तिलचट्टा ज़मीन पर कैसे गति करता है और वायु में उड़ता है
तिलचट्टा ज़मीन पर कैसे गति करता है और वायु में उड़ता है
तिलचट्टे की गति-तिलचट्टा ज़मीन पर चलता है, दीवार पर चढ़ता है और वायु में उड़ता भी है। इनमें तीन जोड़ी पैर होते हैं। यह चलने में सहायता करते हैं। इसका शरीर कठोर | बाय-कंकाल द्वारा ढका होता है। यह बाय चित्र-तिलचट्टा कंकाल विभिन्न एककों की परस्पर संधियों द्वारा बनता है जिसके कारण गति संभव हो पाती है। तिलचट्टे के उड़ने का कारण यह होता है, क्योंकि इसके वक्ष से दो जोड़े पंख जुड़े होते हैं। जोकि आगे की तरफ से नुकीले और पिछली तरफ से चौड़े होते हैं।यह पंख तिलचट्टे को उड़ने में सहायता प्रदान करते हैं। तिलचट्टे की विशेष पेशियां उसे दीवार पर चलने में सहायता करती हैं और उसके पैर की पेशियों से जमीन पर चलने में सहायता करते हैं। उसके वक्ष की पेशियां तिलचट्टे को उड़ने के समय सहायता करती है और उसके पंखों को गति देती हैंं। यही कारण है फिर तिलचट्टा जमीन पर चलता है, दीवार पर भी चलता है और हवा में भी उड़ता है।
शरीर में गति के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
उत्तर- शरीर का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना गति कहलाता है।
उत्तर- जंतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन अंग अथवा शरीर के किसी भाग से गति करते हैं।
उत्तर- गाय – पैर कीट – पंख (उड़ने में सहायक)
मनुष्य . – पैर मछली – मीन पंख (तैरने में सहायक)
पक्षी – पंख (उड़ने में सहायक)
उत्तर- क्योंकि विभिन्न जंतुओं के गति करने के गमन अंग विभिन्न हैं। इसलिए उनके गति के तरीकों में इतनी विविधता है।
उत्तर- भुजा, टांग
उत्तर- गर्दन, कलाई, अंगुलियां, घुटने, सिर, कोहनी।
उत्तर- अस्थियाँ (Bones)-यह शरीर का कठोरतम भाग हैं जो शरीर को आकार प्रदान करती हैं। हमारे शरीर के प्रत्येक भाग में अनेक अस्थियाँ हैं।
उत्तर- विभिन्न प्रकार की संधियां हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की गतियां करने में सहायता करती हैं।
उत्तर- शरीर के कई भाग जो गति करते हैं, उनकी अस्थियाँ विशेष प्रकार के जोड़ से जुड़ी होती हैं जिसे संधि कहते हैं।
उत्तर- कोहनी, कंधा, गर्दन और घुटने में प्राय: संधि होती है।
उत्तर- संधियों की किस्में-कंदुक खल्लिका संधि, धुराग्र संधि, हिंज संधि, अचल संधि ।
उत्तर- कंदुक खलिल्का संधि कुल्हे और कंधे में होती है।
उत्तर- घुटने और कोहनी में हिंज संधि होती है।
उत्तर- गर्दन और सिर के मध्य धुराग्र संधि होती है।
उत्तर- धुराग्र संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।
उत्तर- ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि होती है।
उत्तर- शरीर में अस्थि ढाँचे को अस्थि पिंजर कहते हैं।
उत्तर- अस्थियाँ हमारे शरीर को सुंदर आकृति प्रदान करती हैं।
उत्तर- एक्स-रे चित्र से हम अस्थियों की संख्या और आकृति के बारे में पता लगा सकते हैं।
उत्तर- चार अस्थियां
इस पोस्ट में तिलचट्टा ज़मीन पर कैसे गति करता है और वायु में उड़ता है ? तिलचट्टा के शरीर में वायु कहां से प्रवेश करती है तिलचट्टे के शरीर में वायु कैसे प्रवेश करती है तिलचट्टा के शरीर में वायु प्रवेश करती है तिलचट्टा में कितने जोड़े श्वास रंध्र पाए जाते हैं तिलचट्टा का श्वसन अंग क्या है तिलचट्टे में कौन सा कंकाल होता है तिलचट्टा कैसे गति करता है ? शरीर में गति प्रश्न उत्तर शरीर में गति से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.
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