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हरियाणा इतिहास के महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक तिथियां

हरियाणा इतिहास के महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक तिथियां

हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है .हरियाणा के इतिहास से जुडी अनेक महत्वपूर्ण तिथियों है जिसके बारे में आज हमने इस पोस्ट में बताया है .हरियाणा में आज बहुत सी कॉम्पीटिशन परीक्षाएं होती है ,जिसमे हरियाणा इतिहास की ऐतिहासिक तिथियां के बारे में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए जो भी उम्मीदवार हरियाणा की परीक्षा की तैयारी कर रहे है उन सभी को नीचे हरियाणा इतिहास के महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है .इन तिथियों को आप अच्छे से याद करे यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी

3000 ई.पू.  – सिन्धु घाटी की सभ्यता का हरियाणा में फैलाव
2500-1500 ई.पू.  – आर्य सभ्यता और सीसवाल सभ्यता का प्रसार
1400 ई.पू.  – महाभारत के युद्ध की अधिक मान्य तिथि
324-232 ई.पू. –हरियाणा मौर्यों के अधीन
580 ई.  –पुष्पभूति नरेश प्रभाकर वर्धन राजा बने
590 – ई. प्रभाकर वर्धन के पुत्र हर्षवर्धन का 4 जून, रविवार को जन्म
605 – प्रभाकर वर्धन की मृत्यु व हर्षवर्धन का राज्याभिषेक
606 – महाराजा हर्ष का दिग्विजय शुरु
634-35 हर्ष का चालुक्य नरेश पुलकेशिन से युद्ध
630 हेनसांग का भारत आगमन
641 – हर्ष द्वारा कन्नौज राज्य का संचालन
634-44 – हेनसांग थानेसर में रहा
643 – हर्ष ने प्रयाग में अपना सब कुछ दान कर दिया
644 –हेनसांग वापस अपने वतन चीन लौटा

647 – महाराजा हर्षवर्धन की मृत्यु
805 – नागभट्ट (प्रतिहार) द्वारा हरियाणा पर अधिकार
836 – मिहिर भोज (प्रतिहार) का शासन आरम्भ
736-1189 – तोमर वंश का हरियाणा के कुछ क्षेत्रों पर शासन
910 – तोमर वंश का साम्राज्य शुरु हुआ था
1014 – महमूद गजनी का हरियाणा तथा थानेसर पर आक्रमण
1030 – महमूद के पुत्र मासूद का हांसी पर अधिकार
1036 – महमूद के पुत्र मासूद का सोनीपत पर अधिकार
1059-1109 – मासूद का उत्तराधिकारी इब्राहिम का हरियाणा पर अधिकार
1081 – कश्मीर नरेश अनंत के पुत्र कलश ने कुरुक्षेत्र पर हमला बोला था
1139 – आरूणराज चौहान द्वारा हरियाणा पर आक्रमण
1151 – विग्रहराज चौहान का हरियाणा पर राज्य
1156  – दिल्ली तथा हरियाणा पर बीसलदेव या विग्रहराज षष्ठ ने विजय प्राप्त कर तोमरों से दिल्ली और हांसी हस्तगत कर लिए। इस विजय ने चौहानों को भारत की सर्वोच्च शक्ति बना दिया

1191 – मौहम्मद गौरी का हरियाणा पर आक्रमण तथा पृथ्वीराज चौहान ने मौहम्मद गौरी को तरावड़ी (तराईन) के प्रथम युद्ध में हराया
1192 – पृथ्वीराज चौहान, मौहम्मद गौरी से तरावड़ी (तराईन) के द्वितीय युद्ध में पराजित
1194 – मौहम्मद गौरी ने रोहतक पर आक्रमण कर मंदिरों को नष्ट कर दिया
1206  – हरियाणा कुतुबुद्दीन ऐबक की अधीनता में
1240 – 14 अक्टूबर को हरियाणा के अमीरों ने रजिया बेगम का कैथल में कत्ल किया
1266-87  –हरियाणा बलबन के अधीन
1305 – मंगोलों ने हरियाणा पर आक्रमण किया जिसे अलाउद्दीन खिलजी के सरदार जरनल नानक ने हराया
1398  – तैमूर का हरियाणा पर आक्रमण
1451-89 लोदी सरदार बहलौल का हरियाणा पर अधिकार
1478-1583 फरीदाबाद के निकट सिही गांव में जन्में अंधे कवि सूरदास के द्वारा सूरसागर आदि महान रचनाओं की रचना की
1526 – 26 फरवरी को बाबर का हिसार पर कब्जा 21 अप्रैल को पानीपत के प्रथम युद्ध आरम्भ जिसमें में इब्राहिम लोदी बाबर से पराजित
1527 –17 मार्च को वीर हसन खान मेवाती तथा बाबर के बीच खानवा का युद्ध जिसमें हसन खान व उसके साथी लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए
1530 – मोहनसिंह मंढार का बाबर के विरुद्ध विद्रोह
1540 – शेरशाह सूरी ने हरियाणा हुमायूं से छीना
1545 – शेरशाह सूरी की कालिंजर में सुरंग फटने से मृत्यु
1556 7 – अक्टूबर को हेमचन्द्र विक्रमादित्य दिल्ली का आखिरी हिन्दू सम्राट बना पानीपत के द्वितीय युद्ध में हेमू अकबर से पराजित

