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वेल्डिंग क्या होती है और ये कितने प्रकार की होती है

वेल्डिंग क्या होती है और ये कितने प्रकार की होती है

वेल्डिंग : दो समान अथवा असमान धातुओं को उचित तापमान तक गर्म करके जोड़ने की | प्रक्रिया वैल्डिग (welding) कहलाती है। प्रारम्भ में धातुओं को जोड़ने के लिए | उन्हें फ्यूजन स्थिति तक गर्म किया जाता था। इसके पश्चात् गर्म धातुओं को हथौड़े के दबाव से जोड़ दिया जाता था; जैसे-चेन, रिंग इत्यादि, परन्तु बाद में कई अन्य नवीन तकनीकों तथा विधियों का आविष्कार हुआ। इन विधियों में धातुओं को जोड़ने के लिए समस्त कार्यखण्ड को जोड़ने की आवश्यकता नहीं रहती है, मात्र वैल्डिग स्थान को फ्यूजन की स्थिति तक गर्म करके जोड़ दिया जाता है। फ्यूजन के लिए ताप की आवश्यकता होती है, जिसे विभिन्न प्रकार के उपकरणों तथा | प्रक्रमों द्वारा प्राप्त किया जाता है।

वेल्डिंग 2 प्रकार की होती है

आर्क वैल्डिग Arc Welding

आर्क, बिजली के इलेक्ट्रॉडों (कैथोड और एनोड) के मध्य हवा में उत्पन्न किया गया इलेक्ट्रॉनों का विसर्जन है। इसका स्वरूप और गुण फ्लेम के समान होते हैं। विद्युत आर्क अधिक धारा और कम वोल्टेज पर उत्पन्न होता है। यह 10 से 2000 एम्पियर की धारा और 10 से 25 वोल्ट के विभवान्तर के मध्य बन जाती है।स विधि में उपयुक्त स्रोत से धारा प्राप्त करने के पश्चात् इसके एक सिरे को इलेक्ट्रॉड से तथा दूसरे सिरे को कार्यखण्ड से जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉड तथा कार्यखण्ड के मध्य एक परिपथ बन जाता है। इलेक्ट्रॉड तथा कार्यखण्ड के मध्य बने परिपथ में से धारा प्रवाहित होने पर वायु द्वारा उत्पन्न प्रतिरोध के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है तथा कार्यखण्ड के तापमान में 3500°C से 4000°C तक वृद्धि हो जाती है। इस उच्च ताप से धातु पिघल जाती है तथा वैल्डिग जोड़ तैयार हो जाता है।

गैस वैल्डिग Gas Welding

गैस वैल्डिग अब तक प्रचलित वैल्डिग की प्राचीनतम विधियों में से एक तथा बहु-परिवर्तनीय वैल्डिग प्रक्रम है। यह बड़े स्तर पर पाइप और ट्यूबों की वैल्डिग के साथ-साथ मरम्मत कार्यों में भी प्रयुक्त होती है। गैस वैल्डिग विधि में जोड़ के स्थान पर गैस की फ्लेम द्वारा धातु को पिघलने की अवस्था तक गर्म किया जाता है। पिघली धातु के स्थान पर आवश्यकतानुसार पूरक धातु छड़ (filler metal rod) भी इसके साथ-साथ पिघलाई जाती है।धातु से जोड़े जाने वाले किनारों के बीच रिक्त स्थान में पूरक धातु भर दी जाती है, जिससे दोनों किनारों की पिघली धातु आपस में मिल जाती है तथा ठण्डा होने पर मजबूत जोड़ प्राप्त हो जाता है। गैस वैल्डिग विधि में धातु को पिघलाने के लिए ज्वलनशील गैसें प्रयोग की जाती हैं; जैसे-हाइड्रोजन, मीथेन, जल-गैस तथा एसीटिलीन आदि। गैस को लगभग शुद्ध ऑक्सीजन द्वारा जलाया जाता है.

