मिट्टी का संरक्षण कैसे कर सकते हैं
मिट्टी का संरक्षण कैसे कर सकते हैं
मृदा संरक्षण (Soil conservation) से तात्पर्य उन विधियों से है, जो मृदा को अपने स्थान से हटने से रोकते हैं। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न विधियाँ अपनाई गई हैं।
मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं
(1) वनोन्मूलन को रोकना, अतिचारण को रोकना और नदियों तथा नालों द्वारा मिट्टी को बहने से रोकना।
(2) अधिक फसल उगाने से मृदा अपरदन रुक सकती है, क्योंकि फसल मृदा को बांधे रखती है।
(3) खेतों के इर्द-गिर्द बंध (Bunds) वर्षा के पानी को रोकते हैं और खनिजों के बहने पर भी रोक लगाते हैं।
(4) सिंचाई की नालियों में पानी की गति कम होनी चाहिए।
(5) वर्षा के पानी के लिए उत्सर्जित नहरें खेतों को मृदा अपरदन से बचाती हैं।
(6) सीढ़ीनुमा खेती भी मिट्टी का संरक्षण करती है।
(7) वायु से मिट्टी का संरक्षण पेड़ लगाकर और घास उगाकर किया जा सकता है। खेत के किनारे पेड़ों की कतार वायुरोधक का काम करती है।
पौधे एवं जंतुओं के संरक्षण के बारे में जानकारी
पौधे एवं जंतुओं के संरक्षण के बारे में हमे स्कूल से ही पढ़ाया जाता है .इसके बारे में आज परीक्षाओं में भी प्रश्न अक्सर पूछे जाते है .इसलिए पौधे एवं जंतुओं के संरक्षण के बारे हमे भी जानकारी होना बहुत आवश्यक है .इसलिए अगर कोई उम्मीदवार पौधे एवं जंतुओं के संरक्षण के बारे में जानना चाहते है तो उन्हें इस पोस्ट में पौधे एवं जंतुओं के संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है .इसलिए आप इन प्रश्न उत्तरो को अच्छे पढ़े.यह प्रश्न उत्तर आपके सामान्य ज्ञान के लिए भी बहुत उपयोगी है .
उत्तर- भूमि पर ताप में वृद्धि से सूखा पड़ता है।
उत्तर-मरुस्थलीकरण-उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण कहलाता है।
उत्तर-वनोन्मूलन से जल-चक्र का संतुलन बिगड़ता है, वर्षा में कमी आती है व सूखा पड़ता है।
उत्तर-मिट्टी में ह्यूमस की कमी, उर्वरता में कमी व भूमि मरुस्थल बन जाता है।
उत्तर- भू-क्षरण।
उत्तर-वनों का काटना और उस भूमि का उपयोग दूसरे उद्देश्यों के लिए करना वनोन्मूलन कहलाता है।
उत्तर-दावानल और भीषण सूखा वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक हैं।
उत्तर-इनसे प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावना बढ़ती है।
उत्तर-पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है।
उत्तर-इससे विश्व ऊष्मण होगा।
उत्तर-पंचमढ़ी जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र।
उत्तर-सरकार संरक्षण और सुरक्षा हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाती है।
उत्तर-जैवमंडल-पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन योग्य हैं।
उत्तर-जैव-विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्म जीवों की प्रजातियों के पारस्परिक संबंध और पर्यावरण से संबंध है।
उत्तर-जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ जैव-विविधता की संरक्षणता होती है।
उत्तर-राष्ट्रीय उद्यान-सतपुड़ा। वन्यजंतु अभ्यारण्य-बोरी एवं पंचमढ़ी।
उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे वनस्पतिजात कहलाते हैं।
उत्तर-साल, टीक, आम, जामुन, चाँदी, फर्ना, अर्जुन आदि।
उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु प्राणिजात कहलाते हैं।
उत्तर-चिनकारा, नीला-बैल, भौंकने वाले हिरण, चीता, जंगली कुत्ता, भेड़िया आदि ।
उत्तर-स्पीशीज़ सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम है।
उत्तर-किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु, पेड़-पौधे विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ (Endemic) कहलाते हैं। यह भौगोलिक क्षेत्र, प्रांत, देश, राज्य कुछ भी हो सकता है।
उत्तर-(i) भारतीय विशाल गिलहरी,
(ii) उड़ने वाली गिलहरी।
उत्तर-(i) साल (ii) जंगली आम।
उत्तर-(i) आवास का नष्ट होना
(ii) जनसंख्या वृद्धि
(iii) नई स्पीशीज़ को शामिल करना।
उत्तर-वे क्षेत्र जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं, वन्यप्राणी अभ्यारण्य कहलाते हैं।
उत्तर-काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, गुलाबी सिर वाली बतख, घड़ियाल, मार्च मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि।
उत्तर-प्राणी उद्यान वे क्षेत्र हैं जहाँ जानवर सुरक्षित रखे जाते हैं।
उत्तर-राष्ट्रीय उद्यान, वे आरक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ सभी प्रकार के पारितंत्रों की सुरक्षा की जाती है।
उत्तर-सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
उत्तर-सबसे बढ़िया टीक।
उत्तर-सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान शरण पाए जाते हैं।
उत्तर-आदिमानव के जीवनकाल की।
उत्तर-55.
उत्तर-प्रोजेक्ट टाइगर 1 अप्रैल, 1973 में सरकार द्वारा भारतीय टाइगरों की सुरक्षा हेतु लागू हुआ।
उत्तर-वे स्पीशीज़ अथवा जंतु जिनकी संख्या में कमी हो रही है और विलुप्त होने की संभावना है, संकटापन्न स्पीशीज़ कहलाते हैं।
उत्तर-डाइनोसॉर।
उत्तर-किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र, पारितंत्र कहलाता है।
उत्तर-W.W.W./gov.in/envis/primates/page 102/htm/new/nwdc/plats. htm.
उत्तर-सुरखाब।
उत्तर-सुरखाब, चपटे सिर वाली बत्तख़, ग्रेट कोमोनैट।
उत्तर-प्रवासी पक्षी, वे पक्षी हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक जगह से दूसरी जगह तक लंबा रास्ता तय कर पहुँचते हैं।
उत्तर-लगभग 17 पूरी तरह फैले हुए हरे-भरे पेड़।
उत्तर-पुनर्वनरोपण नष्ट किए गए पेड़ों की जगह नए पेड़ उगाना है।
उत्तर-प्रदूषण का बढ़ना, वायुमंडल का तापमान बढ़ना, वायु में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ना ।
उत्तर-वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से ताप में होने वाली वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं।
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