Electrical Switch क्या है और इसके प्रकार
Electrical Switch क्या है और इसके प्रकार
Electrical Switch in Hindi : Electricity लाइन को ‘ऑफ’ या ‘आन’ करने अर्थात् Electricity को चालू करने या समाप्त करने के लिए स्विच प्रयोग किया जाता है। स्विच इस प्रकार का होना चाहिए कि वह ‘ऑन’ करने पर तुरन्त Electricity को चालू कर दे और ‘ऑफ’ करने पर तुरन्त बन्द कर दे जिससे स्विच में चिंगारी न उत्पन्न होने पाए .स्विच स्वयं चलने वाले अर्थात् ऑटोमैटिक और हाथ से चलने वाले होते हैं.
स्विच की यह विशेषता होनी चाहिए कि वह किसी भी सर्किट या उपकरण को बिना चिंगारी उत्पन्न किए तुरन्त आसानी से चालू (On/ open) व बंद (off/close) कर दें।
स्विच कई प्रकार के होते हैं
1.टम्बलर स्विच
2.फ्लश टाईप स्विच
3.आई. सी. मेज स्विच
4.नाइफ स्विच
1.टम्बलर स्विच
Tumbler switch in Hindi : टम्बलर स्विच ज्यादातर घरेलू वायरिंग में प्रयोग किए जाते हैं। यह बैकलाइट इनसुलेटिंग पदार्थ के बने होते हैं। यह स्विच देखने में गोल होते हैं तथा कुछ स्विचों का आधार (Base) पोर्सलीन का बनाया जाता है यह ज्यादातर 6 amp-240 V तक प्रयोग किए जाते हैं, पावर प्लग के नियंत्रित (control) करने के लिए इन्हें | 15 amp-240 V तक भी बनाया जाता है। यह स्विच अधिकतर राऊड ब्लॉक (लकड़ी या बोर्ड पर लगाए जाते हैं।
टम्बलर स्विच कई प्रकार के होते हैं
1. सिंगल वे स्विच : यह केवल एक लैम्प को कन्ट्रोल करने के लिए प्रयोग होते हैं। यह गोल या चौकोर होते हैं। इनमें टर्मीनल्स पॉइन्ट भी दो होते हैं।
2. टू वे स्विच : इसमें चार पॉइन्ट होते। हैं जिसमें दो आपस में शॉर्ट होते हैं। शेष में तार लगाए जाते हैं। ये सीढ़ियों की वायरिंग या गोदाम की वायरिंग में प्रयोग होते हैं।
3. इन्टरमीडिएट स्विच : जब दो से अधिक स्थानों से लैम्प को कन्ट्रोल करना हो तो ‘टू वे स्विच’ के साथ यह भी प्रयोग किया जाता है।
4.बैड स्विच : बैड (Bed) से ही लैम्प को ‘ऑन’ व ‘ऑफ’ करने के लिए यह स्विच प्रयोग किया जाता है।
5.ग्रिड स्विच: यह मशीनों के साथ लगे हुए होते हैं। जैसे पोर्टेबिल ड्रिल मशीन
6.टेबल लैम्प स्विच: टेबल लैम्प स्विच को टेबल लैम्प पर ही फिट किया जाता है जिसे एक बार दबाने से यह ON हो जाता है तथा दूसरी बार दबाने से
OFF हो जाता है टेबल लैम्प स्विच कहलाता है।
7.पुश बटन : पुश बटन स्विच में दो पोजिशन होती है On तथा OFF । पुश बटन सर्किट को बहुत शीघ्रता से ON और OFF करता है। यह केवल उतनी देर तक ON रहता है जितनी देर तक इसे दबाकर रखते हैं। पुश बटन का प्रयोग अधिकतर घंटियों में किया जाता है। इस प्रकार के स्विच से इंच स्विच (Inch Switch) का कार्य भी लिया जाता है, इंच स्विच से तात्पर्य यह है कि जब किसी उपकरण को थोड़ी देर के लिए रूक-रूक कर चलाना हो तो इंच स्विच का प्रयोग कर सकते हैं जैसे मिक्सी आदि में
8.इन्टरमीडिएट स्विच : जब किसी लैम्प को दो या दो से अधिक स्थान से कंट्रोल (control) करना हो तो इन्टरमीडिएट स्विच का प्रयोग करते हैं। इसमें चार टर्मीनल्स (Terminals) होते हैं, जिन्हें दो तरह से जोड़ा जाता है। पहले एक और तथा फिर दो और चार को जोड़ने से स्विच चालू (ON) हो जाता है। उसे टू वे स्विच के साथ भी प्रयोग किया जाता है। यह बैकलाइट पदार्थ का बना होता है जिसे 16A/240v के लिए बनाया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं.