1591 – नारनौल का जलमहल अकबर के एक अधिकारी शाह कुली खान ने बनवाया
1630 – अम्बाला का बूड़िया का रंगमहल शाहजहां के एक दरबारी ने बनवाया
1672 – नारनौल में सतनामियों का विद्रोह
1739 – 24 फरवरी को करनाल का युद्ध, नादिरशाह का आक्रमण
1754- 25 अक्टूबर को आलमगीर ने मराठों को कुरुक्षेत्र प्रदान किया
1761 – पानीपत के तृतीय युद्ध में अब्दाली की मराठों पर विजय
1765 – हरियाणा पर नजीबुद्दौला का आक्रमण
1770 – हरियाणा पर सिक्खों का आक्रमण
1789 – महादजी सिंधिया का दिल्ली और हरियाणा पर अधिकार
1794 – महादजी सिंधिया की मृत्यु और दौलतराव का हरियाणा पर अधिकार
1799-1802 – जार्ज टॉमस का हरियाणा के कुछ भागों पर स्वतंत्र राज्य
1803 – हरियाणा पर अंग्रेजों का अधिकार और सर्जीअंजन गांव की संधि
1809 – छछरौली की बगावत
1818 – राणियां की रियासत ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने नवाब जाबिताखां से छिनी तथा नवाब द्वारा विद्रोह
1818 – रानी रामकौर की अयोग्यता तथा जोधसिंह के हस्तक्षेप के कारण ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने रियासत छिनी
1824 – राज गुरबख्श की विधवा रानी दयाकौर की मृत्यु के बाद अम्बाला की रियासत ईस्ट इंण्डिया कम्पनी ने छिनी।
1828 – राजा दलालसिंह की विधवा रानी इंदकौर की मृत्यु के उपरान्त रादौर की रियासत ईस्ट इंण्डिया कम्पनी ने छिनी।
1829 – ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने दियालगढ़ की रियासत (दयाकौर का हिस्सा) राजा भगवान सिंह की विधवा माई दयाकौर की मृत्यु के बाद छिनी

1832 – थानेसर की रियासत (2/5) राजा जयसिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण अंग्रेजों ने छिनी
1833 – हरियाणा उत्तरी-पश्चिमी प्रांत का हिस्सा बना
1834 – कैथल की रियासत भाई उदयसिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण अंग्रेजों ने छिनी
1835 – विलियम फ्रेजर का कत्ल और बनावली का विद्रोह
1838 – बुफोल की रियासत राजा हरनाम सिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण अंग्रेजों ने छिनी
1843 – कैथल का विद्रोह
1844 – ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने चण्लौडी की रियासत सरदार भागलसिंह की विधवा सरदारनी रामकौर की मृत्यु के बाद छिनी
1845 – राजा अजीत सिंह के विद्रोह के कारण लाड़वा की रियासत अंग्रेजों ने छिनी
1850 – हलाहर की रियासत राजा फतेह सिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण अंग्रेजों ने छिनी
1850 – थानेसर की रियासत (3/5) राजा फतेहसिंह की विधवा रानी चांदकौर की मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने छिनी
1851 – ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने दियालगढ़ की रियासत (माई सुखन का हिस्सा) राजा भगवान सिंह की विधवा माई सुखन की मृत्यु के बाद छिनी
1857 – राज्यविद्रोह
1858 – हरियाणा का पंजाब में विलय

