AC और DC धारा में क्या अंतर है
AC और DC धारा में क्या अंतर है
दिष्ट धारा (D.C.)
- यह सदा एक दिशा में बहती है।
- इसका उत्पादन महँगा होता है।
- यह अधिक हानि के कारण दूर नहीं भेजी जाती।
प्रत्यावर्ती धारा (A.C.)
- निश्चित समय के बाद यह विपरीत दिशा में बहती
- इसका उत्पादन सस्ता होता है।
- यह बिना अधिक हानि के दूर भेजी जा सकती है।
विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव की महत्वपूर्ण जानकारी
प्रश्न . आप कैसे दिखाओगे कि विद्युत् चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति विद्युत् धारा के मान पर निर्भर करती है?
उत्तर- एक विद्युत् चुंबक में एक सैल द्वारा विद्युत् धारा प्रवाहित करो और विद्युत् चुंबक के समीप आलपिनों को लाओ। आलपिने विद्युत् चुंबक के सिरे से चिपक जाती हैं।
इसी प्रकार एक सैल के स्थान पर दो सैल द्वारा विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर विद्युत् चुंबक के उसी सिरे के साथ पहले की अपेक्षा अधिक आलपिने चिपकती हैं। अत: धारा का मान बढ़ाने से विद्युत् चुंबक की शक्ति बढ़ जाती है तथा धारा का मान कम करने पर विद्युत् चुंबक की शक्ति कम हो जाती है।
प्रश्न . विद्युत् चुंबक के उपयोग लिखिए। उत्तर-विद्युत् चुंबक बहुत उपयोगी होता है। इसके कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं
उत्तर – (i) इसे विद्युत् उपकरणों में प्रयुक्त किया जाता है। बिजली की घंटी, पंखों, रेडियो, कंप्यूटरों आदि में इनका प्रयोग किया जाता है।
(ii) विद्युत् मोटरों और जनरेटरों के निर्माण में यह प्रयुक्त होते हैं।
(iii) इस्पात की छड़ों को चुंबक बनाने के लिए इनका प्रयोग होता है।
(iv) चुंबकीय पदार्थों को उठाने में इनका प्रयोग होता है।
(v) चट्टानों को तोड़ने में इनका प्रयोग किया जाता है।
(vi) अयस्कों में से चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थों को अलग करने के लिए इनका प्रयोग होता है।
प्रश्न. विद्युत् का उपयोग करते समय आप किन-किन सावधानियों का ध्यान रखोगे ?
उत्तर-विद्युत् का उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में रखना आवश्यक है
(i) सभी जोड़ विद्युत् रोधी टेप से भली-भांति ढके होने चाहिएं।
(i) भू-तार का प्रयोग अवश्य होना चाहिए।
(iii) परिपथ में फ्यूज़ का प्रयोग होना आवश्यक है।
(iv) सभी तार पूरी तरह से ढके होने चाहिएं। |
(v) सभी पेच अच्छी तरह से कसे हुए होने चाहिएं।
(vi) परिपथ की मुरम्मत करते समय रबड़ के दस्ताने और जूतों का प्रयोग करना चाहिए।
(vii) जब विद्युत् धारा उपकरण से बह रही हो तो उपकरणों का धातु-आवरण को नहीं छूना चाहिए।
(viii) पेचकस, प्लास, टैस्टर आदि उपकरणों पर विद्युत् रोधी आवरण होना चाहिए।
(ix) खराब और दोषपूर्ण स्विचों को शीघ्र ही बदल देना चाहिए।
(४) आग लगने या दुर्घटना की स्थिति में परिपथ का स्विच शीघ्र ही बंद कर देना चाहिए।
(xi) प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में फ्यूज़ तथा स्विच विद्युन्मय तार में लगाने चाहिए।
(xii) उचित क्षमता का फ्यूज़ प्रयुक्त किया जाना चाहिए।
प्रश्न. विद्युत् धारा के द्वारा उत्पन्न समस्याओं और दुर्घटनाओं पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- विद्युत् हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। इसका सही उपयोग जहां । हमारे लिए वरदान है वहां असावधानी से किया गया इसका प्रयोग अति घातक है। यह गंभीर रूप से जलने, मृत्यु और अपार संपत्ति की क्षति का कारण बन सकती है।
(i) यदि कोई व्यक्ति विद्युत् धारी से युक्त तार (live wire) को छु जाता है तो उसे अति कष्टकारी विद्युत् धारा ये यक्त शॉक लगता है जो मृत्यु का कारण बन सकता है।
(ii) तारों के ढीले जोड़, खराब तथा टूटे-फूटे स्विच और प्लग चिंगारी को उत्पन्न करते हैं, जिनसे आग लग सकती है।
(iii) अतिभार और शॉर्ट सर्किट आग लगने के प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न . किस वैज्ञानिक ने यह विचार प्रस्तुत किया था कि चुंबक को भी विद्युत् धारा वाही चालक पर परिमाण में समान परंतु दिशा के विपरीत बल आरोपित करना चाहिए ?
