Electric हीटर क्या है और हीटर के भाग और प्रकार
Electric हीटर क्या है और हीटर के भाग और प्रकार
एक ऐसी डिवाइस जो के इलेक्ट्रिकल ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित कर दे उसे हीटर कहते हैं. किसी वस्तु या समान को गर्म करने के लिए विद्युत हीटर का इस्तेमाल किया जाता है. इसीलिए हीटर कई प्रकार के होते हैं.हीटर के प्रकार इसके उपयोग पर निर्भर करते हैं. नीचे आपको अलग-अलग प्रकार के हीटर और उनके भागों के बारे में जानकारी दी गई है.
Electric हीटर : इसका उपयोग चाय बनाने, खाना पकाने आदि के लिए किया जाता है। उद्योगों में भी इसका उपयोग अंगीठी के रूप में किया जाता है।यह प्रायः 1000, 1500 या 2000 वॉट रेंज का बनाया जाता है। इसके बेस का आकार गोल, चौकोर या कोयले की अंगीठी जैसा भी बनाया जा सकता है। इसे टेबल हीटर (Table Heater) भी कहते हैं । इसके मुख्य भाग निम्नलिखित होते हैं।
1.बॉड़ी (Body) – यह गोल, आयताकार या चौरस आकार की लोहे की शीट या दृलवे लोहे की बनी होती है। इसके ऊपर भट्ठी का रंग या इलेक्ट्रोप्लेटिंग द्वारा निकिल या क्रोमियम की परत चढ़ा दी जाती है । इस बॉडी में हीटर प्लेट, सॉकेट हैण्डिल इत्यादि फिट किए जाते हैं
2.हीटर प्लेट (Heater Plate) – यह चीनी मिट्टी से बनी गोलाकार या चौरस (वर्गाकार) आकार की बनी प्लेट होती है। जिसमें एलीमैंट को फिट करने के लिए विशेष आकार की झीरियाँ बनी होती हैं इन झीरियों में क्वाइल की आकार का एक लम्बा नाइक्रोम का एलीमैंट फिट किया जाता है प्लेट का व्यास 15 से 20 से. मी तथा मोटाई 10 मि. मी. से 25 मि. मी. आवश्यकतानुसार रखी जाती है। इस प्लेट की तापमान सहने की क्षमता लगभग 1300°C तक होती है ।
3.हीटिंग एलीमेंट (Heating Element) – हीटिंग एलीमैंट के द्वारा ही उष्मा उत्पन्न की जाती हैं। यह नाइक्रोम (Nichrome) का बना होता है जिसकी लम्बाई लगभग 50-60 सें. मी. तक होती हैं । हीटिंग एलीमैंट के लिए अधिकतर 26 या 28 SWG क्वाइलनुमा नाइक्रोम तार का प्रयोग किया जाता है । इनकी वाटेज 500, 750, 1000, 1500 तथा 2000 तक की बनाई जाती है । हीटिंग एलीमैंट से उत्पन्न उष्मा, एलीमैंट के प्रतिरोध, एलीमैंट से प्रवाहित विद्युत धारा, एलीमैंट की आकृति तथा उष्मीय समय पर निर्भर करती है ।
4. ग्रिल (Grill) :- इसे गार्ड या जाली भी कहते है इसे हीटिंग प्लेट के ऊपर रखा जाता है यह हीटर के ऊपर रखे बर्तन को हीटिंग एलीमैंट के सम्पर्क में नहीं आने देती । जिससे बर्तन हीटिंग एलीमैंट से अलग रहता है और विद्युत झटके (Electric Shock) से सुरक्षा प्राप्त होती है। यह ग्रिल अधिकतर लोहे की तार से बनी होती है जिस पर निकिल या क्रोमियम की परत चढ़ी होती है .
