बर्नियर 17वीं शताब्दी के नगरों के बारे में क्या कहता है?
बर्नियर 17वीं शताब्दी के नगरों के बारे में क्या कहता है?उसका यह विवरण किस प्रकार संशयपूर्ण है? बर्नियर ने मुगलकालीन शहरों को शिविर नगरों के रूप में क्यों वर्णित किया?
17वीं शताब्दी में लगभग पंद्रह प्रतिशत जनसंख्या नगरों में रहती थी। यह अनुपात उस समय की पश्चिमी यूरोप की नगरीय जनसंख्या के अनुपात से अधिक था। फिर भी बर्नियर मुगलकालीन शहरों को “शिविर नगर” कहता है, जिससे उसका आशय उन नगरों से है जो अपने अस्तित्व के लिए राजकीय शिविर पर निर्भर थे। उसका विश्वास था कि ये नगर राज-दरबार के आगमन के साथ अस्तित्व में आते थे और उसके चले जाने के बाद तेज़ी से विलुप्त हो जाते थे। वह यह भी कहता है कि इनकी सामाजिक और आर्थिक नींव व्यावहारिक नहीं होती थी और ये राजकीय संरक्षण पर आश्रित रहते थे।
परंतु यह बात संशयपूर्ण है। वास्तव में उस समय सभी प्रकार के नगर पाए जाते थे—उत्पादन केंद्र, व्यापारिक नगर, बंदरगाह नगर, धार्मिक केंद्र, तीर्थस्थान आदि। समृद्ध व्यापारिक समुदाय तथा व्यावसायिक वर्ग इनके अस्तित्व के सूचक हैं।