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परिनालिका में चुंबकीय क्षेत्र की स्थिति कैसी होती है

परिनालिका में चुंबकीय क्षेत्र की स्थिति कैसी होती है

परिनालिका में चुंबकीय क्षेत्र समान होता है। परिनालिका के बाहर चुंबकीय क्षेत्र असमान होता है।परिनालिका के अंदर चुंबकीय बल रेखाएँ दक्षिण से उत्तर ध्रुव और बाहर उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव की ओर होती हैं।

विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव की जानकारी

प्रश्न . आप किस प्रकार सिद्ध करेंगे कि तांबे की तार से प्रवाहित विद्युत् धारा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करती है।
उत्तर- तांबे की एक मोटी तार से विद्युत् धारा गुजारने पर दिक्सूचक सूई विक्षेपित हो जाती है जिससे स्पष्ट हो जाता है कि तार से प्रवाहित विद्युत् धारा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करती है।

प्रश्न . विद्युत् चुंबकत्व के महत्त्व को समझाने में निर्णायक भूमिका निभाने वाले प्रमुख वैज्ञानिक ऑस्टैंड पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- हैंस क्रिश्चियन ऑटेंड ने उन्नीसवीं शताब्दी में सन् 1820 ई० में खोजा था कि धातु की तार से विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर दिक्सूचक सूई में विक्षेप उत्पन्न होता है। उन्होंने अपने प्रयोगों से सिद्ध कर दिया था कि विद्युत् और चुंबकत्व आपस में संबंधित परिघटनाएँ हैं। बाद में उन्हीं के अनुसंधानों के आधार रेडियो, टेलीविज़न, कंप्यूटर, तंतु प्रकाशिकी आदि में प्रयुक्त किए गए। उन्हीं के सम्मान में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक ऑस्टेंड रखा गया।

प्रश्न. प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि किसी चालक तार में से विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर उसके चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।
अथवा
धारा प्रवाहित सीधे सुचालक द्वारा उत्पन्न चुंबकीय बल रेखाओं को दशाइये। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा कैसे परिवर्तित की जा सकती है ?
उत्तर- जब किसी चालक में से विदयत धारा गजारी जाती है तो चालक के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। एक समतल गत्ते का टुकड़ा लो। इस पर एक सफेद कागज लगाकर उसे स्टैंड में क्षैतिज लगाओ। इसके बीचो-बीच एक तांबे की तार गुजारा। तार को एक सैल E तथा कुंजी K से जोड़कर परिपथ पूरा करो। अब कुजी J को दबाकर तार XY में से विद्युत् धारा गुजारो। तार के पास एक चुंबकीय सूई ले जाओ। चुंबकीय सूई एक विशेष दिशा में रुकती है। इस प्रकार इस प्रयोग से यह सिद्ध होता है कि किसी चालक तार में से विद्युत् धारा गुजारने पर इसके चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। जैसेजैसे तार में प्रवाहित विद्युत् धारा के परिमाण में वृद्धि होती है वैसे-वैसे किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण में भी वृद्धि होती है।

किसी चालक से प्रवाहित की गई विद्युत् धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र चालक से दूर जाने पर घटता है। जैसे-जैसे विद्युत् धारावाही सीधे चालक तार से दूर हटते जाते हैं, उसके चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र को निरूपित करने वाले संकेंद्री वृत्तों का साइज बड़ा हो जाता है। सीधे तार में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा को उत्क्रमित करने से चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा भी उत्क्रमित हो जाती हैं।

प्रश्न . मुद्रिका बिजली वितरण व्यवस्था किन कारणों से अच्छी मानी जाती है ?
उत्तर-  यह अधिक सुरक्षित, लगाने में सरल और अपेक्षाकृत सस्ती विद्युत् वितरण व्यवस्था है
प्रश्न. दो प्रकार के जनित्र कहाँ-कहाँ प्रयुक्त होते हैं ?
उत्तर- A.C. जनित्र उद्योगों तथा पॉवर हाऊसिज़ में और D.C. जनित्र कारों आदि में प्रयुक्त होता है
प्रश्न . विद्युत् मोटर किसे कहते हैं ? इस का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर- जो यंत्र विद्युतधारा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है उसे विद्युत मोटर कहते हैं, विद्युत् पंखों, रेफ्रिजरेटरों, विद्युत् मिश्रकों, वाशिंग मशीनों, कंप्यूटरों, MP 3 प्लेयरों आदि में
प्रश्न . व्यावसायिक मोटरों में कौन-से चुंबक प्रयुक्त किए जाते हैं ?
उत्तर- विद्युत् चुंबक
प्रश्न. नर्म लोह क्रोड और कुंडली को मिलाकर क्या कहते हैं ?
उत्तर- आमेचर
प्रश्न. मोटर की शक्ति को कौन बढ़ाता है ?
उत्तर- आर्मेचर
प्रश्न . गैल्वनोमीटर किसे कहते हैं ?
उत्तर- गैल्वनोमीटर एक ऐसा उपकरण है जो किसी परिपथ में विद्युत् धारा की उपस्थिति संसूचित करता है

प्रश्न . विद्युत् चुंबकीय प्रेरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी चालक के परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र के कारण अन्य चालक में विद्युत् धारा प्रेरित होती है, उसे विद्युत् चुंबकीय प्रेरण कहते हैं
प्रश्न . प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) किसे कहते हैं ?
उत्तर- ऐसी विद्युत् धारा जो समान काल-अंतरालों के पश्चात् अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं
प्रश्न. किस विद्युत् धारा में समय के साथ दिशा में परिवर्तन नहीं होता ?
उत्तर- दिष्ट धारा (D.C.)
प्रश्न . दिष्टधारा जनित्र (D.C.) में कैसी विद्युत् धारा उत्पन्न होती है ?
उत्तर- एक दिशिक विद्युत् धारा
प्रश्न. सभी आधुनिक विद्युत् शक्ति संयंत्र कैसी विद्युत् धारा उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर- प्रत्यावर्ती विद्युत् धारा
प्रश्न. हमारे देश में उत्पादित प्रत्यावर्ती विद्युत् धारा कितनी देर बाद अपनी दिशा उत्क्रमित करती है ?
उत्तर- हर सेकेंड के बाद

प्रश्न. प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) की आवृति क्या है ?
उत्तर- 50 हर्ज
प्रश्न. A.C. का महत्त्वपूर्ण लाभ क्या है ?
उत्तर- इसे बिना क्षय के सुदूर स्थानों तक प्रेषित किया जा सकता है
प्रश्न. हमारे देश में धनात्मक और ऋणात्मक तारों के बीच कितना विभवांतर होता है ?
उत्तर- 220 V.
प्रश्न. प्रायः घरों में दो कौन-से विद्युत् पथ होते हैं ?
उत्तर-15 A विद्युत् धारा अनुमतांक तथा 5 A विद्युत् धारा अनुमतांक
प्रश्न. भूसंपर्क तार किसी साघित्र के उपयोग करने वाले व्यक्ति को ………… बचाती है
उत्तर- झटके से
प्रश्न. उच्चविद्युत् धारा के प्रवाह के समय फ्यूज की तार………… जाती है
उत्तर- पिघल
प्रश्न. लघु पथन के समय परिपथ में विद्युत् धारा का मान ………. हो जाता है
उत्तर- अधिक

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