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वे कौन-से कारक हैं जिन पर उत्पन्न विद्युत् धारा निर्भर करती है

वे कौन-से कारक हैं जिन पर उत्पन्न विद्युत् धारा निर्भर करती है

(i) कुंडली में लपेटों की संख्या-यदि कुंडली में तार के लपेटों की संख्या बहुत अधिक होगी तो उत्पन्न विद्युत् धारा भी अधिक होगी। लपेटों की संख्या कम होने पर इसमें भी कमी हो जाएगी।
(ii) चुंबक की शक्ति-बंद कुंडली की ओर शक्तिशाली चुंबक बढ़ाने या पीछे हटाने से विद्युत् धारा पर अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। चुंबक की शक्ति अधिक होनी चाहिए।
(ii) चुंबक को कुंडली की ओर बढ़ाने की गति-यदि चुंबक को कुंडली की ओर तेजी से बढ़ाया जाए तो बंद कुंडली में विद्युत् का प्रेरण अधिक होता है।

विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव प्रश्नोत्तरी

प्रश्न . व्यावसायिक मोटरों की शक्ति की वृधि के लिए क्या-क्या किया जाता है ?
उत्तर-(i) स्थायी चुंबकों का प्रयोग नहीं किया जाता बल्कि उनकी जगह विद्युत् चुंबकों का प्रयोग किया जाता
(ii) विद्युत् धारावाही कुंडली में फेरों की संख्या अधिक की जाती है।
(iii) कुंडली नर्म लोह-क्रोड पर लपेटी जाती है।

प्रश्न. किसी क्षैतिज शक्ति संचरण लाइन ( पावर लाइन ) में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर विद्युत् धारा प्रवाहित हो रही है। इसके ठीक नीचे के किसी बिंदु पर तथा इसके ठीक ऊपर के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है ?
उत्तर- विद्युत् धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करने पर हमें तार के नीचे के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर प्राप्त होती है। तार के ठीक ऊपर के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है।

प्रश्न. विद्युत्-शॉक लगने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए ?
उत्तर- मुख्य स्विच बंद करना चाहिए
प्रश्न. विद्युत् कुचालकों के दो उदाहरण दो
उत्तर- लकड़ी, रबड़
प्रश्न. फ्यूज़ में प्रयुक्त होने वाली मिश्रधातु सीसे और टिन की क्यों होती है ?
उत्तर- कम गलनांक के कारण
प्रश्न. बिजली के खंबे को सहारा देने वाली तार को किस मौसम में नहीं छूना चाहिए ?
उत्तर- वर्षा ऋतु में
प्रश्न. विद्युत् चुंबकीय प्रेरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-  चुंबकीय प्रभाव से विद्युत् प्रभाव की उत्पादकता को विद्युत् चुंबकीय प्रेरण कहते हैं
प्रश्न. घरों में बिजली वितरण की कौन-कौन सी पद्धतियां हैं ?
उत्तर- वृक्ष (Tree) पद्धति और मुद्रिका (Ring) पद्धति

प्रश्न. विद्युत् धारा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर- दो प्रकार की-(1) ए० सी० (प्रत्यावर्ती धारा) (2) डी० सी० (दिष्ट धारा)
प्रश्न. मोटर की बैटरी में कौन-सी धारा होती है ?
उत्तर- डी० सी० धारा
प्रश्न. दिष्ट धारा के मुख्य स्रोत क्या हैं ?
उत्तर- शुष्क सैल, बैटरी आदि
प्रश्न. प्रत्यावर्ती धारा का मुख्य स्रोत कौन-सा है ?
उत्तर- गतिशील पानी
प्रश्न. ट्रांसफार्मर किसे कहते हैं ?
उत्तर- विद्युत् की वोल्टता को अधिक या कम करने वाले उपकरण को ट्रांसफार्मर कहते हैं
प्रश्न. घरों और कारखानों में दी जाने वाली प्रत्यावर्ती धारा की वोल्टता कितनी होती है ?
उत्तर- घरों में वोल्टता की धारा 220 तथा कारखानों में 440 होती है
प्रश्न. डाइनमो क्या कार्य करता है ?
उत्तर- यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् में बदलता है

प्रश्न, उच्चयन किसे कहते हैं ?
उत्तर- वोल्टता में वृद्धि करने की क्रिया को
प्रश्न. अपचयन किसे कहते हैं ?
उत्तर- वोल्टता में कमी करने की क्रिया को अपचयन कहते हैं
प्रश्न. वोल्टेज स्थापक किस काम आता है ?
उत्तर- वांछित विभव स्थापित करने के काम
प्रश्न. विद्युत् मीटर में लगी डिस्क में चक्रों की संख्या किन पर निर्भर करती है ?
उत्तर- खर्च हुई शक्ति पर
प्रश्न. विद्युत् शॉक से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- जब हमारे शरीर का कोई अंग बिजली की नंगी तार से छू जाता है, तो हमारे शरीर और पृथ्वी के बीच विभवांतर पैदा हो जाता है, जिससे हमें एक धक्का लगता है इसे विद्युत् शॉक कहते हैं
प्रश्न. फ्यूज़ कैरियर क्या होता है ?
उत्तर- यह चीनी मिट्टी का एंक खोल होता है जिसमें तांबे के दो प्वाइंट होते हैं इन दोनों को फ्यूज की तार द्वारा जोड़ देते हैं इस खोल को फ्यूज कैरियर कहते हैं
प्रश्न. कल-कारखानों में ब्रेकर का क्या काम होता है ?
उत्तर- विद्युत् यंत्रों की अधिक विद्युत् से रक्षा करना

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