1880 – रेवाड़ी में प्रथम आर्य समाज बनी
1885 – बाबू मुरलीधर का कांग्रेस के प्रथम सम्मेलन में भाग लेना
1886 – बाबू मुरलीधर कांग्रेस आंदोलन के प्रथम जेल सत्याग्राही बने
1886 – अम्बाला में कांग्रेस की शाखा आरम्भ
1886 – झज्जर में पहली सनातन धर्म शाखा आरम्भ
1887 – हिसार में कांग्रेस की शाखा आरम्भ
1888 – रोहतक में कांग्रेस की शाखा आरम्भ
1892 – लाला लाजपतराय हिसार छोड़कर लाहौर गये
1920 – पंजाब विधान परिषद के चुनाव
1923 – पंजाब विधान परिषद के पुनः चुनाव
1926 – पंजाब विधान परिषद के पुनः चुनाव
1937 – पंजाब विधान सभा के लिए चुनाव
1946 – पंजाब विधान सभा के पुनः चुनाव
1947 – स्वतंत्रता प्राप्ति और हरियाणा पूर्वी पंजाब का हिस्सा
1948  – पंजाबी सूबे की मांग, हरियाणा में भी प्रतिक्रिया और अलग-अलग राज्य की मांग
1966 –  1 नवम्बर को हरियाणा अलग राज्य बना

1967 – हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू
1968 – हरियाणा में मध्यावधि चुनाव
1970 – चण्डीगढ़ को पंजाब को देने की पेशकश
1970 – इन्दिरा गांधी अवार्ड आयोग की स्थापना
1972 – चौ. देवीलाल मुख्यमंत्री बने
1979 – चौ. भजनलाल हरियाणा के मुख्य मंत्री बने
1984 – हरियाणा में फसल बीमा योजना लागू
1985 – हरियाणा में मैथ्यू आयोग की स्थापना
1986 – वेंकटरमैया आयोग की स्थापना, हरियाणा में रास्ता रोको आन्दोलन की शुरुआत
1987 – लोकदल और भाजपा ने मिलकर हरियाणा में चुनाव लड़ा
1991 – हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू
1996  – हरियाणा में मद्यनिषेद, 11 मई को बंसी लाल भाजपा (हरियाणा) के सहयोग से मुख्य मन्त्री बने
1997 – सर्वश्रेष्ठ कृषि शोद्य संस्थान का पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा ‘चौ. चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय’ को दिया गया
1998  – हरियाणा में मद्यनिषेद समाप्त
1999 – 21 जुलाई मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल का इस्तीफा। 24 जुलाई श्री ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने

2000 – 22 फरवरी, विधान सभा चुनाव सम्पन्न व चौ. औमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने
2001 – 6 अप्रैल, हरियाणा निर्माता चौ. देवीलाल का निधन
2002 – 12 जनवरी, को सातवां राष्ट्रीय युवा महोत्सव हिसार में मनाया गया। जिसका उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति कृष्ण कान्त द्वारा किया गया। 23 सितम्बर को शहीदी दिवस सरकारी तौर पर झज्जर में मनाया गया
2003 – 16 जनवरी को हरियाणा मूल की कल्पना चावला का अमेरिका के नासा के कोलम्बिया अंतरिक्ष यान के जमीन पर पहुंचने के मात्र 16 मिनट पूर्व यान की दुर्घटना में निधन हुआ। 19 नवम्बर को हिसार में दूसरी एशिया महिला बॉक्सिग चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया
2006 – हरियाणा सरकार ने इस वर्ष को बालिका वर्ष के रूप में मनाया
2008 – भिवानी के बॉक्सरों ने ओलम्पिक में देश का नाम रोशन किया। हरियाणा के तीन मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल तक आये विजेन्द्र ने कांस्य पदक जीता। हरियाणा की हिसार की बेटी साइना नेहवाल ने ओलम्पिक में बैडमिंटन में क्वार्टर फाइनल तक गयी
2012 – ओलम्पिक में हरियाणा के खिलाड़ी (गगन नारंग, सायना नेहवाल, योगेश्वर दत्त) ने पदक जीते
2014 – हरियाणा में पहली बार भाजपा की सरकार व पहली बार विधायक बने मनोहर

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