HTET Level 3 PGT English Practice Set
HTET Level 3 PGT English Practice Set
जब आप किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो आपको सबसे पहले उस परीक्षा का पैटर्न उसका सिलेबस पता हो रहा है बहुत ही जरूरी है ताकि आप कम से कम समय में भी उसकी अच्छी तैयारी कर पाए जो भी उम्मीदवार HTET Level 3 PGT English परीक्षा की तैयारी कर रहा है उसके लिए इस पोस्ट में HTET Level 3 PGT English परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस के अनुसार टेस्ट दिया गया है जिसे हल करके आप अपनी तैयारी को काफी बेहतर बना सकते हैं HTET Level 3 PGT English की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए हमारी वेबसाइट पर और भी काफी ऑनलाइन प्रैक्टिस सेट किए गए हैं जिन्हें हल करके वह अपनी तैयारी को अच्छी कर सकते हैं.
• गलती निकालना
• आलोचना करना
• नकारात्मक व्यवहार करना
• उपयुक्त सुविधा और सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
• उन्हें चिह्नित (लेबल) कर देना चाहिए।
• व्यक्तिपरकता अनिवार्य करना चाहिए।
• ज्ञान वस्तुनिष्ठ, सार्वभौमिक और पूर्ण है।
• अध्यापक आधिकारिक ज्ञान छात्रों को स्थानान्तरित करता है।
• छात्र ‘सही’ उत्तर को तलाशते हैं।
• गलतियों के बिना लिखने से
• सही सूचना (संकेत) सुनने से
• गणितीय गणनाएँ करने से
• संवेग स्थायी होता है।
• प्रत्येक संवेग से एक भावना जुड़ी होती है।
• संवेग बाह्य उद्दीपनों से जाग्रत होता है।
• वस्तुनिष्ठता
• वैधता
• व्यक्तिनिष्ठता
• बाह्य प्रेरणा
• गणितीय प्रेरणा
• आन्तरिक तथा बाह्य प्रेरणा
• प्रोक्सिमोडिस्टल (अन्दर से बाहर की ओर)
• सामान्य से विशिष्ट
• शिरोपादीय
• स्वयं उन पर आचरण करे।
• महान व्यक्तियों की कहानियाँ सुनाये।
• देवी-देवताओं की बातें करे।
• अभिधारणा
• अभिवृत्ति
• अभिप्रेरणा
• उचित व्याख्या, विश्लेषण, मूल्यांकन और निष्कर्ष निकालना।
• कुछ उत्पन्न करने और निर्माण करना।
• प्रतिक्रिया की विधियों का चिन्तन करना।
• मूर्त क्रियात्मक अवधि
• पूर्व-क्रियात्मक अवधि
• इन्द्रिय गति अवधि
• बालक के सामाजिक विकास में
• बालक के शारीरिक विकास में
• बालक के सांस्कृतिक विकास में
• सुरक्षात्मकता
• अस्वीकरण
• पश्चगमन
• विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होना
• मैत्री संबंधों में भारी कमी होना
• विशिष्ट रुचियों में विस्तार होना।
• तादात्मीकरण
• प्रजातन्त्रीय अनुशासन
• अति-संरक्षण
• विकास के सभी पक्षों का मूल्यांकन करना।
• केवल छात्र के ज्ञान का मूल्यांकन करना।
• केवल छात्र की समझ का मूल्यांकन करना।
• माता-पिता का
• संगी-साथियों का
• चलचित्रों का
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को विभिन्न कक्षा-कक्षों में पूरा करना।
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को विशिष्ट विद्यालयों में पूरा करना।
• व्यक्तिगत भिन्नताओं को घर पर अनुदेशन देकर पूरा करना।
• शैक्षिक लब्धि (A.Q.) होती है।
• सांवेगिक लब्धि (E.Q.) होती है।
• आध्यात्मिक लब्धि (S.Q.) होती है।
• विकासात्मक व्यवहार
• गलत व्यवहार
• सभी विकल्प सही हैं।
• अनुज्ञात्मक
• प्रजातान्त्रिक
• नियंत्रात्मक
• अभ्यास का नियम
• आत्मीकरण का नियम
• मनोवृत्ति का नियम
• मौलिकता
• विशुद्धता
• नवीनता
• अन्तरा वैयक्तिक अन्तर
• वैयक्तिक अन्तर
• मापन योग्य वैयक्तिक अन्तर
• प्रजातांत्रिक उपागम
• संग्रहित उपागम
• आदर्श उपागम
• यह अन्वेषण, अवलोकन महत्त्व पर बल देता है। और खोज के
• यह अध्यापक द्वारा अधिगमकर्ता को ज्ञान स्थानान्तरण पर बल देता है।
• यह अनुभवजन्य-अधिगम, समस्या-समाधान, सम्प्रत्यय-मानचित्र तथा सृजनशील-लेखन जैसी विधियों का प्रयोग करता है।