5.सॉकेट (Socket) :- हीटर की बॉडी में एक साकेट लगाया जाता है । हीटिंग एलीमैंट को सॉकेट के द्वारा ही विद्युत सप्लाई दी जाती है ।
6.एप्लाइंस कनैक्टर प्लग – टॉप और मेन लीड़ (Appliance Connector Plug Top & main Lead)- इलैक्ट्रिक हीटर को विद्युत सप्लाई से जोड़ने के लिए तीन कोर वाली फ्लैक्सीबल तार का प्रयोग किया जाता है। जिसके एक ओर तीन पिन प्लंग टॉप तथा दूसरी ओर एप्लांइस कनैक्टर (Appliances connector) लगा होता है एप्लांइस कनैक्टर को तीन कोर तार के द्वारा साकेट में फिट करके सप्लाई दी जाती है । एप्लांइस कनैक्टर वैकेलाइट या पोर्सलीन के बनाए जाते है यह 16A,250V तक की क्षमता के बनाए जाते हैं ।
7.कनैक्टिंग तार (Connecting Lead) – हीटिंग ऐलीमैंट के दोनो सिरों को सॉकेट तक ताँबे के बने मोटे व नंगे तारों द्वारा जोड़ (Connect) दिया जाता है। इन दोनों तारों पर चीनी मिट्टी (Porcelein) की बनी ‘बीड्स’ (Beads) चढाकर इन्हे ऊपर से इन्सुलेट किया जाता है
Electric हीटर की मरम्मत
इसका एलीमैंट खराब हो जाने पर उसी वॉटेज का नया एलीमैंट बदल दिया जाता है। इसके लिए सबसे पहले, पुराने एलीमैंट को नट-बोल्ट से पृथक कर दें और चीनी मिट्टी की प्लेट को साफ कर लें। अब प्लेट में एलीमैंट के सिरों को नट-वोल्ट से कस दें और स्प्रिंग आकार के एलीमैंट को प्लेट की नालियों में बैठा दें। यह ध्यान रखें कि एलीमैंट के छल्लों का वितरण, नाली की पूरी लम्बाई में एक समान रहे, ऐसा न हो कि कहीं तो छल्ले बहुत सघन हो जाये और कहीं बहुत विरल। इस कमी के कारण एलीमैंट जल्दी खराब हो सकता है।
रूम हीटर
Room Heater in Hindi – सर्दियों में (शीत ऋतु) कमरे को गर्म करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरण को रूम हीटर कहा जाता है । रूम हीटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं ।
- रॉड टाइप रूम हीटर (Rod Type Room Heater)
- बाऊल टाइप रूम हीटर (Bowl Type Room Heater)
रॉड टाइप रूम हीटर
Rod Type Room Heater in hindi : यह एक या दो रॉड वाला रूम हीटर होता है कई बार दो राड़ वाले रूम हीटर में एक स्विच लगा होता है जिससे आवश्यकतानुसार एक या दो रॉड का प्रयोग किया जा सकता है । इसमें हीटिंग एलीमैंट नाइक्रोम तार का बनाया जाता है जिसे लगभग 30 सें. मी. लम्बी तथा 2 सें. मी. व्यास वाली चीनी मिट्टी की बनी रॉड पर लपेट दिया जाता है । इस रॉड़ को हीटर की बॉड़ी में फिट किया जाता है । बॉडी पर उष्मीय किरणों को आगे की ओर परावर्तित करने के लिए एक रिफ्लेक्टर (Reflector) लगाया जाता है । जोकि लोहे की शीट का बना होता है तथा उस निकिल / क्रोमियम की परत चढ़ी होती है .
बाऊल टाइप रूम हीटर
Bowl Type Room Heater in hindi : – इस हीटर का प्रयोग भी कमरे को गर्म करने के लिए किया जाता है । इसमें बाऊल टाइप आकार चीनी मिट्टी के ऊपर हीटिंग एलीमैंट लपेटा होता है तथा इसके पीछे एक अर्द्धगोलाकार रिफ्लैक्टर (Reflector) लगा होता है । रिफ्लेक्टर पर निकिल या क्रोमियम की परत चढ़ी होती है । रिफ्लेक्टर उत्पन्न उष्मा को आगे की ओर अधिक से अधिक परावर्तित करता है । इस प्रकार के हीटर में केवल एक एलीमैंट का प्रयोग किया जाता है जोकि 1000W का होता है.
Water Heater
सर्दियों में नहाने आदि के लिये गर्म पानी की आवश्यकता होती है। इस कार्य के लिये इमर्सन रॉड भी उपयुक्त है परन्तु बड़े परिवारों में यह काफी नहीं होती . अतः संचायक जल-ऊष्मकों (storage water heater) का विकास हुआ। जल ऊष्मक मुख्यतः दो निम्न प्रकार के होते हैं.
