इलेक्ट्रिक मोटर क्या होती है मोटर कितने प्रकार के होते है
इलेक्ट्रिक मोटर क्या होती है मोटर कितने प्रकार के होते है
Electric Motor In Hindi : इलेक्ट्रिक मोटर एक डिवाइस है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है। डी.सी. सप्लाई से चलने वाली मोटर्स को डी.सी. मोटर्स कहते हैं जबकि ए.सी. सप्लाई पर चलने वाली मोटर्स को ए.सी. मोटर्स कहते हैं। ए.सी. मोटर्स का वर्गीकर्ण इस तरह किया जाता है- सिंगल फेज़ और थ्री फेज इंडक्टशन मोटर्स, सिंक्रोनस मोटर्स (Synchronous motors) और कुछ विशेष उद्देश्यीय मोटर्स (special purpose motors)। इन सब में से थ्री फेज इंडक्शन मोटर्स व्यापक रूप से विभिन अनुप्रयोगों के लिए उपयोग की जाती हैं।
Induction Motor
इंडक्शन मोटर शायद सब से आम प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर है। इसमें कम्यूटेटर या ब्रश नहीं होते हैं। इस प्रकार की मोटर शक्तिशाली और कुशल होती है। इंडक्शन मोटर में वाइन्डिंग के । दो सेट होते हैं (कॉपर या एल्यूमीनियम तार को कॉयल करके इलेक्ट्रोमैगनट बनाए जाते हैं।) जब स्टेटर में वाइन्डिंग को सक्रिय (Energize) किया जाता है तो यह रोटर में वाइन्डिंग में करेंट प्रेरित करता (Induce) है (इस अदृश्य शक्ति को इंडक्शन कहते हैं।)। इंडक्शन मोटर के मुख्य भाग हैं:
1.स्टेटर (Stator)
2.Winding
3.End Bell
4.Rotor
5.Bearing
6.Wiring Cover
7.Motor Frame
8.Fan Blades
Single Phase Motors
जैसा नाम से ही पता चलता है, ये मोटर्स सिंगल फेज सप्लाई पर चलती हैं। सिंगल फेज़ मोटर्स सबसे साधारण प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर्स हैं जिनका व्यापक रूप से घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक अनुप्रयोगों में इस्तेमाल होता है। सिंगल फेज़ मोटर्स छोटे साइज की अंश-किलोवाट (Fraction kilowatt) रेटिंग की मोटर्स होती है। घरेलू अनुप्रयोगों में जैसे पंखों, हेअर-ड्रायर, वाशिंग मशीनों, मिक्सर रेफ्रिजरेटरों, फूड प्रोसेसरों और अन्य रसोई उपकरणों में यही मोटर्स लगी होती हैं। ये मोटर्स एयर कंडीशनिंग पंखों, ब्लोवर कार्यालय मशीनरी (Blower’s office machinery) आदि में भी इस्तेमाल होती है.
DC Motors
डीसी मोटर एक मशीन है जो इलैक्ट्रिकल पावर को मैकेनीकल पावर में कन्वर्ट करती है जबकि इस मशीन के आरमेचर और फील्ड में डी०सी० सप्लाई दी जाती है। डी०सी० मोटर की बनावट डी०सी० जनरेटर की भाँति ही होती है। डी०सी० मोटर और जनरेटर में केवल इतना अन्तर है कि जनरेटर का फ्रेम खुला रहता है जबकि मोटर का फ्रेम, जालियों से पूर्णतया बंद रहता है।
Synchronous Motor
यदि डी सी जनरेटर को प्राइम मूवर से न जोड़ा जाए और उसे डी सी सप्लाई से कनैक्ट किया जाए तो वह डी सी मोटर बनकर कार्य करने लगती है। डी सी जनरेटर और डी सी मोटर की बनावट में प्रयोगात्मक रूप से कोई अन्तर नहीं होता है। डी सी मशीन की रेटिंग में भी वास्तव में कोई अन्तर नहीं होता है उसे चाहे जनरेटर के रूप में चलाया जाए अथवा डी सी मोटर के रूप में उसी प्रकार ए सी जनरेटर अर्थात् आल्टरनेटर को, बिना उसकी बनावट में परिवर्तन किए, मोटर के रूप में चलाया जा सकता है।
जब यह ए सी सप्लाई से कार्य करता है तब इसे सिंक्रोनस मोटर कहा जाता है। यदि दो आल्टरनेटर्स को समानान्तर में चलाया जाए और उसमें से एक आल्टरनेटर के प्राइम मूवर को बन्द कर दिया जाए तो वह आल्टरनेटर, सिंक्रोनस मोटर बनकर कार्य करने लगता है तब उससे मैकेनीकल पावर ली जा सकती है और उस पर कोई भी मैकेनीकल लोड लगाया जा सकता है। आल्टरनेटर और सिंक्रोनस मोटर की बनावट समान रहती है परन्तु उनकी रेटिंग और स्पीड में कुछ अन्तर हो सकता है।
Polyphase Induction मोटरें
Polyphase Induction मोटरें अपेक्षाकृत बड़े अंतर से बहुतायत में प्रयोग की जाने वाली प्रत्यावर्ती धारा (ए.सी.) मोटर है। यह अन्य प्रकार की मोटरों से इस प्रकार से भिन्न है कि इसकी रोटर वाइन्डिंग का किसी भी बाह्य आपूर्ति से सम्बन्ध नहीं होता है। रोटर (घूर्णक) परिपथ में आवश्यक वोल्टेज और धारा, स्टेटर के Induction द्वारा उत्पन्न होता है। इसी कारण इसे Induction मोटर कहा जाता है।
कम्प्रेसर्स क्या होता है Compressors In Hindi
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