी कहलाते हैं  इनमें एक ही प्रकार के क्रोमोसोम अंदर ही एक दूसरे से मिलकर जनन करते हैं केंचुआ, जोक, घोंघे आदि इस प्रकार के उदाहरण है.

3 असेचन जनन (Parthenogenesis)
इस प्रक्रिया में अंडाणु और शुक्राणु का मिलना आवश्यक नहीं होता इसे virgin reproduction भी कहते हैं इस प्रक्रिया में मादा अंडाणु को एक जगह छोड़ देती है और जब नर उस अंडाणु को देखता है तो वह है वहां पर शुक्राणु छोड़कर चला जाता है इस प्रकार यह प्रक्रिया बाही प्रक्रिया होती है कुछ समय बाद अंडाणु और शुक्राणु  के मिलने से भ्रूण बनता है| यह प्रक्रिया मुख्यत मधुमक्खियां और मेंढक में पाई जाती है .

4 डिंभजनन (Paedogenesis)
यकृत कृमि (Liver fluke) और टाइगर सैलामंडर (Tiger salamander) में जनन की एक अपूर्व विधि पाई जाती है, जिसे डिंभजनन कहते हैं। इसमें जब प्राणी डिंभावस्था (larval stage) में ही रहते हैं और पूर्ण वयस्क नहीं हुए रहते तभी जनन करने लगते हैं और संतानवृद्धि करते हैं।

इस पोस्ट में आपको जनन के बारे में महतवपूर्ण जानकारी कायिक जनन के लाभ जनन की अच्छी विधि कौन सी है और क्यों पौध प्रजनन कायिक प्रवर्धन क्या है मानव जनन कैसे करता है। जनन क्रिया कायिक जनन किसे कहते है व्हाट इस रिप्रोडक्शन इन हिंदी से संबंधित जानकारी दी गई है. तो इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें. अगर इनके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछो और अगर आपको यह टेस्ट फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

Leave A Reply

Your email address will not be published.