गैस वैल्डिंग उपकरण

गैस वैल्डिग प्रक्रम के अन्तर्गत निम्न उपकरणों एवं उपसाधनों का प्रयोग किया जाता है।

ऑक्सीजन सिलेण्डर

ऑक्सीजन सिलेण्डर 3400 लीटर, 5200 लीटर तथा 6800 लीटर की क्षमता में उपलब्ध होता है। इनमें ऑक्सीजन का दाब 136 से 172 बार तक रहता है। सिलेण्डर में भरी ऑक्सीजन का भार उसके दाब के समानुपाती होता है। इस सिलेण्डर पर काला पेन्ट किया जाता है तथा इसमें दाएँ हाथ की चूड़ियाँ (right hand thread) होती हैं।

एसीटिलीन सिलेण्डर

एसीटिलीन सिलेण्डर विभिन्न क्षमता में उपलब्ध होता है क्योंकि उच्च दाब पर एसीटिलीन स्थायी नहीं रह पाती है इसलिए इसे एसीटोन में घोलकर (dissolved in acetone) रखा जाता है इसलिए इसे डिसोल्वड एसीटिलीन (dissolved acetylene) या डी.ए. भी कहते हैं। एसीटोन बड़ी मात्रा में एसीटिलीन का अवशोषण कर लेता है। 15 किग्रा/सेमी दाब पर यह अपने आयतन की 375 गुना एसीटिलीन गैस अवशोषित कर लेता है और जैसे-जैसे दाब कम होता है यह एसीटिलीन गैस मुक्त करता रहता है।

इसके अलवा कुछ और भी उपकरण भी होते है जिसकी सूचि निचे दी गयी है

  • एसीटिलीन जनित्र
  • हाइड्रॉलिक बैक प्रेशर वाल्व
  •  फ्लैश बैक फायर
  • गैस शुद्धक
  • सुरक्षा वाल्व
  • दाब रेगुलेटर या गैस रेगुलेटर
  • हौज पाइप
  • टॉर्च या ब्लोपाइप
  • सिलेण्डर ट्रॉली
  • लाइटर या इग्नाइटर

आर्क वैल्डिग उपकरण

आर्क वैल्डिग प्रक्रम के अन्तर्गत निम्न उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

वैल्डिग बूथ

आर्क वैल्डिग एक तीव्र चमक उत्पन्न करने वाला प्रक्रम है। वैल्डर हेलमेट, हैण्ड शील्ड तथा एप्रन आदि पहनकर सुरक्षित हो जाता है, परन्तु अन्य मशीनों पर कार्यरत कार्मिकों के लिए यह सम्भव नहीं है अतः वैल्डिग कार्य के लिए आवश्यकतानुसार अलग कक्ष का निर्माण किया जाता है जिसे वैल्डिग बूथ कहते हैं। इसकी दीवारें काले रंग की होती हैं जिससे प्रकाश का परावर्तन (reflection of light) न हो। इसमें वैल्डिग टेबिल तथा अन्य वैल्डिग उपकरण उपलब्ध रहते हैं।

वैल्डिग स्क्रीन

जब वैल्डिग बूथ के बाहर कहीं वैल्डिग करनी होती है, तो वैल्डिग की चमक से अन्य नजदीक ही काम कर रहे कार्मिकों को बचाने के लिए इस प्रकार की स्क्रीन का प्रयोग किया जाता है। यह लकड़ी या लोहे के पाइप के फ्रेम में लकड़ी के तख्ते या प्लाई लगाकर बनाई जाती है यह स्क्रीन हल्की (light) और सन्तुलित (balanced) होनी चाहिए।

विद्युत वैल्डिंग मशीन

विद्युत आर्क वैल्डिंग में दो प्रकार की मशीने प्रयोग की जाती हैं। |

1. डी.सी. वैल्डिग मशीन (DC welding machine)
2.ए.सी. वैल्डिंग मशीन (AC welding machine)

इसके अलवा कुछ और भी उपकरण भी होते है जिसकी सूचि निचे दी गयी है.

  • रेक्टीफायर सैट या इनवर्टर टाइप वैल्डिंग मशीन
  • इलेक्ट्रोड रोड
  • वैल्डिंग केबल
  • वैल्डिग केबल

इस पोस्ट में आपको वेल्डिंग क्या होती है और ये कितने प्रकार की होती है welding kitne prakar ka hota hai arc welding kitne prakar ke hote hain welding kitne prakar ki hoti hai hindi welding rod kitne prakar ke hote hain what is welding welding ke prakar kitne hai types of welding से संबधित जानकारी दी गयी है .

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