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आईपी एड्रेस किसे कहते हैं

आईपी एड्रेस किसे कहते हैं

What is IP Address in Hindi : प्रत्येक आईएसपी (ISP) या निजी नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर अपने नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस के लिए एक आईपी एड्रेस उपलब्ध करवाता है। एक आईपी एड्रेस एक टी.सी.पी. आईपी नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर और अन्य डिवाइस जैसे- प्रिंटर, राउटर, मोबाइल डिवाइस इत्यादि का एक आइडेंटिफायर होता है जिसे नेटवर्क पर अन्य नोड्स का पता लगाने एवं पहचानने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

आईपी एड्रेस आमतौर पर मानव-पठनीय नोट्स में प्रदर्शित किये जाते हैं जैसे— IPV4 (आईपीवी 4) एवं IPV6 (आईपीवी 6)। आईपी एड्रेस के स्पेस को विश्व स्तर पर इन्टरनेट असाइन किये गये नंबरों द्वारा प्रतिबंधित किया जाता है और पांच क्षेत्रीय इंटरनेट रजिस्ट्रीज (आर.आई.आर) द्वारा उपयोगकर्ताओं और स्थानीय रजिस्ट्रियों जैसे इंटरनेट सेवा प्रोवाइडर्स को समाप्त करने के लिए विशेष क्षेत्रों में उत्तरदायी होता है। इंटरनेट में दो तरह के इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस अर्थात आईपी एड्रेस प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें स्टैटिक या स्थिर और गतिशील या डायनामिक आईपी एड्रेस कहा जाता है।

स्टेटिक आईपी एड्रेस

जब एक कम्प्यूटर हर बार एक ही आईपी एड्रेस का प्रयोग करता है तो वह तेज गति से कार्य करता है, ऐसे एड्रेस को स्टेटिक आईपी एड्रेस कहते हैं.स्टेटिक आईपी एड्रेस को एक एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कम्प्यूटर में निर्धारित किया जाता है। इसका प्रभाव कम्प्यूटर के प्लेटफार्म के अनुसार अलग-अलग होता है। – स्टेटिक आईपी एड्रेस, डायनामिक आईपी एड्रेस से अलग होता है दो या तो कम्प्यूटर इंटरफेस सा खुद के होस्ट सॉफ्टवेयर के द्वारा निर्धारित होते हैं। इन्हें डायनामिक होस्ट कॉन्फीगुरेशन प्रोटोकाल (DHCP) के प्रयोग से एक सर्वर के द्वारा निर्धारित किया जाता है।

Example IPv4 Address: 192.168.172.105

DHCP के उपयोग से निर्धारित किये गये आईपी एडेस काफी लंबे समय तक एक जैसे रहते हैं केवल विशेष परिस्थितियों में ही बदलते हैं।- कुछ मामलों में एक नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर एक्टिव रूप से स्टेटिक आईपी एड्रेस को लागू कर सकता है। इस मामले में एक DHCP सर्वर का प्रयोग होता है, लेकिन एक विशिष्ट कम्प्यूटर हमेशा एक ही आईपी एड्रेस को निर्धारित करने के लिये विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। यह स्टेटिक आईपी एड्रेस मुख्य रूप से सम-अनुरुप होने की अनुनति प्रदान करता है जिसमें नेटवर्क पर प्रत्येक कम्प्यूटर को हस्तचालित प्रणाली के द्वारा विशेष रूप से कॉन्फीगर करने की आवश्यकता नहीं होती है.