टैंक प्रकार का जल-ऊष्मक
Tank type Water Heater in Hindi : इसमें 20 से 50 लीटर तक की क्षमता वाली एक बेलनाकार टंकी होती है। टंकी ऊपर से खुली होती है और ढकने के लिये एक गोल ढक्कन होता है। टंकी को लोहे की तिपाई पर स्थापित कर दिया जाता है। नीचे की ओर टंकी में पानी निकालने के लिये एक टोंटी तथा विद्युत संयोजन के लिए सॉकिट होता है। टंकी में ऊपर से पानी भर कर ढक्कन ढुक दिया जाता है और उसे सप्लाई से जोड़ दिया जाता है। लगभग आधा घण्टे में पानी नहाने योग्य हो जाता है।
टंकी में अन्दर की ओर पानी को गर्म करने के लिए एक इमर्सन रॉड फिट होती है जिसकी वॉटेज 1500 से 2000 वॉट तक होती है। इसका उपयोग गाँवों और शहरों में, जहाँ टोंटी के नल की सुविधा नहीं है, किया जाता है। यह दबाव-रहित जल ऊष्मक (Non-pressure type water heater) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें पूरा गर्म जल समाप्त हो जाने के बाद ही दुबारा जल भरा जाता है। इसमें खराब होने वाली वस्तु है एलीमैन्ट रॉड और टोंटी। एलीमेन्ट रॉड खराब हो जाने पर उसे परिवर्तित करना पड़ता है। टोंटी खराब हो जाने पर पहले उसका वाशर बदल कर देख लेते हैं यदि काम चल जाता है तो ठीक है अन्यथा नई टोंटी लगा दी जाती है।
गीज़र जल ऊष्मक
Geyser water heater in Hindi : गीजर का प्रयोग पानी को गर्म करने के लिए किया जाता है इसे वाटर हीटर (Water Heater) भी कहा जाता है । गीजर 4 लीटर से 100 लीटर पानी की क्षमता के लिए बनाए जा सकते है अधिकतर 4 से 30 लीटर की क्षमता वाले गीजर बाजार में उपलब्ध होते हैं तथा इसी क्षमता के गीजरों का अधिक प्रयोग किया जाता है। कम क्षमता के गीजर 1500W, मध्यम क्षमता वाले 2000 W तथा अधिक क्षमता वाले गीजर 3000 से 4000 W की पावर के होते हैं।
बनावट (Construction) – गीजर एक बेलनाकार बर्तन होता है।जिसकी बाहरी सतह माइल्ड स्टील शीट या लोहे की बनी होती है जिस पर इनैगल्ड पेन्ट किया जाता है । इस बाहरी बेलनाकार बर्तन के अन्दर एक ओर बेलनाकार बर्तन होता है जोकि तांबे की शीट का बना होता है तथा इसकी आन्तरिक सतह पर टिन को परत चढ़ाई जाती है जिससे की ताँबे की शीट पर जंग न लगे क्योंकि इदसमें हर समय पानी भरा रहता है. दोनो बेलनाकार बर्तनों के बीच में ग्लास वूल भर दी जाती है जोकि उष्मा रोधी है और अन्दर की उष्मा को बाहर नहीं जाने देती । इस प्रकार के गीजर में वर्टीकल पोजीशन में एक ‘U’ की आकृति का हीटिंग एलीमैंट लगा होता है हीटिंग एलीमैंट के साथ एक थर्मोस्टेट भी लगाया जाता है जोकि पानी को निश्चित किए गए तापमान तक गर्म करता है थर्मोस्टेट को 32°C से 88°C के बीच में सैट किया जा सकता है । इस प्रकार की बनावट नान – प्रैशर टाइप गीजर की होती है जिससे हीटर एक स्थान पर ही गर्म पानी के लिए लगाया जाता है
इस पोस्ट में आपको वाटर हीटर कैसे बनाये वाटर हीटर गीजर वाटर हीटर प्राइस बजाज वाटर हीटर प्राइस वाटर हीटर रोड geyser water heater हाउ टू मेक अ वाटर हीटर गीजर वाटर हीटर बजाज से संबधित पूरी जानकारी देने की कोशिस की है अगर्र इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव होतो नीचे कमेंट करके जरुर पूछे .