1.Parallel Type
2.Cross Type
2.फ्लश टाईप स्विच
Flush type Switch In Hindi : फ्लश टाईप स्विचों को दीवारों या बोर्ड के अन्दर लगाया जाता है, इनकी बाड़ी (Body) बोर्ड के अन्दर चली जाती है केवल ‘on’ और ‘off का भाग ही दिखाई देता है। यह देखने में सुन्दर लगते हैं। इनके अन्दर धूल, मिट्टी, पानी आदि नहीं जाता। जिसके कारण इनके टर्मीनल्स साफ रहते हैं। और शीघ्रता से ‘on’ और ‘off हो जाते हैं.
3.आई. सी. मेन स्विच
I.C. main Switch in Hindi : इसका पूरा नाम ‘आयरन क्लैड मेन स्विच’ होता है। इसका आवरण कास्ट आयरन का बना हुआ होता है। अन्दर फ्यूज कट आउट लगे हुए होते हैं। नीचे की ओर यू (U) टाइप की पत्तियाँ लगी हुई होती हैं। बाहर हैन्डिल लगा होता है। हैन्डिल को ऊपर करने से ‘ऑन’ और नीचे करने से ‘ऑफ’ होता है। इसके अन्दर की पत्ती ऑन करने पर फ्यूज कट आउट के पॉइन्ट से मिल जाती है और ‘ऑफ’ होने पर पृथक हो जाती है। स्विच से बाहर जाने वाले तार ऊपर की ओर तथा लाइन के तार नीचे की ओर लगाए जाते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं आई.सी.डी.पी. और आई.सी.टी.पी. अर्थात् ‘आयरन क्लैड डबल पोल मेन स्विच’ और ‘आयरन क्लैड ट्रिपिल पोल मेन स्विच’। यह 15 एम्पियर से 300 एम्पियर के होते हैं। सिंगल फेस सप्लाई लाइन में आई.सी.डी. पी, और थ्री फेस सप्लाई लाइन में आई.सी.टी.पी. मेन स्विच प्रयोग किए जाते हैं। आई.सी.टी.पी. में न्यूट्रल लिंक और अर्थिंग टर्मीनल भी होता हैं।
4.नाइफ स्विच
Knife Switch in Hindi : यह खुले प्रकार (open type) के स्विच होते हैं इसके ऊपर कोई कवर नहीं होता। इसी कारण से इन्हें ऐसे स्थान पर लगाया जाता है जहाँ पर धूल, मिट्टी, पानी आदि न जा सके। ऐसे स्विचों को वहाँ लगाया जाता है जहाँ आम आदमी न जा सके। नाइफ सिवच ‘सिंगल थ्रो’ तथा ‘डबल थ्रो’ दो प्रकार के होते हैं। ‘सिंगल थ्रो’ स्विच में एक ही लाइन को ‘on’ और ‘off किया जाता है। जबकि ‘डबल थ्रो’ में दोनों ओर टर्मीनल होते हैं जिसके एक लाईन को ‘off करके दूसरी को ‘on’ किया जाता है।