डॉयनामिक आईपी एड्रेस

डायनामिक आईपी एड्रेस DHCP सर्वरों के द्वारा लैन और ब्रॉडबैंड नेटवर्क पर प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें इसलिये प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह एक नेटवर्क पर प्रत्येक डिवाइस के लिये एक खास स्टेटिक एड्रेस को निर्धारित करने जैसे जटिल प्रक्रिया से बचा सकते हैं।डायनामिक आईपी एड्रेस का प्रयोग करके आप सीमित एड्रेसों में एक नेटवर्क पर अनेक उपकरणों को प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन यह तभी सम्भव होता है जब ये एक समय में एक साथ ऑनलाइन होते हैं।

आज प्रयोग किये जा रहे अनेक ऑपरेटिंग सिस्टमों में डायनानिक आईपी एड्रेस को डिफाल्ट सेटिंग के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें यूजर को खुद कोई भी सेटिंग नहीं करनी होती, सभी कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम खुद ही कर लेता है। डायनामिक आईपी एड्रेस को निर्धारित करने के लिये DHCP केवल एक मात्र तकनीक नहीं है कुछ डायलअप और ब्रॉडबैंड नेटवर्क प्वाइंट टु प्वाइंट प्रोटोकॉल की डायनामिक एड्रेस विशेषताओं को प्रयोग करते हैं। DSL या डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन में और केबल के द्वारा
इंटरनेट के प्रयोग में ज्यादातर स्टिकी डायनामिक आईपी एड्रेसों को प्रयोग किया जाता है। इन पतों में बदलाव नहीं आता है। इनका प्रयोग अक्सर DHCP प्रोटोकॉल के साथ किया जाता है। जब इनकी अवधि समाप्त हो जाती है तो इन्हें फिर से रि-न्यू करके प्रयोग किया जा सकता है।

टी.सी.पी./आई.पी. (TCP/IP)

TCP/IP का पूरा नाम ट्रांसमिशन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल/इन्टरनेट प्रोटोकॉल | (Transmission Control Protocol/ Intermet Protocol) है। यह कई | प्रोटोकॉल्स का समूह है जो किसी नेटवर्क में जुड़े हुए कम्प्यूटरों का आपस में संवाद करवाता है चाहे नेटवर्क में जुड़ा हुआ कम्प्यूटर किसी भी प्रकार का हो। प्रोटोकॉल उन नियमों का समूह है जो उन सभी कम्प्यूटरों को आपस | में समान रूप से अनुसरण (Follow) करने होते हैं जो परस्पर कोई  Communication करना चाहते हैं।

TCP/IP किन्हीं भी दो कम्प्यूटरों के मध्य सूचनाओं के  Intercommunication की, सूचना के ठीक रूपान्तरण की तथा स्थानीय कम्प्यूटरों और उनके यूजर्स के समझने योग्य फॉर्मेट में परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान करता है।

TCP के कार्य

1. डाटा को छोटे पैकटों के रूप में विभाजित करता है जिन्हें नेटवर्क में आसानी से भेजा जा सकें।
2. प्राप्तकर्ता कम्प्यूटर पर यह जाच करता है कि सभी पैकेट अपने डेस्टीनेशन पर पहुंचे हैं या नहीं।
3. प्राप्तकर्ता आने वाले पैकेटों को कम्प्यूटर पर पुनः विखण्डित करके एकत्रित करता है।

इंटरनेट प्रोटोकॉल के कार्य

1. प्रेषक तथा प्राप्तकर्ता पैकेटों में अपनी सूचना जोड़कर कम्प्यूटर के पते डालता है।
2.पैकेटों को उनके डेस्टीनेशन तक पहुंचने के लिए श्रेष्ठतम रास्ता बताता है।
3.यह बताता है कि एक पैकेट में अधिकतम कितना डाटा निहित हो सकता है।

टीसीपी/आईपी डिजाइनर ने आईपी एड्रेस को एक 32-bit नंबर के रूप में परिभाषित किया है और इंटरनेट प्रोटोकॉल
वर्जन 4 या IPv4 के नाम से जानी जाने वाली यह प्रणाली आज भी उपयोग में है।  इंटरनेट के व्यापक विकास और इसके परिणामस्वरूप उपलब्ध पतों या एड्रेस की कमी के कारण 1995 में 128-बिट का प्रयोग करके एक नया परिचयन सिस्टम (IPv6) विकसित किया गया और 1998 में इसे एक स्टैंडर्ड प्रदान किया गया। निम्न उदाहरण में आप IPv4 और IPv6 दोनों को देख सकते हैं कि इनमें क्या अंतर है.
IPv4 – 208.77.188.166
IPv6-2001:db8:0:1234:0:567:1:1

