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हाइपरलूप तकनीक क्या है

हाइपरलूप तकनीक क्या है

आज के भागदौड़ के जीवन में समय की वैल्यू ज्यादा बढ़ गई है. और समय को ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति में खराब होने से बचाने के लिए नए नए साधनों का आविष्कार हो रहा है. तभी तो हम बैलगाड़ी से बुलेट और Maglev train तक का सफर तय कर पाए है. और अब इसे भी आगे निकल जाने तैयारी का नाम है. Hyper-loop यह Hyperloop तकनीक बहुत ही नई और बहुत ही रोमांचक है. इसके बारे में जानने के बाद आप सोचने लगेंगे की क्या सही में आप बहुत जल्दी एक ऐसे साधन में बैठ पाएंगे जो बुलेट ट्रेन की स्पीड को भी मात दे देगा और उसकी संरचना और यात्रा भी बहुत ज्यादा उत्तेजित होगी

हाइपरलूप तकनीक क्या है

Hyperloop एक ऐसी तकनीक है. जो कि लगातार साधनों में आने वाली दो ऐसी समस्या का निवारण करती है. जिनसे साधनों की स्पीड कम हो जाती है. और ये समस्या है. घर्षण और वायु प्रतिरोध तो इस तकनीक में घर्षण और वायु प्रतिरोध समस्या दूर होने से सुपर फास्ट स्पीड हासिल की जा सकती है. बिल्कुल Hyperloop कि तरह है.

Hyperloop कैसे दिखते है

Hyperloop में एक लंबी वैक्यूम ट्यूब होती है. और कैप्सूल जैसे डिब्बे होते है. जिन्हें Port कहा जाता है. यह Port वैक्यूम ट्यूब के अंदर हाई स्पीड से चलते है. इन ट्यूबस को Loop कहा जाता है. और जोकि इस तकनीक में ट्रांसपोर्ट Loop में ही होता है. इसीलिए इस तकनीक को Hyperloop नाम दिया गया है. सोच कर देखिए कि अब स्टील के बने एक वैक्यूम ट्यूब में बैठे है. और सुपर फास्ट स्पीड से एक Loop में सफर कर रहे है. सोचने में ही कितना उत्तेजित है. ना क्योंकि अभी तक तो आपने भी साइंस लैब में ही वैक्यूम बनाने कि प्रक्रिया देखी होगी

Vacuum क्या है

Vacuum का मतलब है. निर्वातऐसी कंडीशन जिसमें हवा ना हो इस तकनीक में यही अनोखी बात है. कि जिस वैक्यूम ट्यूब में Port में बैठकर आप सफर करेंगे उसमें बहुत ही कम होगी इस वैक्यूम ट्यूब में पूरी हवा नहीं निकाली जाती है. इसमें थोड़ी ही हवा रहती है. और हवा कम होने से घर्षण भी कम हो जाता है. स्पीड बढ़ाने के लिए ऊर्जा की जरूरत भी कम पड़ती है.

Hyperloop कैसे काम करता है

आप एक जगह से दूसरी जगह जा सके इसके लिए 1 पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक एक बहुत लंबी ट्यूब इस्तेमाल की जाती है. जो पिलर पर टिकी होती है. ट्यूब में छोटे-छोटे Pords यात्रा करते है. और इन Pords में बैठकर आप एक जगह से दूसरी जगह पहुंच पाते है. जैसे कि बस, ट्रेन या प्लेन में ही बैठकर पहुंचते है. Hyperloop दो तरह की तकनीक इस्तेमाल होती है. Magnetic Levitation (चुंबकीय उत्तोलन) और Air Pressure (हवा का दबाव) इनकी वजह से Pord और Tube के बिच में Fiction नहीं होता जिसे Pord की स्पीड कितनी फास्ट हो जाती है. कि Maglev Train की स्पीड को भी बहुत पीछे छोड़ देती है. और आप यह बात सुनकर चौक जाएंगे की Hyperloop तकनीक में स्पीड 760 (MPH) Miles Per Hour 1200 किलोमीटर प्रति घंटे के बराबर रहती है. इसी स्पीड से साउंड चलता है.

इसका मतलब साउंड की स्पीड से चलने वाला ये Hyperloop सुपर फास्ट स्पीड को प्राप्त करने का दम रखता है. और दिलचस्प बात यह भी है. कि वैक्यूम ट्यूब में चलने वाले Pord पर दो बल लगते है. चुंबकीय बल और वायु बल जो ना केवल Pord को वैक्यूम ट्यूब में आगे बढ़ाते है. बल्कि हवा में भी उठा देते है. Hyperloop को आप इस तरीके से भी समझ सकते है. कि Maglev Train में मैग्नेट के सहारे ट्रेन अपने ट्रैक पर चलती है. जिससे ट्रेन और पटरी के बीच में Fiction कम होता है. और इस कारण से उसकी स्पीड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. Hyperloop एक ऐसी एडवांस मैग्नेट ट्रेन है. जिसे वैक्यूम ट्यूब में चलाया जाएगा.

