हवा के परागण को क्या कहा जाता है

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हवा के परागण को क्या कहा जाता है

हवा के परागण को वातपरागित परागण (फूल) भी कहा जाता है.

पोधे के विभिन भागों के नाम और कार्य

जड़ किसे कहते हैं.
पौधे का वह हिस्सा जो भूमि के अंदर छिपा हुआ होता है, जड़ या मूल कहलाता है। जड़ें मिट्टी के कणों को परस्पर बांधे रखती हैं और पौधे को भूमि पर स्थिर रखती हैं । ये पौधे के पोषण के लिए जरूरी खनिज-लवणों को भूमि से अवशोषित करके तनों के माध्यम से पहुंचाती हैं।

जड़तंत्र किसे कहते हैं.
हम देखते हैं कि पौधों की जड़ सिर्फ एक नहीं होती। या तो यह मुख्य जड़ और सहायक छोटी-छोटी जड़ों में बंटी होती है। या फिर एक पौधे से बहुत सी मुख्य जड़े होती है। इन्हीं को सामूहिक रूप से जड़तंत्र कहा जाता है।

जड़तंत्र कितने प्रकार के होते हैं.
जड़तंत्र दो प्रकार के होते हैं-
-मूसलाधार जड़तंत्र
-रेशेदार जड़तंत्र

मूसलाधार जड़तंत्र की विशेषता बताइए.
इसमें पौधे के आधार से एक मोटी मुख्य जड़ निकलती हैं। इस मुख्य जड़ से कई छोटी छोटी जड़ें निकलती हैं। फिर इन छोटी-छोटी जड़ों से महीन-महीन ढेरों जड़े निकलती हैं। इस प्रकार की संरचना को मूसलाधार जड़ कहते हैं। उदाहरण के लिए मुली, गाजर, आम, नीम आदि।

रेशेदार जड़तंत्र की विशेषता बताइए.
जब पौधे के आधार से या किसी अन्य हिस्से से एक साथ एक जैसे आकार वाली जड़ें निकलती हैं। तो इन्हें रेशेदार जड़तंत्र कहते हैं।
जैसे गेहूं, चावल, मक्का, घास आदि की जड़ें रेशेदार होती हैं।

जड़ों के विशेष कार्य कौन से होते हैं.
कुछ जड़ें अपने सामान्य कार्य पौधों का आधार बनने और पोषक तत्व ग्रहण करने के अलावा भी काम करती हैं। ये अन्य कार्य ही विशेष कार्य कहलाते हैं। इन विशेष कार्यों में दो कार्य माने जाते हैं।
1. भोजन का संग्रहण
2. मुख्य जड़ों की सहायक बनना

संचयी जड़ें किन्हें कहते हैं.
आलू, शकरकंद, मूली, गाजर, चुकंदर आदि की जड़़ें फूली हुई होती हैं। ये रूपांतरित जड़ें होती हैं, जिनमें खाद्य सामग्री संग्रहीत होती हैं, और ये मानव के लिए भोजन का स्रोत बनती हैं। एेसी जड़ों को संचयी जड़ें कहते हैं।

सहायक जड़ें किन्हें कहते हैं.
गन्ना, मक्का, ज्वार आदि पौधों की जड़ें ज्यादा लंबी नहीं होतीं, जबकि इनका तना बहुत लंबा होता है। एेसी स्थिति में लंबे तने को सहारा देने के लिए पौधों के पोर यानी तने की गांठ में से लंबी-लंबी सुतली जैसी जड़ें निकलती हैं और पौधे के अगल-बगल मिट्टी में प्रवेश कर उसको चारों तरफ से सहारा देती हैं। इन जड़ों को सहायक जड़ें कहते हैं।

स्तंभ जड़ें किन्हें कहते हैं.
बरगद के वृक्ष में से उसकी बड़ी-बड़ी डालों में से सुतली जैसी संरचनाएं निकलकर लटकती हैं। ये जमीन में प्रवेश करके मोटे खंभे जैसा रूप धारण कर लेती हैं और पेड़ को ज्यादा क्षेत्रफल में फैलाव करने में मदद करती हैं। एेसी जड़ों को स्तंभ जड़ें कहते हैं।

इस पोस्ट में आपको हवा के परागण को क्या कहा जाता है स्तंभ जड़ें किन्हें कहते हैं,सहायक जड़ें किन्हें कहते हैं,रेशेदार जड़तंत्र की विशेषता बताइए,जड़ किसे कहते हैं,जड़तंत्र किसे कहते हैं,पोधे के विभिन भागों के नाम और कार्य से संबधित जानकारी दी है .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे .अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं.

2 Comments
  1. SONU KUMAR says

    आपकी पोस्ट से कुछ नई बाटे जानने को मिली जो हम नही जानते थे थैंक्यू

  2. SONU KUMAR says

    आपकी पोस्ट से कुछ नई बाटे जानने को मिली जो हम नही जानते थे थैंक्यू

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