TCP/IP एप्लीकेशन लेयर

टरनेट में OSI मॉडल के स्थान पर TCP/IP मॉडल प्रयुक्त होता है। यह प्रोटोकॉल का समूह है। TCP/IP मॉडल में एप्लीकेशन लेयर में बहुत से प्रोटोकॉल परिभाषित किए गए हैं। इसमें कुछ प्रोटोकॉल निम्न हैं

1. टेलनेट (Telnet)

टेलनेट एप्लीकेशन लेयर में परिभाषित एक प्रोटोकॉल है। यह इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सुविधा है जो कम्प्यूटरों को एक्सेस (access) करने की अनुमति देती है। टेलनेट क्षेत्र से दूर रिमोट कम्प्यूटर्स को एक्सेस (access) करने योग्य बनाया जाता है। कुछ टेलनेट में लॉग इन करने के लिए यूजर नेम तथा पासवर्ड की आवश्यकता होती है। अधिकतर टेलनेट में इस तरह की कोई बंदिश नहीं होती है। टेलनेट के माध्यम से विश्वभर के पुस्तकालयों, डाटाबेस तथा अन्य सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। VT-100 एक ऐसा ही प्रोग्राम है जो किसी दूर स्थित कम्प्यूटर (रिमोट कम्प्यूटर्स) में लॉग इन करने की सुविधा देता है। वर्ल्ड वाइड वेब (www) टेलनेट के द्वारा साइट एक्सेस करने की तथा FTP के द्वारा फाईल ट्रांसफर करने की सुविधा देता है।

2. फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल

FTP का पूरा नाम फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP-File transfer protocol) है। यह इंटरनेट द्वारा दो कम्प्यूटरों के मध्य फाइलों को स्थानान्तरित (Transfer) करता है।

3. इलेक्ट्रॉनिक मेल ट्रांसपोर्ट (E-mail-Electronic Mail Transport)

अपना आईपी एड्रेस कैसे पता करें

अपना आईपी एड्रेस पता करने का एक बहुत ही आसान तरीका है इसके लिए आपको सिर्फ गूगल में लिखना है What is My IP Address (व्हाट इज माय आई पी एड्रेस)और इसे सर्च कर देना है सर्च करते ही आपके सामने आपका ip-address दिल जाएगा इसके अलावा आप किसी दूसरी वेबसाइट का भी इस्तेमाल करके अपना आईपी एड्रेस पता कर सकते हैं जैसे कि. https://whatismyipaddress.com/

इस वेबसाइट को ओपन करते ही सबसे पहले आपको अपना आईपी एड्रेस दिख जाएगा .

आईपी एड्रेस कैसे छिपाएं या बदलें

अगर आप अपना आईपी एड्रेस बदलकर इंटरनेट चलाना चाहते हैं या अपने ip-address को छुपाना चाहते हैं तो इसके लिए आप VPN का इस्तेमाल कर सकते हैं यह एक तरह का विजुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है जिसमें आपका ओरिजिनल आईपी छुपा लिया जाता है और एक नकली ip-address बना दिया जाता है.
इसके अलावा आप Proxy Server का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इसमें आपकी पर्सनल जानकारी लिक होने का खतरा रहता है इसके बजाय आप वीपीएन का ही इस्तेमाल करें.

इस पोस्ट में आपको व्हाट इज माय आईपी ऐड्रेस आई पी एड्रेस क्या होता है आईपीवी 4 ip address full form आईपी एड्रेस किसे कहते हैं वेब प्रोटोकॉल क्या है टाइप्स ऑफ़ प्रोटोकॉल व्हाट इस िप एड्रेस से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में अभी भी आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें.

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