उत्तर- फ्रांसीसी वैज्ञानिक आंद्रे मैरी ऐंपियर ने
प्रश्न . विद्युत् धारा सदा कौन-सा क्षेत्र उत्पन्न करती है ? |
उत्तर- चुंबकीय क्षेत्र
प्रश्न . नर्म लोहे के क्रोड वाले विद्युत् चुंबक तथा स्टील क्रोड वाले विद्युत् चुंबक में से कौन-सा अधिक शक्तिशाली होता है ?
उत्तर- नर्म लोहे के क्रोड वाला
प्रश्न . किन्हीं दो उन यंत्रों के नाम लिखो जिनमें विद्युत् चुंबक प्रयोग होता है ?
उत्तर- (i) विद्युत् (ii) टेलीग्राफ
प्रश्न . विद्युत् की शक्ति किन-किन बातों पर निर्भर करती है ?
उत्तर- (1) विद्युत् धारा की शक्ति पर (2) कुंडली में तारों की लपेटों की संख्या पर (3) चुंबक के रूप में
प्रश्न . यदि परिनालिका में विद्युत् प्रवाहित की जाए तो यह कैसा व्यवहार करेगी ?
उत्तर- चुंबक की तरह
प्रश्न . यदि विद्युत् चुंबक में विद्युत् धारा की दिशा बदल दी जाए तो क्या होगा ?
उत्तर- चुंबक के ध्रुव बदल जाएंगे
प्रश्न . हमारे शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं के अनुदिश गमन करने वाली दुर्बल आयन धाराएं क्या उत्पन्न करती हैं ?
उत्तर- चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं
प्रश्न . हमारी तंत्रिकाओं में उत्पन्न अस्थायी चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की तुलना में उसके किस भाग के बराबर होता है ?
उत्तर- एक अरब वें भाग के बराबर
प्रश्न . मानव शरीर के किन दो भागों में चुंबकीय क्षेत्र का उत्पन्न होना महत्त्वपूर्ण होता है ?
उत्तर- हृदय और मस्तिष्क
प्रश्न . नाल चुंबक तथा दंड चुंबक में कौन-सी चुंबकीय पदार्थों को अधिक शक्ति से आकर्षित करती है और क्यों ?
उत्तर- नाले चुंबक अधिक शक्तिशाली होती है क्योंकि इसके दोनों ध्रुव पास-पास होते हैं
प्रश्न . खानों में विद्युत् चुंबक का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है ?
उत्तर- लौह-अयस्क को चट्टान के टुकड़ों से अलग करने के लिए
प्रश्न . विद्युत् धारा का मान बढ़ाने पर विद्युत् चुंबकीय शक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- विद्युत् चुंबकीय शक्ति अधिक हो जाती है
प्रश्न . विद्युत् घंटी विद्युत् के किस प्रभाव पर काम करती है ?
उत्तर- विद्युत् घंटी विद्युत् धारा के चुंबकीय प्रभाव पर काम करती है
इस पोस्ट में आपको प्रत्यावर्ती धारा तथा दिष्ट धारा में अंतर ac and dc current in hindi , AC और DC धारा में अंतर क्या है दिष्ट धारा क्या है एसी और डीसी में अंतर डीसी करंट क्या है दिष्ट धारा की आवृत्ति कितनी होती है प्रत्यावर्ती धारा क्या है dc करंट एसी करंट डेफिनिशन करंट और वोल्टेज में अंतर AC और DC क्या हैं? इनमें क्या अंतर है? से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है .अगर यह प्रश्न उत्तर पसंद आए तो दूसरों को शेयर करना ना भूलें अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं.