कंडेंसर क्या है कंडेनसर क्या काम करता है
कंडेंसर क्या होता है
Condenser In Hindi : कंडेंसर एक हीट ऐक्सचेंजर है जिसमें उच्च तापमान वाली भाप से कम तापमान वाली हवा या पानी में हीट ट्रांसफर होती है जिसका प्रयोग कूलिंग मीडियम के रूप में किया जाता है। इसका कार्य कम्प्रेसर द्वारा कम्प्रेस की गई सभी रेफ्रिजरेंट भाप को लीक्विड में बदलना होता है।
कंडेसरों के प्रकार (Types of Condensers)
1. एअर कूल्ड कंडेंसर्स
2. वाटर कूल्ड कंडेंसर्स
3. इवेपोरेटिव टाइप कंडेंसर्स
Air Cooled Condenser
एअर कूल्ड कंडेंसरों में हवा का प्रयोग कूलिंग मीडियम के रूप में किया जाता है। कंडेंसर सरफेस के चारों ओर हीट कनवेक्शन द्वारा हीट ट्रांसफर होती है।
एक कंडेंसर के कार्य करने में कनवेक्शन दो तरह से होती है : –
1.Natural convection
2.Forced convection
Natural convection : प्राकृतिक कनवेक्शन एअर-कूल्ड कंडेंसरों में, बड़े कंडेंसिंग क्षेत्र की आवश्यकता होती है क्योंकि सर्म्युलेट की हुई हवा की मात्रा कम होती है। इस प्रकार के कंडेंसरों का प्रयोग घरेलू रेफ्रिजरेटरों, डीप फ्रीजरों और छोटी क्षमता वाले उपयोंगों में किया जाता है। फोर्ड कनवेक्शन कंडेंसरों में, हवा को एक पंखे या ब्लोअर से सक्युलेट किया जाता है। इस प्रकार के कंडेंसर्स डिजाइन में ठोस और अपेक्षाकृत अधिक कार्यकुशल होते हैं।
Forced convection : फोर्स्ड कनवेक्शन एअर-कूल्ड कंडेंसर्स निम्नलिखित विभिन्न दो प्रकार के होते हैं : –
1.चेसिस-माउँटिड कंडेंसर्स
2.रिमोट एअर-कूल्ड कंडेंसर्स
चेसिस-माउंटिड कंडेंसर को सामान्य चेसिस पर कम्प्रेसर, मोटर और अन्य कम्पोनेंट्स के साथ माउंट किया जाता है। प्रभावी कंडेंसिंग क्षेत्र को बढ़ाने के लिए फिन्नड (finned) ट्यूबों का प्रयोग किया जाता है। बहरहाल चेसिस के छोटे साइज के कारण इसकी क्षमता और साइज सीमित होता है। प्रायः इसे ऐसी यूनिटों पर प्रयोग में लाया जाता है जिनकी क्षमता 3 टनों तक होती है। रिमोट एअर कूल्ड कम्प्रेसरों को कम्प्रेसरों से दूरी पर स्थापित किया जाता है। इन्हें प्रायः छत के ऊपर या खिड़कियों में स्थापित किया जाता है।
एअर-कूल्ड कंडेंसरों के उपयोग :
निम्नलिखित परिस्थितियों में एअर-कूल्ड कंडेंसरों को प्राथमिकता दी जाती है :
1.जहाँ न्यूनतम कोरोजन मुख्य आवश्यकता होती है।
2.जहाँ कूलिंग वाटर की अपर्याप्त सप्लाई हो।
3.जहाँ पानी निकासी के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला साधन महंगा हो।
Water-cooled Condenser
जिस कंडेंसर को पानी के द्वारा ठंडा किया जाता है उसे वाटर-कूल्ड कंडेंसर कहते हैं। वाटर कूल्ड कंडेंसर निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं: –
1.शैल और ट्यूब कंडेंसर्स
2.शैल और क्वायल कंडेंसर्स
3.डबल पाइप कंडेंसर्स
Evaporative Condenser
इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसमें इवेपोरेटिव कूलिंग का सिद्धान्त प्रयोग किया जाता है। कंडेंसिंग क्वायल में बहने वाले रेफ्रिजरेंट के साथ जब पानी सम्पर्क में आता है तब यह भाप बनती है .
इस प्रकार के कंडेंसर में, कूलिंग माध्यम के रूप में हवा व पानी दोनों का प्रयोग किया जाता है।
कंडेंसिंग कॉयल पर पानी को स्प्रे किया जाता है जिसमें गर्म रेफ्रिजरेंट भाप बहती है। इस कार्य के लिए एक पम्प का प्रयोग किया जाता है। कंडेंसर के टॉप पर ऐग्जास्ट फेन को फिट किया जाता है और वह साइड ओपनिंग से हवा को खींचता है। हवा के साथ पानी के कणों को निकलने से रोकने के लिए कंडेंसर में एलिमिनेटरों को लगाया जाता है। पानी की भापों के द्वारा रेफ्रिजरेंट से ली गई गर्मी को हवा अपने साथ ले जाती है। इस प्रकार से हुई पानी की कमी को पूरा करने के लिए, फ्लोट वाल्व सहित एक वाटर कनेक्शन लगा होता है। forced ड्राफ्ट की अपेक्षा Induced ड्राफ्ट पंखा अधिक श्रेष्ठ होता है.
Atmospheric Condenser
इसको पाइप की कई लम्बाइयों, प्रायः 50 मिमी. स्टील पाइप से बनाया जाता है, जिसमें पाइप के अन्दर अमोनिया की भाप होती है। पाइपों की बाहरी साइड को ऊपर से पानी की सप्लाई से कूलिंग वाटर का वितरण किया जाता है।
इसमें कुछ कूलिंग पानी के इवपोरेशन से और कुछ पानी के गर्म होने से होती है। वायुमण्डलीय कंडेंसरों का बहुत कम प्रयोग किया जाता है क्योंकि स्केल और ऐल्गे (Algae) की समस्यायें आती हैं और दी गई क्षमता के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है।
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