मरुस्थलीय पौधे अपने आपको मरुस्थलीय जलवायु के अनुसार कैसे अनुकूलित कर लेते हैं
मरुस्थलीय पौधे अपने आपको मरुस्थलीय जलवायु के अनुसार कैसे अनुकूलित कर लेते हैं
मरुस्थलीय पौधों में अनुकूलन – मरुस्थलीय पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की बहुत कम मात्रा निष्कासित करते हैं। मरुस्थलीय पौधों में पत्तियों या तो अनुपस्थित होती हैं अथवा बहुत छोटी होती हैं। कुछ पौधों में पत्तियों कयें (शूल) का रूप ले लेती है।इससे पंक्तियों में होंगें। वाले व र्जन में होने वाले जल हास में कमी आती है। नागफनी में पत्ती जैसी जिस संरचना को आप देखते हैं, वह वास्तव में इसका तना है। इन पौधों में प्रकाशसंश्लेषण सामान्यतः तने में होता है। तना एक मोटी मोमी परत से ढका होता है, जिससे पौधों को जल-संरक्षण में सहायता मिलती है। अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती हैं।
पादपों में पोषण से संबंधित प्रश्न उत्तर
पादपों पोषण के बारे में हमे स्कूल से ही पढ़ाया जाता है .इसके बारे में आज परीक्षाओं में भी प्रश्न अक्सर पूछे जाते है .इसलिए पादपों पोषण के बारे हमे भी जानकारी होना बहुत आवश्यक है .इसलिए अगर कोई उम्मीदवार पादपों पोषण के बारे में जानना चाहते है तो उन्हें इस पोस्ट में पादपों पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है .इसलिए आप इन प्रश्न उत्तरो को अच्छे पढ़े.यह प्रश्न उत्तर आपके सामान्य ज्ञान के लिए भी बहुत उपयोगी है .
उत्तर. ताकि मृदा में पोषक तत्वों की कमी पूरी हो सके।
उत्तर. राइजोबियम नामक जीवाणु वायुमण्डल की नाइट्रोजन को विलय पदार्थों में परिवर्तित कर सकता है।
उत्तर. राइजोबियम दाल देने वाले पौधों की जड़ों में पाए जाते हैं।
उत्तर. सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने एवं इसके उपयोग की विधि को पोषण कहते हैं।
उत्तर. जिस पोषण विधि में जीव अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, उसे स्वपोषण कहते हैं।
उत्तर. जो जीव पादपों द्वारा संश्लेषित भोजन ग्रहण करते हैं, उन्हें विषमपोषी कहते हैं।
उत्तर. हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते हैं।
उत्तर. कार्बन डाइऑक्साइड (CO,), जल, क्लोरोफिल तथा सूर्य का प्रकाश।
उत्तर. रन्ध्र (स्टोमेटा)।
उत्तर. पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित जल व खनिज पत्तियों तक वाहिकाएँ पहुँचाती हैं।
उत्तर. पत्तियों में पाए जाने वाला हरा वर्णक क्लोरोफिल कहलाता है।
उत्तर. हरे पौधों द्वारा जल, खनिज व कार्बन डाइऑक्साइड के द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में मंड बनाना प्रकाश संश्लेषण कहलाता है।
उत्तर. दलहनी फसलें मृदा को नाइट्रोजन प्रदान करती हैं।
उत्तर. काँटेदार मरुस्थलीय पौधों में प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम तने व हरी शाखाओं में होता है
उत्तर. शैवाल अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम द्वारा बनाते हैं।
उत्तर. प्रोटीन में मुख्यतः नाइट्रोजन अवयव पाया जाता है।
उत्तर. पौधे नाइट्रोजन को विलयन रूप में (गैसीय अवस्था में नहीं) ही ग्रहण कर सकते हैं।
उत्तर. जीवाणु वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को जल में घुलनशील नाइट्रेटस में बदलने की क्षमता रखते हैं।
उत्तर. अमरबेल में क्लोरोफिल के अभाव के कारण, यह अपना भोजन स्वयं न बनाकर, दूसरे पौधों से प्राप्त करती है।
उत्तर. इसमें हरी पत्तियाँ तो होती हैं, परंतु जल व खनिज आम या महुआ के पौधे से प्राप्त कर अपना भोजन बनाती है।
उत्तर. घटपर्णी, सनड्यू, ब्लैडरवर्ट कीटभक्षी पौधे हैं।
उत्तर. लाइकेन में शैवाल तथा फफूद पौधे साथ-साथ रहते हैं।
उत्तर. जो जीव मरे, गले-सड़े जीवों से ही अपना भोजन ग्रहण करते हैं, उन्हें मृतजीवी कहते हैं।
उत्तर. मशरूम, कुकुरमुत्ता।
उत्तर. नहीं।
उत्तर. कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा तथा खनिज।
उत्तर. हरे पौधे अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं।
उत्तर. जंतु अपना भोजन पौधों से ग्रहण करते हैं।
उत्तर. प्रायः कवक आचार, चमड़े, कपड़े व बासी डबलरोटी आदि पर उगते हैं।
उत्तर. कवक वर्षा ऋतु में सर्वाधिक उगती है।
उत्तर. कवक बीजाणु द्वारा जनन करती है।
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