Hyperloop तकनीक का इतिहास

Hyperloop का यह आईडिया 200 साल पुराना है. क्योंकि 1799 में ब्रिटिश आविष्कारक ‘George Medhurst’ ने परिवहन प्रणाली के तौर पर एक Air propulsion ट्यूब का पेटेंट करवाया था और उसके इतने साल बाद 2013 में टेस्ला मोटर्स और स्पेसएक्स के CEO हो Elon Musk ने Hyperloop का डिजाइन पेश किया उनके इस आइडिया और डिजाइन को पूरे विश्व में अच्छा रिस्पांस मिला Elon Musk का कहना है. कि Hyperloop Pords ट्रेन से ज्यादा फास्ट होंगे कार से ज्यादा से होंगे और हवाई जहाजों की तुलना में वातावरण का कम नुकसान पहुंचाएंगे Elon Musk का यह आईडिया यानि Hyperloop एक Open Source Technology है.

इसका मतलब यह है. कि Hyperloop बनाने का अधिकार Elon Musk ने सबके साथ शेयर किया है. ताकि Hyperloop बनाने का काम प्रगतिशील रहे और जल्दी से जल्दी Hyperloop दुनिया के सामने आ सके उसी का नतीजा है. कि आज बहुत सारी कंपनियां Hyperloop बनाने में जुट गई है. जैसे कि Virgin Hyperloop 1, HTT, Transport, Arrivo Hyperloop बनाने का मौलिक विचार तो सभी कंपनियों का सिम ही रहेगा लेकिन इसे बनाने वाली तकनीक में थोड़ा बदलाव जरूर देखने को मिलेगा तो बहुत जल्दी ही बहुत सारे Hyperloop हमारे सामने होंगे और अभी Virgin Hyperloop 1 प्राइवेट कंपनी Hyperloop प्रोजेक्ट को बहुत जल्द साल 2021 तक शुरू करने का इरादा रखती है.

Hyperloop कब Launch होगा

भले ही Hyperloop तकनीक का आईडिया सालों पुराना है. लेकिन अभी इस तकनीक पर अभी भी काम चल रहा है. और माना जा रहा है. कि 2021 तक यह सबके सामने आ जाएगा

Hyperloop के मुख्य रूट कौनसे है

अभी तक Hyperloop के कई सारे रूट तय हो चुके है. इनमें से कुछ रूट यह है.
1. New York To Washington DC
2. Pune To Mumbai
3. Kansas City To ST. Louis
4. Bratislava To Brno
5. Vijayawada To Amaravathi

Hyperloop के फायदे

1. Hyperloop बहुत फास्ट है. जिसके कारण हम घंटों का सफर मिनटों में तय कर सकते है.
2. इस में बैठने के बाद आप सीधे अपने स्थान पर ही पहुंचेंगे यह ट्रेन की तरह बीच में नहीं रुकेगी.
3. इसका कोई टाइम टेबल भी नहीं होगा जब आप तैयार होंगे आप Pord में बैठकर अपने स्थान पर पहुंच जाएंगे.
4. देखने में भले ही है. यह महंगी हो लेकिन इसकी सुपर फास्ट ट्रेंस के कंपैरिजन में इसकी लागत बहुत कम होगी और जब इसकी लागत कम होगी तो इसकी टिकट भी बुलेट ट्रेन की तुलना में काफी सस्ती होगी.
5. यह कम बिजली को खपत करेगा और खराब मौसम की स्थिति में भी यह सुरक्षित रहेगा और यह पर्यावरण के अनुकूल है. इससे ना दो वायु प्रदूषण होगा और ना ही यह किसी प्रकार का कोई बेस्ट बाहर निकालेगा.

Hyperloop की हानियाँ

1. कैप्सूल में बहुत कम जगह होने की वजह से मूवमेंट करना मुमकिन नहीं होगा
2. इसकी स्पीड बहुत ज्यादा होने के कारण शुरुआत में आपका सिर भी चकरा सकता है.
3. इस तकनीक को लाने के लिए बहुत से पेड़ काटने पढ़ सकते है. अगर ऐसा करना पड़ा तो यह पर्यावरण के लिए बहुत ही नुकसानदायक होगा

Hyperloop को अभी दुनिया में आने के लिए बहुत ही चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जैसे की extensive infrastructure, expansion issue यानी की temperature और atmosphere के बदलने पर वैक्यूम ट्यूब का फैल जाने या सिकुड़ जाने का रिस्क और लेस वैक्यूम में सफर करना Hyperloop से जुड़ी इन चुनौतियों का समाधान होने के बाद ही यात्रियों के लिए इसे पूरी तरह से सेफ माना जाएगा लेकिन क्या आपको पता है. कि Hyperloop में Pord के अंदर बैठ कर के आप कैसा महसूस करेंगे तो इस में बैठने के बाद आप कहो वैसा ही महसूस होगा जैसा कि आपको हवाई जहाज में बैठते समय होता है. लेकिन आपका उत्साह बहुत हाई रहेगा क्योंकि आप जमीन पर रहते हुए हवाई जहाज से भी ज्यादा स्पीड में यात्रा कर पाएंगे लेकिन अभी Hyperloop तकनीक को विकसित होने और सुरक्षित होने में समय लगेगा.

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