घर्षण को परिभाषित करें। घर्षण का कारण क्या है

घर्षण को परिभाषित करें। घर्षण का कारण क्या है

वह प्रतिरोधी बल जो किसी वस्तु के किसी सतह पर चलने के समय लगता है, घर्षण बल कहलाता है।
जब एक वस्तु पर धीरे से धक्का लगाया जाए, तो वह नहीं हिलती। इसका अर्थ हुआ कि जिस सतह पर वस्तु रखी गई है, वह लगाए गए बल के उल्ट दिशा में प्रतिरोध बल लगाती रही है। यह प्रतिरोधक बल घर्षण बल है।
घर्षण के कारण-सभी सतहें अनियमित होती हैं अर्थात् उन पर गड्ढे होते हैं। जब एक सतह दूसरी सतह पर सरकती है, तो यह अनियमितताएँ एक-दूसरे में फँस जाती हैं और प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं। यह घर्षण बल है। अतः घर्षण बल पृष्ठों के खुरदरेपन के कारण होता है।
घर्षण के उत्तरदायी कारक
(I) दो संपर्की सतहों/पृष्ठों की प्रकृति
(Ii) संपर्की क्षेत्र
(Iii) बल जिससे दोनों पृष्ठों को दबाया जाता है।
घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।
 घर्षण के लाभ-यह हमारे दैनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण है।
(I) टहलने, दौड़ने, पर्वतों और पेड़ों पर चढ़ने के लिए घर्षण का उपयोग होता है। सीढ़ियाँ बनाई जाती हैं ताकि फिसलने से बचा जाए।
(Ii) गतिशील वाहन केवल ब्रेक लगाकर रोके जा सकते हैं। कीचड़ में घर्षण न होने के कारण, वाहन को कीचड़ में चलाना अति मुश्किल है। टायरों पर खांचे बनाए जाते हैं ताकि फिसलन न हो सके।
(Iii) घर्षण के बिना गाँठ नहीं बाँधी जा सकती, लकड़ी में कील नहीं लगाया जा सकता, इमारतें नीचे गिर पड़तीं, खाद्य पदार्थ न तो हाथों में पकड़े जाते और न ही दाँतों द्वारा चबाए जाते, कपड़े सिले नहीं जा सकते और पेन से लिखना असंभव होता है।

घर्षण की हानियाँ
(I) यह टूट-फूट का कारण है।
(Ii) घर्षण से ऊर्जा की क्षति होती है और मशीनों की कार्यक्षमता में कमी आती है।
(Iii) घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा मशीनों को नष्ट करती है। यह सब दर्शाता है कि घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।

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